दून विश्वविद्यालय ने आपदा राहत कोष में दिया एक दिन का वेतन

The post आपदा राहत कोष में दून विवि ने एक दिन का वेतन दिया appeared first on Avikal Uttarakhand. अविकल उत्तराखण्ड देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुख्यमंत्री आवास में दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल ने शिष्टाचार भेंट की। इस दौरान विश्वविद्यालय के सभी शिक्षक, अधिकारी और… The post आपदा राहत कोष में दून विवि ने एक दिन का वेतन दिया appeared first on Avikal Uttarakhand.

दून विश्वविद्यालय ने आपदा राहत कोष में दिया एक दिन का वेतन
दून विश्वविद्यालय ने आपदा राहत कोष में दिया एक दिन का वेतन

दून विश्वविद्यालय ने आपदा राहत कोष में दिया एक दिन का वेतन

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कम शब्दों में कहें तो, दून विश्वविद्यालय ने राज्य की आपदा प्रभावित लोगों की मदद करने के लिए अपने सभी शिक्षकों, अधिकारियों और कर्मचारियों का एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में दान किया है। यह कदम न केवल विश्वविद्यालय की सामाजिक जिम्मेदारी को दर्शाता है, बल्कि अन्य शिक्षण संस्थानों को भी एक सकारात्मक संदेश देने का काम करता है।

देहरादून में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ हुई एक शिष्टाचार भेंट में, दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल ने यह जानकारी साझा की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय परिवार के सामूहिक योगदान की सराहना की और इसे एक प्रेरक कदम कहा। उन्होंने यह भी कहा कि यह कदम न केवल आपदा राहत में मदद के लिए, बल्कि हमारी सामाजिक जिम्मेदारियों को भी दर्शाता है।

आपदा राहत में संतोषजनक कदम

मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय के इस योगदान का आभार व्यक्त करते हुए कहा, "यह योगदान न केवल दून विश्वविद्यालय के शैक्षणिक संस्थान की संवेदनशीलता का प्रतीक है, बल्कि अन्य संस्थानों को भी अपने स्तर पर ऐसे सहयोग के लिए प्रेरित करेगा।" उन्होंने विश्वास जताया कि और भी कई शैक्षणिक, सामाजिक, और निजी संस्थान इसी प्रकार के निर्माणात्मक कदम उठाएंगे। यह भावनाएं उस समय और भी महत्वपूर्ण होती हैं जब हमारे देश में प्राकृतिक आपदाओं का सामना करने में सहयोग की आवश्यकता होती है।

राज्य सरकार के प्रयास

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि राज्य सरकार आपदा प्रभावित क्षेत्रों में त्वरित राहत और पुनर्वास कार्यों को प्राथमिकता के साथ संचालित कर रही है। उनका मानना है कि जब जन सहयोग मिलेगा तो यह प्रयास और अधिक प्रभावी होगा। इससे प्रभावित लोगों की सहायता एवं समुचित पुनर्वास की दिशा में सहायता मिलेगी।

शिक्षा और समाज का संयुक्त प्रयास

वास्तव में, दून विश्वविद्यालय का यह कदम शिक्षा के साथ-साथ समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझने और उसे निभाने का एक सराहनीय उदाहरण है। यह कदम अन्य संस्थानों को भी प्रेरित करने का कार्य करेगा ताकि वे भी ऐसी सकारात्मक पहलों में भागीदारी करें। शिक्षण संस्थान न केवल शिक्षित करने का कार्य करते हैं, बल्कि वे समाज के प्रति अपने दायित्वों का निर्वहन भी करते हैं।

निष्कर्ष

इस प्रकार, दून विश्वविद्यालय का यह योगदान केवल एक दिन की वेतनवापसी नहीं है, बल्कि यह आपदा राहत के प्रति हमारी सामूहिक संवेदनशीलता और सामाजिक जिम्मेदारी को भी दर्शाता है। इस तरह के कदमों से हम अपने समुदाय की मदद कर सकते हैं, और यह बताने का मौका लेते हैं कि हम एकजुट होकर हर कठिनाई का सामना कर सकते हैं।

उम्मीद है कि अन्य शिक्षण संस्थान भी इसी तरह की पहल करेंगे और आपदा राहत के कार्य में सक्रिय भागीदारी निभाएंगे। इसके साथ ही, समाज के अन्य वर्गों को भी आगे आना चाहिए ताकि हम मिलकर आपदा के समय में पीड़ित लोगों की सहायता कर सकें।

इस सब के बीच, हमें यह भी नहीं भूलना चाहिए कि ऐसी कठिनाईयों का सामना करने के लिए सामाजिक सहयोग और सामूहिक प्रयास बेहद महत्वपूर्ण हैं। ज्यादा जानकारी के लिए, कृपया हमारी वेबसाइट The Odd Naari पर जाएं।

सादर,

टीम द Odd Naari