पोप लियो 14वें ने खुद को रोमन घोषित किया
पोप लियो 14वें ने रोम के बिशप के रूप में अंतिम औपचारिकताएं पूरी करने के बाद रविवार को खुद को रोमन घोषित किया। पहले अमेरिकी पोप ने रोम के गिरजाघर ‘सेंट जॉन लेटरन बेसिलिका’ में औपचारिक रूप से गद्दी संभाली और रोमन पादरियों एवं अनुयायियों की मौजूदगी में शाम को सामूहिक प्रार्थना सभा आयोजित की। इसके बाद वह ‘पोपमोबाइल’ (पोप के लिए विशेष रूप से तैयार वाहन) से ‘सेंट मैरी मेजर’ गए, जहां उन्होंने पोप फ्रांसिस की कब्र और वर्जिन मैरी की तस्वीर के सामने प्रार्थना की। अपने उपदेश में लियो ने कहा कि वह ‘‘सीखने, समझने और साथ मिलकर निर्णय लेने के लिए’’ उन्हें खुद के करीब महसूस करना चाहते थे। लियो ने आठ मई को पोप चुने जाने पर कई उपाधियां ग्रहण कीं जिनमें से एक रोम बिशप है। सेंट जॉन लेटरन में रविवार को आयोजित समारोह और सेंट मैरी मेजर बेसिलिका की यात्रा पिछले सप्ताह लियो की सेंट पॉल आउटसाइड द वॉल्स बेसिलिका की यात्रा के बाद हुई। लियो का स्वागत सबसे पहले रोम के मेयर रॉबर्टो गुआल्टिएरी ने सिटी हॉल की सीढ़ियों पर किया। लियो ने कहा, ‘‘विशेष उपाधि मिलने पर आज मैं कह सकता हूं कि मैं रोमन हूं।

पोप लियो 14वें ने खुद को रोमन घोषित किया
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पोप लियो 14वें ने रोम के बिशप के रूप में अंतिम औपचारिकताएं पूरी करने के बाद रविवार को खुद को रोमन घोषित किया। वह पहले अमेरिकी पोप हैं जिन्होंने इस विशेष अवसर पर सेंट जॉन लेटरन बेसिलिका में औपचारिक रूप से गद्दी संभाली। इस समारोह में रोमन पादरियों एवं अनुयायियों की मौजूदगी में शाम को सामूहिक प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया।
पहला अमेरिकी पोप
पोप लियो 14वें का चुनाव 8 मई को हुआ था, और इसके साथ ही उन्होंने कई उपाधियां ग्रहण कीं, जिनमें एक प्रमुख उपाधि रोम के बिशप की है। उनके उत्साह और धर्म सेवा के प्रति प्रतिबद्धता ने उन्हें इस ऐतिहासिक क्षण तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
सेंट जॉन लेटरन की भवन यात्रा
सेंट जॉन लेटरन बेसिलिका में समारोह के बाद, वह विशेष पोपमोबाइल में सेंट मैरी मेजर की यात्रा पर गए। यहां उन्होंने पोप फ्रांसिस की कब्र और वर्जिन मैरी की तस्वीर के सामने प्रार्थना की। लियो ने अपने उपदेश में कहा कि वे "सीखने, समझने और साथ मिलकर निर्णय लेने के लिए" अपने अनुयायियों से करीब महसूस करना चाहते हैं।
रोम के मेयर का स्वागत
लियो का स्वागत सबसे पहले रोम के मेयर रॉबर्टो गुआल्टिएरी ने सिटी हॉल की सीढ़ियों पर किया। उन्हें विशेष उपाधि मिलने पर गर्व का अनुभव हो रहा था। उन्होंने कहा, "आज मैं कह सकता हूं कि मैं रोमन हूं।" यह वाक्य उनकी सेवा और जिम्मेदारियों की गंभीरता को दर्शाता है। उनकी यात्रा रोम के लिए एक नई शुरुआत हो सकती है, जिसमें समीकरणों को नया रुख देने की संभावना है।
भविष्य के लिए संभावनाएं
पोप लियो 14वें के दृष्टिकोण में काई महत्वाकांक्षाएं हैं, जिनमें मानवता की सेवा करना, सांस्कृतिक समावेशीकरण और समकालीन चुनौतियों का सामना करना शामिल है। यह उनके लिए और पूरे कैथोलिक समुदाय के लिए एक बहुआयामी अवसर है।
निष्कर्ष
पोप लियो 14वें का यह ऐतिहासिक निर्णय कैथोलिक चर्च के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय जोड़ता है। उनके नेतृत्व में, चर्च में आशा और संभावनाओं का एक नया युग शुरू हो सकता है, जो उन्हें और उनके अनुयायियों को एक दिशा दिखाने का कार्य करेगा।
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