भारत के लिए अड़ियल रुख: थरूर का मजबूती से अन्याय का मुकाबला
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने परोक्ष रूप से अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट पर उनके इस बयान को लेकर निशाना साधा है कि भारत अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता में थोड़ा अड़ियल रुख अपना रहा है। थरूर ने कहा कि अड़ियल रवैया अपनाना, अन्याय के प्रति विनम्र या सहमत होने से कहीं बेहतर है। अक्तूबर के अंत तक सभी शुल्क और व्यापार समझौतों को पूरा करने के बारे में पूछे गए प्रश्न का उत्तर देते हुए बेसेंट ने कहा था कि वह (भारत) आकांक्षापूर्ण है। बेसेंट ने मंगलवार को ‘फॉक्स बिजनेस’ के साथ बातचीत में कहा था, ‘‘लेकिन मुझे लगता है कि हम अच्छी स्थिति में हैं। बड़े व्यापार समझौते जो नहीं हुए हैं या जिन पर सहमति नहीं बनी है-उस सिलसिले में स्विट्जरलैंड अब भी बचा हुआ है, भारत थोड़ा अड़ियल रुख अपना रहा है। अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जैमीसन ग्रीर और उनके वकीलों की टीम इन सब पर दस्तावेज तैयार करने में व्यस्त है।’’ थरूर ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘मैंने सुना है कि कुछ लोग भारत पर अड़ियल होने का आरोप लगा रहे हैं। मैं कहता हूं कि अन्याय के प्रति विनम्र या मौन रहने से बेहतर है कि अड़ियल बना जाए।’’ भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता चल ही रही थी कि ट्रंप ने भारत पर कुल 50 प्रतिशत शुल्क लगा दिया, जिसमें रूसी तेल की खरीद को लेकर लागू 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ भी शामिल है। यह टैरिफ 27 अगस्त से लागू होगा। भारत ने इसे अनुचित एवं अतार्किक बताया है।

भारत के लिए अड़ियल रुख: थरूर का मजबूती से अन्याय का मुकाबला
कम शब्दों में कहें तो, कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि भारत का अड़ियल रुख अन्याय के खिलाफ खड़े होने का एक बेहतर तरीका है। थरूर का यह संदेश भारतीय व्यापार नीति के मौजूदा संदर्भ में अत्यधिक महत्वपूर्ण है।
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अमेरिकी वित्त मंत्री की टिप्पणियाँ
हाल ही में, अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने व्यापार वार्ता के संदर्भ में भारत को 'अड़ियल' बताया था। उन्होंने कहा था कि अमेरिका का व्यापार स्थिति मजबूत है और स्विट्जरलैंड के साथ कुछ बड़े व्यापार समझौतों पर सहमति की कमी के कारण भारत का व्यवहार थोड़ा अड़ियल है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, थरूर ने एक्स प्लेटफॉर्म पर लिखा, "अन्याय के प्रति विनम्र या मौन रहना बेहतर है कि अड़ियल बना जाए।"
भारत और ट्रंप प्रशासन द्वारा लगाए गए टैरिफ
भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने का निर्णय अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन द्वारा लिया गया था। इसमें रूसी तेल की खरीद पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ भी शामिल है, जो 27 अगस्त से लागू होगा। भारत ने इस टैरिफ को अनुचित और अतार्किक बताते हुए उस पर कड़ी आपत्ति उठाई है। यह स्थिति भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों में तनाव का संकेत देती है।
थरूर का स्पष्ट संदेश
थरूर का यह रुख न केवल राजनीतिक दृष्टिकोण से, बल्कि आर्थिक जानकारों के लिए भी महत्वपूर्ण है। उनका कहना है कि अड़ियल रहना तब आवश्यक है जब बड़ी शक्तियाँ भारत पर दबाव डालती हैं। यह बताए जाने पर भी कि यह उन्हें अड़ियल कहा गया है, थरूर ने अपने बयानों से भारत के मामलों की गंभीरता को रेखांकित किया है।
भारत और अमेरिका के बीच चल रही व्यापार वार्ता
चालू भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता में कई मुद्दों पर सहमति बनानी है, जो दोनों देशों के लिए फायदेमंद हों। यहां चुनौती यह है कि क्या भारत को अमेरिका की व्यापार नीतियों के प्रति लचीला रहना चाहिए या अपने राष्ट्रीय हितों के लिए अड़ियल रुख अपनाना चाहिए। यह एक ऐसा प्रश्न है जो समय-समय पर उठता रहा है।
निष्कर्ष
अंततः, शशि थरूर का यह बयान इस बात का प्रतीक है कि भारत अपनी स्वतंत्रता और आर्थिक हितों की रक्षा के लिए हर स्थिति में अड़ियल रवैया अपनाने के लिए तैयार है। उनकी बातों ने स्पष्ट रूप से यह संदेश दिया है कि भारत को हमेशा न्याय के लिए खड़ा रहना चाहिए, चाहे परिस्थितियाँ कितनी भी चुनौतीपूर्ण क्यों न हों।
इस स्थिति ने साबित कर दिया है कि भारत केवल अपने अधिकारों की रक्षा कर रहा है। यह न केवल भारत की स्थिति को उजागर करता है, बल्कि विश्व पटल पर भी एक मजबूत राजनीतिक संदेश भेजता है।
लेखक: प्रियंका शर्मा - टीम The Odd Naari