Darwin Day 2025 : आज के दिन हुआ था डार्विन का जन्म, क्या है इस दिवस का उत्सव, महत्व और मुख्य तथ्य
चार्ल्स डार्विन एक प्रसिद्ध अंग्रेज प्रकृतिवादी थे। जिनके प्राकृतिक चयन द्वारा विकास के वैज्ञानिक सिद्धांत ने आधुनिक विकासवादी अध्ययनों की नींव रखी। चार्ल्स डार्विन के जन्मदिन के उपलक्ष्य में हर साल 12 फरवरी को डार्विन दिवस मनाया जाता है। उनका जन्म 12 फरवरी 1809 को इंग्लैंड के श्रॉपशायर के श्रूस्बरी में हुआ था। डार्विन दिवस को अंतर्राष्ट्रीय डार्विन दिवस के रूप में भी जाना जाता है। यह दिन विज्ञान में चार्ल्स डार्विन के योगदान और सामान्य रूप से विज्ञान को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। क्या है इतिहासइस उपलक्ष्य में डार्विन दिवस समारोह की शुरुआत तीन डार्विन प्रेमियों के साथ हुई। डॉ॰ रॉबर्ट स्टीफंस, जिन्होंने 1995 में सिलिकॉन वैली में मानवतावादी समुदाय को वार्षिक डार्विन दिवस समारोह शुरू करने के लिए प्रेरित किया। प्रो॰ मासिमो पिग्लियुची, जिन्होंने 1997 में टेनेसी विश्वविद्यालय में वार्षिक डार्विन दिवस समारोह का आयोजन किया और अमांडा चेसवर्थ, जो स्टीफंस के साथ मिलकर 2000 में न्यू मैक्सिको में डार्विन दिवस कार्यक्रम को आधिकारिक रूप से शामिल किया।जानिए समारोह तरीकाइसके दो साल बाद डार्विन दिवस समारोह को दुनिया भर में विज्ञान और मानवता को प्रोत्साहित करने के लिए डार्विन दिवस समारोह के रूप में कैलिफोर्निया में फिर से शामिल किया गया। इसे 501 (सी) (3) के तहत शामिल किया गया था, जो एक गैर-लाभकारी शैक्षिक निगम है जो विज्ञान के बारे में सार्वजनिक शिक्षा को बढ़ावा देता है। संयुक्त राज्य अमेरिका में इसे हाउस रिज़ॉल्यूशन 67 के कारण आधिकारिक अवकाश बनाया गया था, जिसने 2015 में अमेरिका में 12 फरवरी को डार्विन दिवस के रूप में नामित किया था। 2003 में डार्विन दिवस के लिए एक मूल वेबसाइट भी बनाई गई थी।

Darwin Day 2025: आज के दिन हुआ था डार्विन का जन्म, क्या है इस दिवस का उत्सव, महत्व और मुख्य तथ्य
The Odd Naari
लेखिका: वीणा शर्मा, टीम नेतनागरी
परिचय
आज के दिन, 12 फरवरी 1809 को, दुनिया ने एक ऐसी शख्सियत को जन्म दिया, जिसने विज्ञान की धारा को हमेशा के लिए बदल दिया। हम बात कर रहे हैं चार्ल्स डार्विन की, जिनका योगदान विकासवाद के सिद्धांत में अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है। हर साल, इस दिन को "डार्विन डे" के तौर पर मनाया जाता है। इस लेख में हम जानेंगे कि इस दिन का उत्सव कैसे मनाया जाता है, इसका महत्व क्या है और मुख्य तथ्यों पर चर्चा करेंगे।
डार्विन डे का महत्व
डार्विन डे का उद्देश्य न केवल डार्विन के योगदान को मान्यता देना है, बल्कि यह विज्ञान के क्षेत्र में किए गए अन्वेषणों और उपलब्धियों का जश्न मनाना भी है। यह दिन विद्यार्थियों, शिक्षकों और शोधकर्ताओं के लिए एक प्रेरणा का स्रोत है। इस दिन विशेष कार्यक्रम, कार्यशालाएँ और व्याख्यान आयोजित किए जाते हैं, जहाँ लोग विकासवाद के सिद्धांत और आधिकारिक विज्ञान से संबंधित विषयों पर चर्चा करते हैं।
डार्विन के योगदान
डार्विन का सर्वाधिक प्रसिद्ध कार्य "ऑन द ओरिजिन ऑफ स्पीशीज" (1859) है, जिसमें उन्होंने प्राकृतिक चयन के सिद्धांत को प्रस्तुत किया। इस सिद्धांत ने जीवों के विकास के एक नए दृष्टिकोण को जन्म दिया। यह सिद्धांत यह दर्शाता है कि कैसे जीवों में छोटे-छोटे बदलाव होते हैं, जो पर्यावरण के अनुसार उन्हें जीवित रहने में मदद करते हैं। यह प्राकृतिक चयन की प्रक्रिया है जो प्रजातियों के विकास के पीछे कार्य करती है।
उत्सव और गतिविधियाँ
डार्विन डे के अवसर पर, स्कूलों और कॉलेजों में विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं। इस दिन को मनाने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन, विशेष प्रवचन और चित्र प्रदर्शन जैसे आयोजन होते हैं। विद्यार्थी डार्विन की जीवनी और उनके कार्यों पर निबंध लिखते हैं, और विज्ञान पर आधारित प्रश्नोत्तरी में भाग लेते हैं। यह दिवस नई पीढ़ी में वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण ब्रिज का कार्य करता है।
मुख्य तथ्य
डार्विन के विचारों ने न केवल जीव विज्ञान में बदलाव किए, बल्कि समाज विज्ञान, मनोविज्ञान और अन्य क्षेत्रों में भी उनके प्रभाव का अनुभव किया जा रहा है। आज, डार्विन के सिद्धांत जैव विविधता, पारिस्थितिकी और मानव विकास के अध्ययन में अनिवार्य हैं। कई विश्वविद्यालयों और शिक्षण संस्थानों में इस विषय पर अनुसंधान और पाठ्यक्रम चलाए जाते हैं।
निष्कर्ष
डार्विन डे हमारे लिए केवल एक आधिकारिक दिवस नहीं है, बल्कि यह विज्ञान के प्रति हमारी ज़िम्मेदारी और इसके महत्व को दर्शाता है। हमें डार्विन के कार्यों से प्रेरणा लेकर अपने समाज और पर्यावरण के प्रति जागरूक होना चाहिए। इस दिन हम यह वचन देते हैं कि विज्ञान को आगे बढ़ाने और मानवता के कल्याण के लिए कार्य करते रहेंगे। अधिक जानकारी के लिए, theoddnaari.com पर जाएँ।