बिहार की नई जीएसटी नीति: रोटी, कपड़ा और बीमा अब होंगे सस्ते!
बिहार चुनाव से पहले डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी की बात मान ली गई है। चुकिं बिहार विकास के पथ पर तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में जीएसटी काउंसिल का ये फैसला बिहार के लिए भी ऐतिहासिक है। जीएसटी काउंसिल ने बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के सुझावों को मानते हुए टैक्स स्ट्रक्चर में बड़ा बदलाव किया है। अब जीएसटी टैक्स स्लैब घटाकर सिर्फ 12 और 5 प्रतिशत तक सीमित कर दिया गया है, जबकि कई जरूरी वस्तुओं पर जीएसटी पूरी तरह शून्य कर दिया गया है। इसे भी पढ़ें: 7 सितंबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करेंगे महिला रोजगार योजना की शुरुआत रोटी-पराठे टैक्स फ्री किताब–कॉपी अब सस्तेउपमुख्यमंत्री ने बताया कि हमारी प्राथमिकता बिहार की जनता है। बिहार की जनता का जीवन आसान हो यही हमारी प्राथमिकता है। जीएसटी काउंसिल के इस फैसले से बिहार के गरीब और मिडिल क्लास लोगों से टैक्स का बोझ कम होगा। रोटी, तेल, नमकीन, टेक्सटाइल,, हैंडपंप, ट्रैक्टर, खेल सामग्री, फुटवेयर और निर्माण सामग्री पर टैक्स घटाया गया है। अब किसी भी प्रकार की रोटी पर टैक्स नहीं लगेगा, जबकि पहले पराठे पर 18 फीसद तक टैक्स देना पड़ता था। बेसिक जरूरत की वस्तुएं सस्ती होंगी : सम्राट चौधरीसम्राट चौधरी ने बताया कि हमने इस बदलाव में इस बात का ध्यान रखा है कि बेसिक जरूरत वाली चीजों पर कम से कम टैक्स हो। इस फैसले के तहत किताब, कॉपियां, दूध की बोतलें, नवीकरणीय ऊर्जा उपकरण, इलेक्ट्रॉनिक सामान और रोजगार से जुड़ी कई वस्तुएं अब सस्ती होंगी। स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर भी जीएसटी शून्य कर दिया गया है।"गरीब, किसान और आम आदमी को मिलेगी राहत"सम्राट चौधरी ने कहा कि यह बदलाव गरीबों, किसानों और आम जनता को ध्यान में रखकर किया गया है। बिहार ने इस ऐतिहासिक फैसले में अहम भूमिका निभाई है। जब देश की अर्थव्यवस्था बूम करेगी, तो बिहार का योगदान सबसे आगे रहेगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का आभार जताते हुए कहा कि यह निर्णय प्रधानमंत्री के विकसित भारत 2047 के संकल्प की दिशा में मजबूत कदम है। इसे भी पढ़ें: भारत के प्रधानमंत्री को पूरा विश्व दे रहा सम्मान और विपक्ष कर रहा अपमानविपक्ष पर निशानासम्राट चौधरी ने तंज कसते हुए कहा कि अगर लालू प्रसाद यादव को अर्थव्यवस्था की समझ होती, तो बिहार की हालत ऐसी न होती। उन्होंने दावा किया कि आज बिहार के सुझावों को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिलने से पूरे राज्य का गौरव बढ़ा है।बिहार की जनता के लिए क्या मायने?अब रोजमर्रा की जरूरत की चीजें और होंगी सस्तीकिसानों को मशीनरी और हैंडपंप के दाम भी होंगे कमछात्रों को किताबें और कॉपियों की कीमत भी कम होगीपरिवारों को स्वास्थ्य और जीवन बीमा भी सस्ता हो जाएगानिर्माण सामग्री सस्ती होने से घर बनाने का सपना होगा आसान

बिहार की नई जीएसटी नीति: रोटी, कपड़ा और बीमा अब होंगे सस्ते!
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कम शब्दों में कहें तो बिहार की विकास के पथ पर तेजी से बढ़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। जीएसटी काउंसिल ने उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की बात मानते हुए टैक्स स्ट्रक्चर में बड़ा बदलाव किया है। इस बदलाव से कई वस्तुएं सस्ती होंगी, जिससे गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को राहत मिलेगी।
बिहार चुनाव से पहले यह निर्णय बिहार की जनता के लिए ऐतिहासिक माना जा रहा है। जीएसटी परिषद ने टैक्स स्लैब को घटाकर अब केवल 12 और 5 प्रतिशत तक सीमित कर दिया है। इसके अलावा, कई आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी को शून्य कर दिया गया है। इससे होने वाले लाभ पर सम्राट चौधरी ने बताया कि उनकी प्राथमिकता बिहार की जनता का जीवन आसान बनाना है।
जरूरी चीजें अब होंगी सस्ती
इस बदलाव के तहत रोटी, तेल, नमकीन, टेक्सटाइल, खेल सामग्री, निर्माण सामग्री, हैंडपंप, ट्रैक्टर और फुटवेयर जैसी बुनियादी जरूरतों पर अब कोई टैक्स नहीं लगेगा। इससे पहले, पराठे पर 18 प्रतिशत तक टैक्स चुकाना पड़ता था।
शिक्षा और स्वास्थ्य पर भी असर
सम्राट चौधरी ने कहा कि इस निर्णय से किताबों और कॉपियों की कीमतें भी कम होंगी, जिससे छात्रों को शिक्षा प्राप्त करना और भी आसान हो जाएगा। इसके अलावा, स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर भी जीएसटी को शून्य कर दिया गया है, जिससे परिवारों को स्वास्थ्य सेवा प्राप्त करना आसान होगा।
एक महत्वपूर्ण कदम बिहार के लिए
सम्राट चौधरी ने कहा कि यह कदम गरीबों, किसानों और आम आदमी की भलाई के लिए उठाया गया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का धन्यवाद भी अदा किया। यह निर्णय प्रधानमंत्री के विकसित भारत 2047 के संकल्प के दिशा में एक बड़ा कदम है।
विपक्ष पर निशाना
हालांकि, चौधरी ने विपक्ष पर भी तंज कसा, यह कहते हुए कि अगर लालू प्रसाद यादव को अर्थव्यवस्था की समझ होती, तो बिहार की हालत कुछ और होती। उन्होंने कहा कि आज बिहार के सुझावों को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिलने से पूरे राज्य का गौरव बढ़ा है।
बिहार की जनता के लिए क्या मायने?
- अब रोजमर्रा की जरूरत की चीजें और भी सस्ती होंगी।
- किसानों को मशीनरी और हैंडपंप के दाम भी कम होंगे।
- छात्रों को किताबें और कॉपियों की कीमत भी कम होगी।
- परिवारों को स्वास्थ्य और जीवन बीमा भी सस्ता हो जाएगा।
- निर्माण सामग्री सस्ती होने से घर बनाने का सपना होगा आसान।
बिहार की जनता के लिए यह बदलाव दीर्घकालिक राहत का संकेत है। जीएसटी काउंसिल का यह ऐतिहासिक फैसला नए युग के लिए एक सशक्त कदम है।
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— टीम द ओड नारी (अनामिका शर्मा)