असाधारण साहस: विश्वास कुमार ने अस्पताल से डिस्चार्ज होते ही भाई की अर्थी को दिया कंधा, एयर इंडिया विमान हादसे का भावुक दृश्य
12 जून को अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया के विनाशकारी विमान हादसे में जीवित बचे एकमात्र व्यक्ति को अपने भाई अजय रमेश का पार्थिव शरीर ले जाते हुए देखा गया, जो उसी विमान में यात्रा कर रहा था। बुधवार को एक मार्मिक वीडियो में रमेश को जले हुए घावों से उबरते हुए दिखाया गया, जो अपने भाई की अर्थी को कंधा दे रहा था, जबकि परिवार और शोक मनाने वाले लोग अंतिम संस्कार के लिए दीव में एकत्र हुए थे। रमेश इससे पहले विमान के बीजे मेडिकल कॉलेज के छात्रावास से टकराने के बाद जलते हुए मलबे से बाहर निकलते हुए एक वीडियो में दिखाई दिए थे। उन्हें गंभीर चोटों और जलने के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन हाल ही में उनकी हालत स्थिर होने के बाद उन्हें सिविल अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। इसे भी पढ़ें: Plane Crash Site: लाशों के ढेर से मिला ढेर सारा सोना, 80,000 कैश, सब हैरानविभिन्न राज्यों में अंतिम संस्कार किए गएदुर्घटना में मारे गए सात अन्य लोगों के शवों को भी अंतिम संस्कार के लिए दीव लाया गया। मंगलवार को कैप्टन सुमीत सभरवाल, वरिष्ठ चालक दल की सदस्य अपर्णा महादिक और चालक दल की सदस्य मैथिली पाटिल का अंतिम संस्कार उनके संबंधित गृहनगरों मुंबई, रायगढ़ और गोरेगांव में किया गया।इसे भी पढ़ें: एक ही दिन में AI ने कैंसल कर दी दूसरी फ्लाइट, दिल्ली से पेरिस के बीच दो फ्लाइट रद्दडीएनए मिलान से पहचान की पुष्टि होने के बाद मृतकों की संख्या में हुई वृद्धि अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि डीएनए परीक्षण के माध्यम से अब तक 190 दुर्घटना पीड़ितों की पहचान की जा चुकी है, जिनमें से 159 शव पहले ही परिवारों को सौंप दिए गए हैं। लंदन जा रहा एयर इंडिया का AI-171 विमान, जिसमें 242 लोग सवार थे, उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें विमान में सवार एक व्यक्ति को छोड़कर सभी की मौत हो गई और जमीन पर कम से कम 32 लोग मारे गए। मृतकों में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी शामिल थे, जिनका अंतिम संस्कार सोमवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया।#WATCH | Diu | Lone survivor of AI-171 flight crash, Vishwas Ramesh Kumar, mourns the death of his brother Ajay Ramesh, who was travelling on the same flightVishwas Ramesh Kumar is a native of Diu and is settled in the UK. pic.twitter.com/fSAsCNwGz5— ANI (@ANI) June 18, 2025

असाधारण साहस: विश्वास कुमार ने अस्पताल से डिस्चार्ज होते ही भाई की अर्थी को दिया कंधा, एयर इंडिया विमान हादसे का भावुक दृश्य
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कम शब्दों में कहें तो, 12 जून को अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया विमान हादसे में भयानक घटना का शिकार हुए लोगों में से एकमात्र जीवित बचे व्यक्ति, विश्वास कुमार, ने अपने भाई अजय रमेश की अर्थी को कंधा दिया। एक हालिया वीडियो में उनकी संघर्ष और साहस को देखकर हर किसी की आंखों में आंसू आ गए। यह दृश्य न केवल परिवार के लिए, बल्कि सम्पूर्ण समाज के लिए दिल को छू लेने वाला था।
हादसे की भयावहता
भारतीय एयरलाइंस का AI-171 विमान, जो लंदन जा रहा था, 12 जून को कुछ ही मिनटों में दुर्घटना का शिकार हो गया। विमान में कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें से केवल विश्वास कुमार ही सुरक्षित निकले। एक भावुक वीडियो में देखा गया कि कैसे विश्वास गंभीर जलन और चोटों के बाद जलते हुए मलबे से बाहर आए। उनकी बहादुरी और साहस ने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया।
भाई की अर्थी को कंधा देने का पल
अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद, विश्वास सीधे दीव पहुंचे, जहां उनका भाई अजय रमेश अंतिम संस्कार के लिए रखे गए थे। परिवार और मित्रों के बीच आंसू भरे आंखों में विश्वास ने अपने भाई की अर्थी को कंधा दिया। इस भावुक क्षण ने हर किसी की संवेदनाओं को छू लिया। यह एक सामान्य भाई का कर्तव्य नहीं था, बल्कि यह भारतीय संस्कृति के उन गहरे बंधनों को भी दर्शाता है, जहां परिवार सदैव एक-दूसरे के साथ खड़ा रहता है।
अन्य पीड़ितों की अंतिम विदाई
इस त्रासदी में कुल आठ लोग मारे गए। जिसमें से कुछ का अंतिम संस्कार उनके गृहनगरों में किया गया। कैप्टन सुमीत सभरवाल, वरिष्ठ क्रू सदस्य अपर्णा महादिक और मैथिली पाटिल जैसे कई अन्य सदस्यों की अंतिम विदाई उनके परिवारों ने पूरे सम्मान के साथ की। इस दुर्घटना ने न केवल विश्वास के परिवार को, बल्कि देश को भी गहरे सदमे में डाल दिया।
पीड़ितों की पहचान की प्रक्रिया
इस हादसे के पीड़ितों की पहचान के लिए डीएनए परीक्षण का सहारा लिया गया है। अधिकारियों ने पुष्टि की है कि अब तक 190 पीड़ितों की पहचान की जा चुकी है, जिनमें से 159 शव पहले ही परिवारों को सौंपे जा चुके हैं। यह प्रक्रिया बेहद कठिन थी, लेकिन पीड़ितों के परिवारों को closure उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक थी।
निष्कर्ष और विचार
यह भयावह दुर्घटना केवल एक परिवार का दुख नहीं है, बल्कि पूरे देश का मर्माहत होना है। विश्वास कुमार का संघर्ष हमें यह सिखाता है कि कठिन समय में परिवार और प्रेम का बंधन कितना मजबूत होता है। इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि किसी और को इस तरह के दर्द का सामना न करना पड़े। हमारी संवेदनाएं इस कठिन समय में विश्वास और उनके परिवार के साथ हैं।
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