कृषि कोल्ड चेन निर्माण: कच्चे कृषि उत्पादों के संरक्षण का समाधान

देश की खाद्य सुरक्षा, स्थिरता और आर्थिक विकास में कोल्ड चेन सेक्टर का अहम योगदान है. भारत का कोल्ड चेन बाजार फिलहाल लगभग 10.5 अरब डॉलर से अधिक का है और आने वाले समय में यह 74.5 अरब डॉलर का हो जाएगा. इस कड़ी में स्वदेशी और विदेशी कंपनियों का सहयोग लिया जा रहा है. दक्षिण एशिया की प्रमुख रेफ्रिजरेशन और कोल्ड चेन प्रदर्शनी, रेफकोल्ड इंडिया 2025 का 8वां संस्करण भारत मंडपम में आयोजित किया गया. The post Agriculture: कच्चे कृषि उत्पाद के लिए कोल्ड चेन की क्षमता विकसित करने पर किया गया मंथन appeared first on Prabhat Khabar.

कृषि कोल्ड चेन निर्माण: कच्चे कृषि उत्पादों के संरक्षण का समाधान
कृषि कोल्ड चेन निर्माण: कच्चे कृषि उत्पादों के संरक्षण का समाधान

कृषि कोल्ड चेन निर्माण: कच्चे कृषि उत्पादों के संरक्षण का समाधान

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कम शब्दों में कहें तो, भारत में हर साल करोड़ों रुपये के कच्चे कृषि उत्पाद, उचित सुविधाओं के बिना बर्बाद हो जाते हैं। ऐसे में, कोल्ड चेन के विस्तार की ज़रूरत पर जोर दिया जा रहा है, जिससे न केवल फसल की बर्बादी रोकी जा सके, बल्कि किसानों को आर्थिक लाभ भी पहुंचाया जा सके। हाल ही में, दक्षिण एशिया की प्रमुख कोल्ड चेन और रेफ्रिजरेशन प्रदर्शनी, रेफकोल्ड इंडिया 2025 का आयोजन किया गया, जिसमें इन मुद्दों पर गहन चर्चा की गई। इस प्रदर्शनी में स्वदेशी और विदेशी कंपनियों ने हिस्सा लिया।

कोल्ड चेन की महत्वता और उसकी संभावनाएं

देश की खाद्य सुरक्षा, स्थिरता और आर्थिक विकास में कोल्ड चेन सेक्टर की अहम भूमिका है। वर्तमान में, भारत का कोल्ड चेन बाजार करीब 10.5 अरब डॉलर का है, जो आने वाले समय में 74.5 अरब डॉलर तक पहुँचने की उम्मीद है। इस स्थिति में, सरकार ने विदेश और स्वदेशी कंपनियों के सहयोग से कोल्ड चेन के विस्तार के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की है।

रेफकोल्ड इंडिया 2025 प्रदर्शनी: एक प्लेटफार्म

रेफकोल्ड इंडिया 2025 का 8वां संस्करण भारत मंडपम में आयोजित किया गया। इस तीन दिवसीय प्रदर्शनी का आयोजन आईएसएचआरएई (इंडियन सोसायटी ऑफ हीटिंग, रेफ्रिजरेटिंग एंड एयर कंडीशनिंग इंजीनियर्स) और इन्फॉर्मा मार्केट्स ने किया। इस अवसर पर उद्योग, सरकार और वैश्विक कंपनियों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। इसमें कोल्ड-चेन उद्योग के विकास और उसकी अर्थव्यवस्था में भूमिका पर चर्चा की गई।

प्रदर्शनी का उद्घाटन कृषि मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों, नेशनल सेंटर फॉर कोल्ड चेन डेवलपमेंट के प्रतिनिधियों और विभिन्न उद्योगों के प्रमुखों ने किया। उद्घाटन समारोह में ऊर्जा संक्रमण पर एक रिपोर्ट भी प्रस्तुत की गई।

कोल्ड चेन के क्षेत्र में भारत की स्थिति

भारत आज विश्व का दूसरा सबसे बड़ा बागवानी उत्पादक है, जिसकी उत्पादन क्षमता 365 मिलियन मीट्रिक टन तक पहुंच चुकी है। हालांकि, फसल कटाई के बाद का लगभग 15 फीसदी नुकसान हो रहा है, जो करीब 15 मिलियन मीट्रिक टन बर्बाद कर देता है। इससे न केवल किसानों को आर्थिक नुकसान होता है, बल्कि उपभोक्ताओं को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है। केंद्र सरकार इस स्थिति को सुधारने के लिए काम कर रही है और वर्ष 2047 तक नुकसान को 5 फीसदी से कम करने का लक्ष्य रखा गया है।

आर्थिक संवृद्धि और विकास के अवसर

रेफकोल्ड इंडिया 2025 प्रदर्शनी में शामिल कंपनियों जैसे कोपलैंड, डाइकिन, डनफोस, करियर ट्रांसिकोल्ड और लुवे, ने न केवल भारतीय बल्कि विदेशी प्रतिनिधियों को भी यह विश्वास दिलाने की कोशिश की है कि कोल्ड चेन के विस्तार से विभिन्न क्षेत्रों जैसे फार्मा, समुद्री उत्पाद, डेयरी, मांस, हॉस्पिटैलिटी, लॉजिस्टिक्स और खाद्य प्रसंस्करण में भी सुधार होगा। नेपाल, श्रीलंका, मध्य-पूर्व, दक्षिण अफ्रीका और केन्या के प्रतिनिधियों ने इस क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के उपायों पर चर्चा की।

कुल मिलाकर, यह मंथन न केवल कृषि के विकास के लिए आवश्यक है, बल्कि यह देश की खाद्य सुरक्षा और आर्थिक वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है।

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भावनाओं के साथ, टीम द ओड नारी (जायसी तिवारी)