Prabhasakshi Exclusive: Hamas की हरकतों से फिर भड़क सकती है जंग, Israel की तोपें दोबारा गरजीं तो इस बार Gaza में कोई नहीं बचेगा
प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में इस सप्ताह हमने ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) से जानना चाहा कि इजराइल की नई शर्तों को देखते हुए लग रहा है कि हमास के साथ संघर्षविराम के दूसरे चरण का भविष्य खतरे में है। इस बारे में आपकी क्या प्रतिक्रिया है? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि हमास जिस तरह की हरकतें कर रहा है उसको देखते हुए वाकई संघर्षविराम का भविष्य खतरे में लग रहा है। उन्होंने कहा कि बताया जा रहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मध्य पूर्व के लिए दूत स्टीव विटकॉफ, हमास नेताओं और मिस्र तथा कतर के मध्यस्थों के बीच नए फॉर्मूले पर चर्चा हुई है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी-मिस्र वार्ता में युद्ध की समाप्ति के बाद गाजा के शासन पर चर्चा हुई, जिसमें उन लोगों के नाम भी शामिल थे जो पट्टी का प्रबंधन करेंगे। उन्होंने कहा कि ऐसी रिपोर्टें हैं कि चर्चा सकारात्मक रूप से समाप्त हुई।ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि उम्मीद है कि यदि कोई नई रुकावट नहीं आई तो गाजा युद्धविराम समझौते का दूसरा चरण जल्द लागू हो सकता है। उन्होंने कहा कि लेकिन यह हैरत की बात है कि इज़रायल को बंधक सौदे के दूसरे चरण के बारे में किसी भी प्रगति के बारे में जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि हमास को समझना होगा कि अब हालात पूरी तरह बदल चुके हैं यदि उसने किसी तरह की गलत हरकत की तो ट्रंप और नेतन्याहू मिलकर उसे पूरी तरह बर्बाद कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यदि इजराइली तोपें फिर से गरजीं तो बचा खुचा गाजा भी तबाह हो जायेगा।इसे भी पढ़ें: Prabhasakshi Exclusive: America से बिगड़ते रिश्तों के बीच China ने अपने Defence Budget में भारी वृद्धि कर क्या संकेत दिया है?ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि उधर हमास का कहना है कि ट्रंप द्वारा फ़िलिस्तीनियों के विरुद्ध बार-बार दी गई धमकियाँ इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को गाजा युद्धविराम से पीछे हटने और गाजा की घेराबंदी को तेज़ करने के लिए समर्थन का प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि ट्रम्प ने बुधवार को कहा था कि हमास "सभी बंधकों को अभी रिहा करे, बाद में नहीं," जिसमें मृत बंधकों के अवशेष भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि हमास को चेतावनी देते हुए ट्रंप ने यह भी कहा था कि अगर हमास ने मांग नहीं मानी तो उसके लिए सब कुछ खत्म हो जाएगा। उन्होंने कहा कि हमास के प्रवक्ता अब्देल-लतीफ अल-कनौआ ने मीडिया को भेजे संदेश में कहा है कि "शेष इजरायली कैदियों को रिहा करने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि समझौता दूसरे चरण में चला जाए।ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि जनवरी में लागू हुए गाजा युद्ध विराम समझौते पर ट्रम्प के दूत के साथ बातचीत की गई थी। उन्होंने कहा कि ट्रम्प के दूत ने बाइडन प्रशासन के दूतों के साथ भी वार्ता में भाग लिया था। उन्होंने कहा कि दूसरे चरण के समझौते में शेष बंधकों को रिहा करने का आह्वान किया गया है। उन्होंने कहा कि माना जा रहा है कि दूसरे चरण के समझौते की अवधि के दौरान युद्ध को समाप्त करने के लिए अंतिम योजनाओं पर बातचीत की जाएगी। उन्होंने कहा कि युद्ध विराम का पहला चरण शनिवार को समाप्त हो गया और तब से इज़राइल ने गाजा में प्रवेश करने वाले सभी सामानों पर पूर्ण नाकाबंदी लगा दी है, जिसमें मांग की गई है कि हमास युद्ध को समाप्त करने के लिए बातचीत शुरू किए बिना शेष बंधकों को रिहा करे। उन्होंने कहा कि दूसरी ओर फिलिस्तीनियों का कहना है कि नाकाबंदी से गाजा के खंडहरों में रहने वाले 2.3 मिलियन लोगों के बीच भुखमरी हो सकती है।

