2025 उपराष्ट्रपति चुनाव: सांसद करेंगे नए उपराष्ट्रपति का चुनाव, सीपी राधाकृष्णन और सुदर्शन रेड्डी के बीच मुकाबला
उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए मंच तैयार है, क्योंकि संसद के दोनों सदनों के सदस्य देश के अगले उपराष्ट्रपति का चुनाव करने के लिए अपने वोट डालेंगे। एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन और विपक्ष के उम्मीदवार, सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी सुदर्शन रेड्डी के बीच सीधा मुकाबला होगा। नए संसद भवन में सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक मतदान होगा, और मतगणना शाम 6 बजे शुरू होगी। नतीजे शाम तक आने की उम्मीद है। 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे के बाद यह चुनाव कराना पड़ा था। संसद में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के बहुमत के साथ, गठबंधन को इस मुकाबले में स्पष्ट बढ़त मिलती दिख रही है। भारत के अगले उपराष्ट्रपति बनने के लिए सफल उम्मीदवार को कम से कम 391 वोटों की आवश्यकता होती है, और एनडीए उम्मीदवार राधाकृष्णन को कम से कम 437 सदस्यों (56%) का ठोस समर्थन मिलने की उम्मीद है, जो जादुई आंकड़े से काफी अधिक है। रेड्डी को लगभग 323 वोट मिलने की संभावना है।इसे भी पढ़ें: नीरव मोदी-विजय माल्या को भारत लाने की हो रही तैयारी? माल्या-नीरव मोदी? ब्रिटिश अफसरों ने जेल का किया निरीक्षण देश के 17वें उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए, निर्वाचक मंडल में राज्यसभा के 233 निर्वाचित सदस्य (वर्तमान में पांच सीटें रिक्त हैं), तथा 12 मनोनीत सदस्य और लोकसभा के 543 निर्वाचित सदस्य (वर्तमान में एक सीट रिक्त है) शामिल हैं। निर्वाचक मंडल में कुल 788 सदस्य (वर्तमान में 781) हैं। इस बार दोनों उम्मीदवार दक्षिण भारत से हैं। राधाकृष्णन तमिलनाडु से, जबकि रेड्डी तेलंगाना से हैं। संसद के हालिया मानसून सत्र के दौरान जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था, हालांकि उनका कार्यकाल दो साल बचा हुआ था। इनके इस्तीफे के कारण यह चुनाव हो रहा है।इसे भी पढ़ें: India US Tariff Dispute: कौन हैं जेसन मिलर, टैरिफ पर तनाव के बीच ट्रंप से की मुलाकात, दूर होगी उलझन? विभिन्न दलों द्वारा दिए गए समर्थन को आधार बनाकर आंकड़ों के लिहाज से देखें तो राजग उम्मीदवार का पलड़ा भारी है। हालांकि, विपक्ष के उम्मीदवार रेड्डी ने बार-बार यह कहकर अपनी दावेदारी को मजबूत करने का प्रयास किया कि लड़ाई वैचारिक है तथा यह मतदान सिर्फ उपराष्ट्रपति चुनने के लिए नहीं है, बल्कि भारत की भावना के लिए है। चुनाव से एक दिन पहले सोमवार को विपक्ष के सांसदों ने एकजुटकता प्रकट करते हुए बैठक की थी और ‘मॉक’ (प्रतीकात्मक) मतदान में हिस्सा लिया था ताकि मंगलवार को मतदान के बाद उनका एक-एक वोट वैध करार हो। विपक्षी सांसदों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया कि उनका वोट बर्बाद न हो, क्योंकि पिछली बार कुछ वोट अवैध घोषित कर दिए गए थे। इस बीच, राजग ने भी सोमवार को चुनाव प्रक्रिया की जानकारी देने के लिए अपने सांसदों की बैठक की थी। उसके सदस्यों ने ‘मॉक’ मतदान में भी भाग लिया था।

2025 उपराष्ट्रपति चुनाव: सांसद करेंगे नए उपराष्ट्रपति का चुनाव, सीपी राधाकृष्णन और सुदर्शन रेड्डी के बीच मुकाबला
