देहरादून: पूर्व CM हरीश रावत ने नैनीताल SSP पर किया बड़ा हमला, कहा- पुलिस कर रही है लोकतंत्र का अपमान

देहरादून: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने नैनीताल जिला पंचायत चुनाव में पुलिस प्रशासन की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। पूर्व सीएम रावत ने मीडिया से बातचीत करते हुए आरोप लगाया कि चुनाव के दौरान पुलिस ने लोकतांत्रिक परंपराओं को तार-तार किया है और विपक्षी दलों के साथ पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाया है।उन्होंने […] Source

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देहरादून: पूर्व CM हरीश रावत का नैनीताल SSP पर हमला, कहा- लोकतंत्र को तार-तार कर रही पुलिस

देहरादून: पूर्व CM हरीश रावत ने नैनीताल SSP पर किया बड़ा हमला, कहा- पुलिस कर रही है लोकतंत्र का अपमान

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देहरादून: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आतिशबाज़ी की तरह ज़ोरदार हमला करते हुए नैनीताल जिला पंचायत चुनावों में पुलिस प्रशासन की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। रावत का आरोप है कि चुनाव के दौरान पुलिस ने लोकतांत्रिक परंपराओं को तार-तार किया है और विपक्षी दलों के प्रति पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाया है।

पुलिस के रवैये पर उठे सवाल

पूर्व सीएम रावत ने कहा, "पुलिस का यह कार्य लोकतंत्र का अपमान है। चुनाव के दौरान पार्टी और विपक्षी के बीच का विभाजन इस हद तक बढ़ गया कि विपक्षी दलों को भयभीत करने के लिए पुलिस ने अपनी पूरी ताकत लगा दी।" उन्होंने यह भी कहा कि यह कोई नया मामला नहीं है, यह प्रशासनिक मशीनरी के दुरुपयोग का निरंतर हिस्सा बन चुका है।

नैनीताल में चुनावी माहौल की चर्चा

नैनीताल में जिला पंचायत चुनाव को लेकर बढ़ती गतिविधियाँ वास्तव में यहां की राजनीतिक गर्मी को दर्शा रही हैं। पूर्व सीएम ने कहा कि चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता अत्यंत आवश्यक है और उन्होंने सभी नागरिकों से स्थिति को लेकर जागरूक रहने का आग्रह किया। उनका मानना है कि "यह केवल चुनाव नहीं है, बल्कि हमारे लोकतंत्र की साख भी दांव पर है।"

विपक्षी दलों की आवाज़ उठाना जरूरी

हरीश रावत ने राजनीतिक दृष्टिकोण से कहा कि इस प्रकार की कार्रवाई से विपक्षी दलों का मनोबल न केवल गिरता है, बल्कि यह सम्पूर्ण लोकतंत्र की धारणा को भी कमजोर करता है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि लोकतंत्र में सभी दलों को समान अवसर मिलना चाहिए। "हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। हमारी लड़ाई जारी रहेगी," उन्होंने फ़िर से दोहराया।

निष्कर्ष: लोकतंत्र को बचाना आवश्यक

पूर्व सीएम हरीश रावत का यह बयान केवल नैनीताल या उत्तराखंड के लिए ही नहीं, बल्कि सम्पूर्ण लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए गंभीर चिंता का विषय है। यदि प्रशासन और पुलिस का असंतुलित रवैया बरकरार रहेगा, तो यह प्रवृत्तियाँ लोकतांत्रिक मूल्यों को चुनौती देंगी। हमें भरोसा है कि प्रशासन इस मुद्दे को गंभीरता से लेगा और उचित कदम उठाएगा, ताकि लोकतांत्रिक परंपराएं मजबूत बन सकें। यह सभी नागरिकों की जिम्मेदारी है कि हम अपने लोकतंत्र का बचाव करें।

उपरोक्त स्थिति और घटनाओं पर नजर रखना अत्यंत आवश्यक है। इस विषय पर नवीनतम अपडेट्स के लिए हमें फॉलो करें। The Odd Naari पर।

सादर,

टीम द ओड नारी,
दीप्ति शर्मा