Prabhasakshi Exclusive: Hamas की हरकतों से फिर भड़क सकती है जंग, Israel की तोपें दोबारा गरजीं तो इस बार Gaza में कोई नहीं बचेगा
The Odd Naari द्वारा, लेखिका: साक्षी शर्मा, टीम नीतानागरी
गाजा से एक बार फिर से मिल रही ख़बरें दुनिया में चिंता का विषय बनती जा रही हैं। हालिया घटनाक्रम में, हमें यह देखते हुए कि इज़राइल और हमास के बीच टकराव की एक नई लहर की संभावना बनती जा रही है। बीते कुछ समय से हमास के हमलों में वृद्धि और इज़राइल की सख्ती के कारण तनाव की स्थिति बढ़ रही है।
जंग का माहौल: फिर भड़कने की आशंका
इज़राइल की सुरक्षा बलों की ओर से किए गए कई ऑपरेशन्स ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अगर हमास अपनी हरकतों से बाज़ नहीं आया, तो इज़राइल की तोपें फिर से गरज सकती हैं। इस संदर्भ में, इज़राइल द्वारा गाजा पर की गई बमबारी पास्ट में कई बार देखने को मिल चुकी है, जिससे क्षेत्र में बड़ी तबाही मच चुकी है। 이번 बार, यदि इज़राइल के जवाबी कार्रवाई के रूप में हमलें होते हैं, तो यह सोच कर ही डर लगता है कि गाजा के आम नागरिकों पर क्या बीतेगा।
हमास की रणनीतियां और इज़राइल का जवाब
हमास ने हाल ही में कई प्रकार की नई रणनीतियों को अपनाया है, जिससे इज़राइल की सुरक्षा में ख़तरा उत्पन्न हुआ है। वहीं, इज़राइल ने भी अपने रक्षात्मक और आक्रमणक तंत्र को मजबूत किया है। दोनों पक्षों के बीच किया गया बार-बार का संघर्ष केवल क्षेत्रीय सुरक्षा को चुनौती नहीं देता, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इससे गंभीर संदेश जाता है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएँ
जैसे-जैसे स्थिति बिगड़ रही है, अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी इस पर नज़र रखने लगा है। कई देश मानवीय संकट की वैसी स्थिति से चिंतित हैं, जो इस संघर्ष का परिणाम हो सकती है। संयुक्त राष्ट्र और अन्य मानवाधिकार संगठन इस पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं और युद्ध के भयानक परिणामों से बचने का प्रयास कर रहे हैं।
कानूनी और मानवाधिकार के मुद्दे
कानूनी दृष्टिकोण से देखें तो, इज़राइल और हमास दोनों को मानवाधिकार के उल्लंघन के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। विनाश जब निहत्थे नागरिकों के बीच हो रहा होता है, तो कानून के अंतर्गत इसे गंभीरता से लिया जाता है। इस विषय में विशेषज्ञों का मानना है कि यदि स्थिति में सुधार नहीं होता, तो यह युद्ध का एक और बड़ा दृश्य बन सकता है।
निष्कर्ष
गाजा में हालात न केवल स्थानीय नागरिकों के लिए बल्कि वैश्विक शांति के लिए भी एक बड़ी चुनौती बने हुए हैं। इस प्रकार की स्थिति से न केवल जीवन की हानि होती है, बल्कि समाजिक ताना-बाना भी प्रभावित होता है। संभव है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के दबाव से कोई समाधान निकले, लेकिन जैसा कि हालात हैं, भविष्य के प्रति आशंकाएँ बढ़ रही हैं।
इस लेख में दी गई जानकारियाँ वर्तमान स्थिति पर आधारित हैं और इसके साथ ही, इसे समझना कर्तव्य है कि क्या हम सब मिलकर इस संघर्ष को समाप्त कर सकते हैं।
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