उत्तराखंड समाचार: टीचर्स डे पर राजकीय शिक्षक संघ ने मौन जुलूस निकालकर सरकार पर हठधर्मिता का लगाया आरोप

अल्मोड़ा। शिक्षक दिवस के अवसर पर जहां पूरे प्रदेश में शिक्षकों को सम्मानित किया जा रहा था, वहीं राजकीय शिक्षक संघ ने इसे विरोध दिवस के रूप में मनाया। संगठन ने अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर अल्मोड़ा बाजार में मौन जुलूस निकाला और सरकार पर हठधर्मिता का आरोप लगाया। तीन सूत्रीय मांगों को लेकर […] The post Uttarakhand News: टीचर्स डे पर राजकीय शिक्षक संघ ने मौन जुलूस निकाल सरकार पर लगाया हठधर्मिता का आरोप appeared first on पर्वतजन.

उत्तराखंड समाचार: टीचर्स डे पर राजकीय शिक्षक संघ ने मौन जुलूस निकालकर सरकार पर हठधर्मिता का लगाया आरोप
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कम शब्दों में कहें तो, शिक्षक दिवस के दिन जहां समूचे राज्य में शिक्षकों का सम्मान हो रहा था, वहीं राजकीय शिक्षक संघ ने अपनी तीन सूत्रीय मांगों के लिए अल्मोड़ा में मौन जुलूस निकालकर सरकार के खिलाफ आवाज उठाई।

अल्मोड़ा में मौन जुलूस

शिक्षक दिवस पर शिक्षकों को सम्मानित किया जा रहा था, जबकि शिक्षक संघ ने इसे विरोध दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया। अल्मोड़ा बाजार में हुए इस मौन जुलूस में शिक्षकों ने अपनी आवाज उठाई और सरकार की हठधर्मिता पर सवाल खड़े किए। कॉलेज, प्राथमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय के शिक्षकों ने इस जुलूस में भाग लिया, जिससे शिक्षक समुदाय का एकजुटता स्पष्ट तौर पर दिखाई दिया।

तीन सूत्रीय मांगें

राजकीय शिक्षक संघ ने अपनी तीन मुख्य मांगें प्रस्तुत की हैं:

  • पेरोल की रिवीजन: संघ ने शिक्षकों के वेतन के ढांचे की समीक्षा की मांग की है।
  • शिक्षक संवर्ग की पदोन्नति: शिक्षकों को उचित समय पर प्रमोशन और कार्यस्थल पर अवसर प्रदान किया जाए।
  • अधिकारी शिकायत समाधान प्रक्रिया: अधिकारियों द्वारा की जाने वाली शिकायतों पर उचित कार्रवाई करने की मांग।

सरकार की हठधर्मिता

संघ ने सरकार पर आरोप लगाया कि वे शिक्षकों की समस्याओं को नजरअंदाज कर रही हैं और उनकी मांगों को लेकर हठधर्मिता का प्रदर्शन कर रही हैं। इस प्रकार का रवैया, शिक्षकों के लिए न केवल अनुचित है, बल्कि उनके पेशेवर विकास के लिए भी प्रतिबंधात्मक साबित हो सकता है।

शिक्षक समुदाय का एकजुटता

अल्मोड़ा की इस घटना ने यह साफ कर दिया है कि शिक्षक समुदाय संगठित रूप से अपनी आवाज उठाने के लिए तैयार है। शिक्षक संघ ने यह सुनिश्चित किया है कि उनकी मांगों को सुनने और उन पर कार्यवाही की जाए।

भविष्य की दिशा

राजकीय शिक्षक संघ ने आगामी कार्यों के लिए भी योजना बनाई है, जिसमें शिक्षकों के साथ आगे की बैठकों का आयोजन शामिल है। उनका लक्ष्य है कि सरकार शिक्षकों और उनके विकास को प्राथमिकता दे।

इस जुलूस के माध्यम से शिक्षकों ने यह संदेश स्पष्ट किया है कि वे एकजुट हैं और किसी भी परिस्थिति में अपनी मांगों की पूर्ति के लिए संघर्ष करते रहेंगे।

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सादर,
टीम द ओड नारी
स्नेहा वर्मा