जम्मू-कश्मीर को जिहाद थिएटर में बदलने की पाकिस्तान की साजिश हुए एक्सपोज, हमास की भी रही मौजूदगी

कश्मीर एकजुटता दिवस एक कैलेंडर कार्यक्रम है जो 5 फरवरी को पाकिस्तान में रावलपिंडी और इस्लामाबाद दोनों द्वारा मनाया जाता है, ताकि इस भ्रम को बनाए रखा जा सके कि इस्लामिक गणराज्य एक दिन जम्मू और कश्मीर के मुस्लिम-बहुल केंद्र शासित प्रदेश पर शासन करेगा। 2004 से इस दिन का उपयोग पाकिस्तान के राजनेताओं, जनरलों और जिहादियों द्वारा भारत के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने और कश्मीर घाटी में अपने समर्थकों और पाक समर्थक जिहादियों को याद दिलाने के लिए किया जाता है कि इस्लामाबाद के साथ एकजुट होने का उनका सपना एक दिन साकार होगा। यह सब कश्मीरी आजादी के नाम पर और क्या हुआ अगर नरेंद्र मोदी सरकार ने 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35 ए को इतिहास के कूड़ेदान में फेंक दिया है और यूटी में शांति बहाल कर दी गई है।इसे भी पढ़ें: हथकड़ी लगा भारतीयों को भेजे जाने के बाद अब प्रधानमंत्री मोदी के अमेरिका दौरे पर आई नई खबर, जानें विदेश मंत्रालय ने क्या बतायाघाटी में कानून और व्यवस्था के मानदंड पूरी तरह से मोदी सरकार के पक्ष में काम कर रहे हैं और पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों द्वारा आतंकवादी हमलों में गिरावट आ रही है, पाकिस्तान ने प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ, सेना प्रमुख सैयद असीम मुनीर और जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिदीन और कश्मीरी समर्थक जेकेएलएफ के आतंकवादी नेताओं के साथ बुधवार को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर की ओर रुख करने का फैसला किया। लेकिन 5 फरवरी को प्रतिरोध का हिस्सा रावलकोट की एक रैली में हमास के प्रवक्ता डॉ. खालिद कदौमी, डॉ. नाजी जहीर के अलावा हमास नेताओं मुफ्ती आजम और बिलाल अलसल्लत की मौजूदगी थी, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद के नेता मसूद अज़हर के भाई तल्हा सैफ, लॉन्चिंग कमांडर असगर खान कश्मीरी, मसूद इलियास और लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष आतंकी कमांडर शामिल थे।इसे भी पढ़ें: सभी ट्रंप के भेजे अवैध प्रवासियों में लगे थे, इधर LoC पर पड़ोसी देश की सेना ने कर दी नापाक हरकत, भारतीय जवानों ने 7 को किया ढेरकश्मीर एकजुटता और हमास ऑपरेशन अल अक्सा बाढ़" शीर्षक वाले सम्मेलन को यह बताने के लिए डिज़ाइन किया गया था कि कश्मीर और फिलिस्तीन दोनों पैन-इस्लामिक जिहाद के विषय थे और उम्माह को पीड़ित कार्ड पर भारत और इज़राइल के खिलाफ एकजुट होने के लिए भी कहा गया था। जबकि पाकिस्तान स्थित पंजाबी आतंकवादी समूह 1990 के दशक से कश्मीर घाटी में हजारों लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार रहे हैं, शिया ईरान द्वारा समर्थित सुन्नी हमास आतंकवादी समूह 7 अक्टूबर, 2023 को दक्षिण इज़राइल में हुए नरसंहार के लिए जिम्मेदार था। 

जम्मू-कश्मीर को जिहाद थिएटर में बदलने की पाकिस्तान की साजिश हुए एक्सपोज, हमास की भी रही मौजूदगी
जम्मू-कश्मीर को जिहाद थिएटर में बदलने की पाकिस्तान की साजिश हुए एक्सपोज, हमास की भी रही मौजूदगी

जम्मू-कश्मीर को जिहाद थिएटर में बदलने की पाकिस्तान की साजिश हुए एक्सपोज, हमास की भी रही मौजूदगी

परिचय

पाकिस्तान द्वारा जम्मू-कश्मीर में जिहाद को बढ़ावा देने वाली साजिशों का उजागर होना देश के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है। हाल में हुई रिपोर्टों में यह खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान केवल आतंकवाद को भड़काने में नहीं बल्कि हमास जैसे अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठनों की सहायता से भी इस क्षेत्र को अस्थिर बनाने की कोशिश कर रहा है।

पाकिस्तान की योजनाएँ

पाकिस्तान ने पिछले कुछ समय से जम्मू-कश्मीर को जिहाद का केंद्र बनाने की योजनाएँ बनाई हैं। इसके तहत न केवल स्थानीय आतंकियों को सशक्त किया जा रहा है, बल्कि विदेशी आतंकवादी संगठनों को भी इस दिशा में प्रेरित किया जा रहा है। इससे यह साफ होता है कि पाकिस्तान का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर में अस्थिरता फैलाना और वहां के लोगों के मन में डर का माहौल बनाना है।

हमास की भूमिका

हाल में सामने आए सबूतों से पता चलता है कि हमास का भी जम्मू-कश्मीर में सक्रियता बढ़ाने में हाथ है। यह विश्व स्तर पर माने जाने वाले आतंकवादी समूहों में से एक है, जो मध्य पूर्व में अपनी गतिविधियों के लिए जाना जाता है, अब जम्मू-कश्मीर की धरती पर अपनी उपस्थिति बनाने की कोशिश कर रहा है। इससे यह स्पष्ट होता है कि आतंकवाद केवल क्षेत्रीय मुद्दा नहीं है, बल्कि वैश्विक आतंकवाद के नस में भी संकुचन हो रहा है।

भारत की प्रतिक्रिया

भारत की सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए उचित कदम उठाने के लिए तत्पर है। विशेष सुरक्षा बलों की तैनाती के साथ-साथ, अतरिक्त सूचना इकट्ठा करने के लिए कई उपाय किए गए हैं। भारत ने अंतरराष्ट्रीय समाज से भी इस खतरे के खिलाफ एकजुट होने की अपील की है। भारतीय सुरक्षा बलों ने पहले ही अपने प्रयासों में तेज़ी लाई है, ताकि किसी भी संभावित हमले को समय रहते रोका जा सके।

निष्कर्ष

जम्मू-कश्मीर में हो रही घटनाएं यह दर्शा रही हैं कि पाकिस्तान और उसके समर्थक आतंकवादी संगठन न केवल भारत में, बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता के लिए भी खतरा बन रहे हैं। भारत को इस चुनौती का सामना करने के लिए सतर्क रहना होगा और किसी भी प्रकार की आतंकवादी गतिविधियों को कुचलने के लिए कड़े कदम उठाते रहेंगे।

अंत में, यह महत्वपूर्ण है कि हम सभी एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ खड़े हों और हमारी सुरक्षा को सुनिश्चित करें। भारत को अपने साहस और एकता के साथ अपनी सीमाओं की रक्षा करनी होगी।

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