आतंक की फैक्ट्री Pakistan को मिला IMF से लोन, भारत ने किया था कड़ा विरोध
पाकिस्तान ने यह दावा किया है कि इस अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के कार्यकारी बोर्ड से एक मिलियन डॉलर की आर्थिक मदद मिल गई है। पाकिस्तान द्वारा किए गए दावे में कहा गया है कि उसे आर्थिक मदद दिए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। कई मीडिया रिपोर्ट्स में इसकी पुष्टी हुई है। वहीं सोशल मीडिया पर आईएमएफ को यूजर्स ने आतंकवाद का समर्थक बुला रहे है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा लोन को मंजूरी दिए जाने के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ के कार्यालय ने संतोष व्यक्त किया है। गौरतलब है कि भारत ने पाकिस्तान को कर्ज दिए जाने का पुरजोर विरोध किया था। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष बोर्ड को 7 बिलियन कार्यक्रम की समीक्षा और 2 साल से अधिक समय के लिए 13 बिलियन डॉलर के नए कर्ज को लेकर चर्चा करनी थी। मुद्रा कोष से लोन को मंजूरी मिलने के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने कहा कि आईएमएफ की तरफ से पाकिस्तान के लिए एक अरब डॉलर की किस्त को मंजूरी मिली है। यह भारत की दबाव बनाने की रणनीति को लेकर एक बड़ी असफलता है। पाकिस्तान प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से ये बयान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जारी किया गया है। भारत ने किया विरोध बता दें कि भारत अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की ओर से पाकिस्तान को प्रस्तावित बेल आउट पैकेज देने का विरोध किया था। यहां तक की भारत ने पैकेज दिए जाने के लिए होने वाले मतदान से भी किनारा कर लिया था। भारत ने वोटिंग ना करने के पीछे कारण बताया था कि इस्लामाबाद की वित्तीय सहायता का उपयोग करने का रिकॉर्ड बेहद खराब रहा है। आईएमएफ के समक्ष एक सक्रिय और जिम्मेदार सदस्य देश के रूप में, भारत ने पाकिस्तान के मामले में IMF कार्यक्रमों की प्रभावशीलता पर चिंता जताई, इसके खराब ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए, और राज्य प्रायोजित सीमा पार आतंकवाद के लिए ऋण वित्तपोषण निधि के दुरुपयोग की संभावना पर भी प्रकाश डाला था।

आतंक की फैक्ट्री Pakistan को मिला IMF से लोन, भारत ने किया था कड़ा विरोध
The Odd Naari
लेखिका: प्रिया शर्मा, टीम नेता-नागरी
परिचय
आतंकवादी गतिविधियों के लिए पहचान बना चुके पाकिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से 3 बिलियन डॉलर का लोन मिलने की सूचना आई है। भारत ने इस लोन के खिलाफ कड़ा विरोध किया है। यह कदम न केवल आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता के लिए भी इसका गहरा प्रभाव पड़ेगा।
Pakistan का IMF से लोन
IMF से लोन प्राप्त करने के लिए पाकिस्तान ने कई स्वीकृतियों और आर्थिक सुधारों की प्रक्रिया का पालन किया है। इस लोन का उद्देश्य पाकिस्तान के बढ़ते आर्थिक संकट को प्रभावी ढंग से संभालना और विदेशी मुद्रा भंडार को मजबूत करना है। हालांकि, इसी लोन को लेकर भारत ने अपनी चिंताओं को व्यक्त किया है।
भारत का कड़ा विरोध
भारत सरकार ने पाकिस्तान को IMF से मिलने वाले लोन पर गहरी चिंता जताई है। भारतीय अधिकारियों का कहना है कि यह लोन आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष करने वाले देशों के लिए एक खतरा है। उनका मानना है कि पाकिस्तान अपने लोन का उपयोग आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए करेगा।
आर्थिक स्थिति और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया
पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति काफी दयनीय है, और IMF का यह लोन उसके लिए एक संजीवनी बूटी की तरह है। मगर, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने इसे सही नहीं माना। भारत ने इस मुद्दे को अमेरिका और अन्य महत्वपूर्ण देशों के सामने उठाया है, ताकि इनके द्वारा पाकिस्तान की आर्थिक सहायता की पड़ताल की जा सके।
आगे की राह
अगर पाकिस्तान इस लोन का उपयोग आतंकवाद के लिए करता है, तो इससे क्षेत्र में अस्थिरता बढ़ सकती है। भारत ने यह भी सुझाव दिया है कि IMF को ऐसी स्थितियों का ध्यान रखना चाहिए, जहां लोन प्राप्त करने वाले देशों का रिकॉर्ड आतंकवाद के प्रति सजग न हो।
निष्कर्ष
पाकिस्तान को IMF से मिलने वाले लोन का मामला न केवल आर्थिक है, बल्कि यह क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए भी एक गंभीर मुद्दा है। भारत का कड़ा विरोध इसके लिए उचित है, क्योंकि आतंकवाद के प्रति सजग रहना आज की आवश्यकता है। भविष्य में देखना होगा कि IMF इस मामले में क्या कदम उठाता है और क्या पाकिस्तान अपने आर्थिक संकट को सही दिशा में ले जाने में सफल हो पाएगा।