मेरे शासन मॉडल में भेदभाव की अनुमति नहीं: ममता बनर्जी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि उनके शासन मॉडल में भेदभाव की अनुमति नहीं है और वह समाज के सभी वर्गों के कल्याण को प्राथमिकता देती हैं। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के केलॉग कॉलेज में एक सभा को संबोधित करते हुए बनर्जी ने समावेशी विकास के महत्व पर बल दिया और कहा कि समाज में विभाजन प्रतिकूल परिणाम देता है। उन्होंने पूछा, ‘‘...एकता हमारी ताकत है और विभाजन हमें पतन की ओर ले जाता है। ऐसा स्वामी विवेकानंद मानते थे। एकता बनाए रखना एक कठिन काम है, लेकिन लोगों को विभाजित करने में बस एक पल लगता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं कुर्सी पर होती हूं, तो मैं समाज को बांट नहीं सकती। मुझे कमजोर वर्गों और गरीबों का ध्यान रखना होता है। हमें उनके लिए कड़ी मेहनत करनी होती है। साथ ही, हमें सभी धर्मों, जातियों और पंथों के लिए मिलकर काम करना चाहिए, उनके साथ आगे बढ़ना चाहिए और उनकी मदद करनी चाहिए।

मेरे शासन मॉडल में भेदभाव की अनुमति नहीं: ममता बनर्जी
परिचय
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाल ही में अपने शासन मॉडल के बारे में एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। ममता ने कहा कि उनके शासन में भेदभाव के लिए कोई जगह नहीं है। यह बयान उन्होंने उस समय दिया जब राज्य में कई सामाजिक मुद्दों पर चर्चा चल रही थी। ममता ने उल्लेख किया कि उनका उद्देश्य सभी वर्गों के लोगों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करना है।
भेदभाव खत्म करने के लिए ठोस कदम
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने यह स्पष्ट किया कि वह किसी भी प्रकार की सामाजिक असमानता को समाप्त करने के लिए कृतसंकल्पित हैं। उनके अनुसार, सरकारी योजनाएं सीधे गरीबों और वंचित वर्ग के लोगों तक पहुंचेंगी। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि राज्य सरकार ने कई विकासात्मक कार्यक्रम शुरू किए हैं, जैसे "केन्या संबर्ग" जो विशेष रूप से गरीबी उन्मूलन के लिए बनाए गए हैं।
सामाजिक समरसता की दिशा में
ममता बनर्जी ने कहा कि बंगाल का हर नागरिक उनके लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने एकता और भाईचारे की बात करते हुए कहा कि किसी को भी जाति, धर्म, या लिंग के आधार पर भेदभाव का सामना नहीं करना चाहिए। "हमारा राज्य विभिन्नताओं से भरा है, और यही हमारी ताकत है," उन्होंने कहा।
समाज के हर वर्ग का ध्यान रखेगी सरकार
सीएम ने विशेष रूप से युवाओं और महिलाओं के उत्थान पर जोर दिया। ममता ने कहा कि उनके शासन में महिलाओं को आगे बढ़ने के लिए विशेष सुविधाएं दी जाएंगी। इसके अलावा, उन्होंने युवाओं को रोजगार सृजन के लिए उच्च शिक्षा और कौशल विकास की दिशा में काम करने का आश्वासन दिया।
किसानों को भी मिलेगा प्रोत्साहन
ममता बनर्जी ने किसानों की स्थिति पर बात करते हुए कहा कि उनके लिए कई योजनाएं बनाई गई हैं। किसानों को उनकी फसल के ठीक दाम सुनिश्चित करने के साथ ही उन्हें ऋण की सुविधा भी दी जाएगी। उनका कहना है कि खेती को लाभकारी बनाना ही उनके शासन का अहम लक्ष्य है।
निष्कर्ष
ममता बनर्जी ने बेशक अपने शासन मॉडल में भेदभाव के खिलाफ अपनी दृढ़ता दिखाई है। उनका लक्ष्य एक ऐसा समाज बनाना है जहां हर व्यक्ति को समान अधिकार और अवसर प्राप्त हों। आने वाले समय में, यह देखना दिलचस्प होगा कि वे अपने वादों को कैसे निभाते हैं और अपने इस संकल्प को किस तरह से वास्तविकता में बदलते हैं।
यह स्पष्ट है कि ममता बनर्जी का शासन सामाजिक समरसता और समावेशिता के आधार पर चलने वाला है। इसके लिए राज्य सरकार ने कई योजनाएं लागू की हैं जो जनता के लाभ के लिए होंगी। अगर आप और अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहें तो theoddnaari.com पर जाएं।