Sunita Williams धरती पर लौटी, इस तरह हुआ Space X का कैप्सूल लैंड

नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स सुरक्षित धरती पर लौट आई है। सुनीता विलियम्स बिल्कुल स्वास्थ्य है। जो कैप्सूल उन्हें लेकर धरती पर लौटा है वो फ्लोरिडा के पास समंदर में लैंड किया। ये लम्हा बेहद खास था क्योंकि इसमें मनुष्य और विज्ञान की यात्रा का अविश्वसनीय पल देखने को मिला था। इस ऐतिहासिक पल को देश और दुनिया में हजारों लोग देख रहे थे। नासा ने इस पल का लाइव टेलीकास्ट भी किया था। जैसे है कैप्सूल समुद्र में गिरा वैसे ही तेज छपाक की आवाज आई।  इस मिशन के सफल होने के बाद सॉस में नौ महीनों से फंसी सुनीता विलियम्स अपने साथी अंतरिक्ष यात्री बुच विल्मोर के साथ सुरक्षित लौट आई है।जानकारी के मुताबिक सुनीता को लेकर लौटा कैप्सूल भारतीय समय के अनुसार सुबह तीन बजकर 58 मिनट पर समुद्र में गिरा। इसकी गति को काबू में करने के लिए इसके साथ पैराशूट भी जुड़े हुए थे। जैसे ही ड्रैगन कैप्सूल ने समुद्र में एंट्री की, वैसे ही कैप्सूल भी पानी में गिर गए। नासा ने इसके बाद घोषणा की कि ये splashdown है और क्रू 9 धरती पर लैंड कर चुका है।

Sunita Williams धरती पर लौटी, इस तरह हुआ Space X का कैप्सूल लैंड
Sunita Williams धरती पर लौटी, इस तरह हुआ Space X का कैप्सूल लैंड

Sunita Williams धरती पर लौटी, इस तरह हुआ Space X का कैप्सूल लैंड

The Odd Naari

लेखिका: ज्योति शर्मा, टीम नीतानागरी

परिचय

भारतीय-अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स ने सफलतापूर्वक धरती पर वापसी की है। उनका यह अद्भुत सफर Space X के कैप्सूल के जरिए संभव हुआ। भूमि पर उतरने का यह प्रक्रिया बेहद रोचक थी और इसे पूरी दुनिया ने नजदीकी से देखा। आइए जानते हैं कि कैसे हुआ यह सब और सुनीता आकर्षण का केन्द्र कैसे बनीं।

Space X कैप्सूल की यात्रा

Space X द्वारा निर्मित कैप्सूल, जिसे Dragon नाम दिया गया है, ने केवल अंतरिक्ष में सुनीता विलियम्स ही नहीं, बल्कि अन्य अंतरिक्ष यात्रियों की भी यात्रा की थी। यह कैप्सूल नासा के साथ एक छात्रवृत्ति कार्यक्रम के अंतर्गत भेजा गया था। यह मिशन NASA के ‘Commercial Crew Program’ का हिस्सा था।

लैंडिंग प्रक्रिया

दुनिया भर में Space X के कैप्सूल की लैंडिंग प्रक्रिया ने सभी का ध्यान आकर्षित किया। जैसे ही कैप्सूल ने वायुमंडल में प्रवेश किया, इसकी आंतरिक तकनीक ने तेज गति और तापमान को नियंत्रित किया। अंततः, कैप्सूल ने समुद्र में सफलतापूर्वक लैंड किया। इस लैंडिंग में कैप्सूल की चारों तरफ पैराशूट की सहायता से इसे धीरे-धीरे नीचे लाया गया, जो कि एक सावधानीपूर्वक वैज्ञानिक प्रक्रिया है।

सुनीता विलियम्स का योगदान

सुनीता विलियम्स ने न केवल अंतरिक्ष में मिशनों का संचालन किया, बल्कि उन्होंने कई महत्वपूर्ण अनुसंधान प्रोजेक्ट्स में भी योगदान दिया। उनके अनुभव और ज्ञान ने विज्ञान और अनुसंधान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यह उनकी धरती पर वापसी केवल एक व्यक्तिगत यात्रा नहीं थी, बल्कि यह विज्ञान और अंतरिक्ष के क्षेत्र में नए अवसरों की शुरुआत भी है।

निष्कर्ष

सुनीता विलियम्स का यह सफर दर्शाता है कि अनुसंधान और खोज में सीमाएं नहीं होती। Space X के कैप्सूल की लैंडिंग ने साबित किया कि तकनीक और मानव साहस का मेल अनंत संभावनाओं के द्वार खोलता है। जैसे-जैसे हम आगे बढ़ते हैं, हमें उम्मीद है कि और भी कई वैज्ञानिक उपलब्धियां हमारे सामने आएंगी।

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