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कम शब्दों में कहें तो, भारत के आगामी उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। संसद के दोनो सदनों के सांसद आगामी उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए मतदान करेंगे। एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन और विपक्ष के उम्मीदवार, सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी सुदर्शन रेड्डी के बीच सीधा मुकाबला होगा।
नए संसद भवन में मतदान सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक होगा, और मतगणना शाम 6 बजे प्रारंभ होगी। 21 जुलाई को जगदीप धनखड़ द्वारा स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अचानक इस्तीफे के बाद यह चुनाव कराने की आवश्यकता पड़ी। आंकड़ों के अनुसार, भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को इस चुनाव में बढ़त मिलने की उम्मीद है।
उम्मीदवारों का परिचय
भा.ज.प. के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन, जो तमिलनाडु से हैं, को लगभग 437 सदस्यों (56%) का समर्थन मिलने की संभावना है। वहीं, विपक्ष के उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी को लगभग 323 वोट मिलने की आशंका है। भारत के अगले उपराष्ट्रपति बनने के लिए आवश्यक्त 391 वोटों की आवश्यकता होगी।
इस बार ख़ास बात यह है कि दोनों उम्मीदवार दक्षिण भारत से हैं। राधाकृष्णन तमिलनाडु से हैं और रेड्डी तेलंगाना से। सत्र के दौरान जगदीप धनखड़ ने उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दिया था, जिसके चलते यह चुनाव आयोजित किया जा रहा है।
चुनाव की प्रक्रिया और रणनीति
निर्वाचक मंडल में राज्यसभा के 233 निर्वाचित सदस्य (वर्तमान में 5 सीटें रिक्त हैं), 12 मनोनीत सदस्य, और लोकसभा के 543 निर्वाचित सदस्य (वर्तमान में 1 सीट रिक्त है) शामिल हैं। कुल मिलाकर निर्वाचक मंडल में 788 सदस्य हैं, जिसमें अभी 781 सदस्य हैं।
राजग उम्मीदवार राधाकृष्णन का पलड़ा विभिन्न दलों द्वारा दिए गए समर्थन के आधार पर भारी दिखता है। विपक्ष के उम्मीदवार रेड्डी ने अपनी दावेदारी को मजबूत करते हुए यह कहा है कि यह चुनाव केवल उपराष्ट्रपति चुनने का नहीं, बल्कि भारत की भावना के लिए भी है।
चुनाव से एक दिन पहले, विपक्ष के सांसदों ने एकजुटता दिखाते हुए बैठक की और ‘मॉक’ (प्रतीकात्मक) मतदान में भाग लिया। यह कदम इस बात को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया था कि उनका वोट बर्बाद न हो, क्योंकि पिछली बार कुछ वोट अवैध घोषित हो गए थे।
इस बीच, राजग की भी सांसदों की बैठक हुई जिसमें चुनाव प्रक्रिया पर चर्चा हुई और उनके सदस्यों ने भी 'मॉक' मतदान में भाग लिया।
निष्कर्ष
उपराष्ट्रपति चुनाव भारत के राजनीतिक परिदृश्य के लिए महत्वपूर्ण है। जानकारी के अनुसार, निदानात्मक स्थिति में एनडीए उम्मीदवार को बेहतर समर्थन मिल रहा है लेकिन चुनाव परिणामों का आकलन चुनावी वोटिंग के बाद ही होगा। जैसे-जैसे मतदान की घड़ी नजदीक आ रही है, उम्मीदें और विवादों का खेल भी जारी है। इस ऐतिहासिक चुनाव के परिणाम भारतीय राजनीति पर लंबे समय तक प्रभाव डाल सकते हैं।
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सादर,
टीम द ओड नारी
राधिका शर्मा