'ग्रीनलैंड हमारा है, इसे खरीदा नहीं जा सकता', पीएम एगेडे का अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को सख्त जवाब
ग्रीनलैंड के प्रधान मंत्री मुटे बौरूप एगेडे ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के इस दावे को खारिज कर दिया है कि संयुक्त राज्य अमेरिका इस क्षेत्र का अधिग्रहण करेगा। उन्होंने कहा, "हम बिक्री के लिए नहीं हैं।" एगेडे ने यह बयान कांग्रेस में ट्रंप के संबोधन के बाद दिया, जहां उन्होंने दावा किया कि उनका प्रशासन "किसी न किसी तरह" ग्रीनलैंड को सुरक्षित करने के लिए काम कर रहा है। प्रधान मंत्री ने एक फेसबुक पोस्ट में ग्रीनलैंड की संप्रभुता और आत्मनिर्णय पर जोर देते हुए जवाब दिया। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि ‘‘ग्रीनलैंड हमारा है’’ और इसे खरीदा नहीं जा सकता। इसे भी पढ़ें: अमेरिका-यूक्रेन के बीच खनिज समझौते पर होंगे हस्ताक्षर? डोनाल्ड ट्रंप बोले- उन्हें ज़ेलेंस्की से एक पत्र मिला हैउन्होंने बुधवार को फेसबुक पर ग्रीनलैंडिक और डेनिश में एक पोस्ट में लिखा कि द्वीप के नागरिक न तो अमेरिकी हैं और न ही डेनिश क्योंकि वे ग्रीनलैंडिक हैं। अमेरिका को इस बात को समझने की जरूरत है। ग्रीनलैंड, डेनमार्क का एक स्वायत्त क्षेत्र, अपने स्थान और प्राकृतिक संसाधनों के कारण लंबे समय से संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए रणनीतिक रुचि का विषय रहा है। ट्रम्प की टिप्पणियों ने ग्रीनलैंडवासियों के बीच चिंताओं को फिर से बढ़ा दिया है, खासकर जब द्वीप 11 मार्च को अपने संसदीय चुनावों की तैयारी कर रहा है। इसे भी पढ़ें: जस्टिन ट्रूडो ने टैरिफ वॉर को बताया मूर्खतापूर्ण, ट्रंप पर लगाया व्लादिमीर पुतिन को खुश करने का आरोपउनका यह पोस्ट मंगलवार को संसदीय चुनाव के लिए द्वीपवासियों के मतदान करने से एक सप्ताह पहले ट्रंप द्वारा ग्रीनलैंडवासियों से की गई अपील के बाद आया। ट्रंप ने कहा था, ‘‘हम अपना भविष्य निर्धारित करने के आपके अधिकार का पुरजोर समर्थन करते हैं और यदि आप चुनते हैं, तो हम अमेरिका में आपका स्वागत करते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम आपको सुरक्षित रखेंगे। हम आपको अमीर बनाएंगे। और हम सब मिलकर ग्रीनलैंड को उन ऊंचाइयों तक ले जाएंगे जैसा आपने पहले कभी नहीं सोचा होगा।’’ ट्रंप ने लंबे समय से अमेरिका के सहयोगी रहे डेनमार्क से ग्रीनलैंड हासिल करने की अपनी इच्छा का जिक्र किया और कहा कि उनका प्रशासन ‘‘इसे हासिल करने के प्रयास में शामिल सभी लोगों के साथ मिलकर काम कर रहा है।’’

ग्रीनलैंड हमारा है, इसे खरीदा नहीं जा सकता', पीएम एगेडे का अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को सख्त जवाब
The Odd Naari | टीम नेतानागरी
