उत्तराखंड स्कूल अवकाश: चंपावत में 4 सितंबर को भी स्कूल बंद
चंपावत, सितम्बर 2025 – उत्तराखंड में लगातार तीन दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। चंपावत जिले में नदी-नालों का जलस्तर खतरनाक स्तर तक बढ़ गया है और कई जगहों पर पुल-पुलिया, मोटर मार्ग और पैदल रास्ते क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। इसी स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन ने बृहस्पतिवार, […] The post Uttarakhand School Holiday: इस जिले में 4 सितंबर को भी स्कूल बंद .. appeared first on पर्वतजन.

उत्तराखंड स्कूल अवकाश: चंपावत में 4 सितंबर को भी स्कूल बंद
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कम शब्दों में कहें तो, चंपावत जिले में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश की वजह से स्कूलों में छुट्टी बढ़ा दी गई है। नदी-नालों के जलस्तर में आई वृद्धि और इससे होने वाले नुकसान को देखते हुए जिला प्रशासन ने यह कदम उठाया है।
चंपावत का हाल: मूसलाधार बारिश की मार
चंपावत, सितम्बर 2025 – उत्तराखंड में पिछले तीन दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। इस बारिश के कारण चंपावत जिले में नदी-नालों का जलस्तर खतरनाक स्तर तक बढ़ गया है। कई स्थानों पर पुल-पुलिया, मोटर मार्ग और पैदल रास्ते पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन ने 4 सितंबर, 2025 को भी सभी स्कूलों को बंद रखने का निर्णय लिया है।
जिला प्रशासन की तैयारी
जिला प्रशासन ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए संबंधित विभागों को उच्च स्तर पर सजग रहने के निर्देश दिए हैं। जलस्तर की निगरानी के लिए विशेष टीमें गठित की गई हैं ताकि किसी भी संभावित खतरे से तुरंत निपटा जा सके। बारिश के कारण बने हालात की निरंतर समीक्षा की जा रही है और जरूरत पड़ने पर आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
सार्वजनिक सुरक्षा को प्राथमिकता
प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे अपने घरों में रहें और आवश्यकता के बिना बाहर न निकलें। इसके साथ ही, बारिश के कारण हुए नुकसान का आकलन करने के लिए विशेषज्ञों की टीमों को सक्रिय किया गया है। सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है ताकि किसी भी प्रकार की चिकित्सा सहायता तुरंत उपलब्ध कराई जा सके।
छात्रों और अभिभावकों की स्थिति
स्कूलों के बंद होने से छात्रों और अभिभावकों में चिंता का माहौल है। हालांकि बच्चों की सुरक्षा को पहले प्राथमिकता दी जा रही है। इस अवकाश का उपयोग सभी बच्चों को उनकी पढ़ाई में पीछे न रहने के लिए ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से किया जा सकता है। स्कूल प्रबंधन ने भी इस विषय पर ध्यान देने का आश्वासन दिया है और छात्रों को ऑनलाइन कक्षाओं की तैयारी के लिए प्रेरित किया है।
निष्कर्ष
इस दौर की बारिश ने निश्चित रूप से चंपावत जिले को प्रभावित किया है, लेकिन प्रशासन की तत्परता और सावधानी सभी के लिए एक सुरक्षा कवच साबित हो सकती है। आने वाले समय में मौसम की स्थिति को देखते हुए ही उचित निर्णय लिए जाएंगे।
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सादर,
टीम द ओड नारी