उत्तरकाशी के झाला गांव ने प्रदूषण नियंत्रण में पेश की नई मिसाल

The post प्रकृति प्रेम की नयी मिसाल बना उत्तरकाशी का झाला गांव appeared first on Avikal Uttarakhand. “थैंक यू नेचर” अभियान ने दिलाई प्रधानमंत्री से सराहना अविकल उत्तराखंड झाला/हर्षिल/उत्तरकाशी। देवभूमि उत्तराखंड के सुदूरवर्ती गांव झाला के युवाओं ने स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण की एक अनूठी पहल कर… The post प्रकृति प्रेम की नयी मिसाल बना उत्तरकाशी का झाला गांव appeared first on Avikal Uttarakhand.

उत्तरकाशी के झाला गांव ने प्रदूषण नियंत्रण में पेश की नई मिसाल

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कम शब्दों में कहें तो उत्तरकाशी का झाला गांव अब एक नई मिसाल बन चुका है, जहां के युवाओं ने स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक अद्भुत पहल की है।

उत्तराखंड के सुदूरवर्ती गांव झाला में युवाओं ने "थैंक यू नेचर" अभियान के तहत स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाई है। यह पहल गांव के न केवल निवासियों के जीवन में बदलाव ला रही है, बल्कि यह पूरे प्रदेश के लिए एक उदाहरण भी बन गई है।

ग्रामप्रधान की अगुवाई में चल रहा है अभियान

ग्राम प्रधान अभिषेक रौतेला के नेतृत्व में शुरू इस अभियान ने केवल सफाई को ही नहीं, बल्कि पर्यावरण की जीवनशैली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बना दिया है। अभिषेक ने कहा, “प्रकृति सार्वभौमिक है, जो हमें सब कुछ देती है। इसे स्वच्छ रखना केवल नैतिक दायित्व नहीं, बल्कि कर्म है।

प्रधानमंत्री की सराहना

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी इस जन आंदोलन की सराहना की है। प्रधानमंत्री ने अपने "मन की बात" कार्यक्रम में भी झाला गांव के युवाओं का विशेष रूप से उल्लेख किया था।

स्वच्छता के प्रति नई सोच

इस अभियान की शुरुआत 8 जुलाई 2024 को हुई थी, जब युवक मंगल दल के स्वयंसेवकों ने मिलकर गांव में सफाई अभियान चलाया। प्रियांशु रौतेला, तनुजा उनियाल, प्रवेश रौतेला, अभिराज रौतेला और आदेश रौतेला जैसे युवाओं ने वैज्ञानिक तरीके से कूड़े का निस्तारण प्रारंभ किया।

झाला गांव की सफाई का कार्य

बच्चों में फैलाया स्वच्छता का संदेश

इस पहल का लाभ अब गांव के सभी वर्गों तक पहुँच चुका है। हाल ही में विद्यालय के बच्चों ने भी “थैंक यू नेचर” अभियान में भाग लिया और अपने गांव की सफाई का कर्तव्य निभाया।

इस प्रकार, झाला गांव का यह अभियान न केवल ग्रामीण जन जागरूकता का प्रतीक बना है, बल्कि यह स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के प्रति एक नई सोच को भी दर्शाता है। जैसे-जैसे यह अभियान आगे बढ़ रहा है, उम्मीद है कि दूसरी गांवों के युवा भी इससे प्रेरणा लेकर अपने-अपने क्षेत्रों में सफाई और संरक्षण के कार्यों को प्राथमिकता देंगे।

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— Team The Odd Naari, स्वाति कुमारी