हाल ही में ग्रीनलैंड पर हुए विवाद को लेकर डेनमार्क के प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिकसेन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को कड़ा संदेश भेजा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि “ग्रीनलैंड हमारा है, इसे खरीदा नहीं जा सकता।” यह बयान उस समय आया है जब ट्रंप ने ग्रीनलैंड को अमेरिका द्वारा खरीदे जाने की इच्छा जताई थी। इस बयान ने ना केवल डेनमार्क बल्कि विश्व स्तर पर भी ध्यान आकर्षित किया है।
ग्रीनलैंड का महत्व
ग्रीनलैंड, जो कि दुनिया का सबसे बड़ा द्वीप है, अपनी भौगोलिक स्थिति और प्राकृतिक संसाधनों के कारण महत्वपूर्ण है। यहाँ बर्फीले क्षेत्र, खनिज, और समुद्री जीवों की भरपूरता है। इसके अलावा, ग्रीनलैंड का जलवायु परिवर्तन पर वैश्विक प्रभाव भी है, यहाँ की बर्फ पिघलने से समुद्र स्तर में बढ़ोतरी हो सकती है।
ट्रंप का प्रस्ताव
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने पहले भी ग्रीनलैंड के अमेरिका द्वारा अधिग्रहण की इच्छा का संकेत दिया था, लेकिन एक स्पष्ट और सख्त जवाब मिलने के बाद उन्होंने योजना पर पुनर्विचार किया होगा। इस प्रस्ताव ने डेनमार्क के लोगों के बीच आक्रोश भी पैदा किया। देशवासियों का मानना है कि ग्रीनलैंड को खरीदने का सोच न केवल अपमानजनक है, बल्कि यह एक संप्रभु राष्ट्र की भावनाओं का भी अपमान है।
PM एगेडे का विचार
प्रधानमंत्री एगेडे ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा, “हम ग्रीनलैंड को एक संपत्ति नहीं मानते। यह हमारी संस्कृति, पहचान और स्वतंत्रता का हिस्सा है। हम किसी को भी अपने देश को बेचने की नहीं देंगे।” उनकी इस टिप्पणी ने सभी स्तरों पर अपनी प्रतिबद्धता और सम्मान को दर्शाया है।
वैश्विक प्रतिक्रिया
इस घटना पर दुनिया भर से विभिन्न प्रतिक्रियाएं आई हैं। कुछ राजनीतिक नेताओं ने एगेडे के बयान की प्रशंसा की, जबकि अन्य ने ट्रंप के प्रस्ताव को किसी तरह का मजाक बताया। विश्व के विभिन्न नेताओं का कहना है कि यह संवाद दूतावासों के बीच सांस्कृतिक समझ और एकजुटता को विकसित करने का सही तरीका नहीं है।
क्या होगा आगे?
इस विवाद के बाद, यह देखना दिलचस्प होगा कि अमेरिका और डेनमार्क के बीच संबंध कैसे आगे बढ़ते हैं। क्या ट्रंप इस मामले पर पीछे हटेंगे या आगे का रास्ता तय करने का प्रयास करेंगे, यह समय बताएगा।
इस स्थिति ने यह भी दर्शाया है कि देशों के बीच संवाद और सम्मान के साथ निपटने की आवश्यकता है। एक राष्ट्र द्वारा दूसरे राष्ट्र की संस्कृति और पहचान का सम्मान होना चाहिए।
निष्कर्ष
ग्रीनलैंड का मुद्दा सिर्फ एक भौगोलिक विवाद नहीं है, बल्कि यह हमें यह भी समझाता है कि राष्ट्रीय पहचान और संस्कृति का संरक्षण कितना महत्वपूर्ण है। एगेडे का यह सख्त जवाब दिखाता है कि डेनमार्क अपनी संप्रभुता का कितनी मजबूती से समर्थन करता है। उम्मीद है कि भविष्य में ऐसे मुद्दों का समाधान संवाद और सहयोग के माध्यम से किया जाएगा।
फिर से यह स्पष्ट हो गया कि ग्रीनलैंड न केवल एक भूभाग बल्कि एक स्वतंत्र पहचान का प्रतीक है, जिसे किसी कीमत पर नहीं बेचा जा सकता।
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