Pope Francis funeral| राष्ट्रपति मुर्मू, गणमान्य व्यक्ति आज Pope को देंगे अंतिम विदाई, अबतक रोम में 2.5 लोगों ने दी श्रद्धांजलि
ईसाई धर्म के शीर्ष धर्मगुरु पोप फ्रांसिस को 26 अप्रैल 2025 यानी शनिवार को अंतिम विदाई दी जाएगी। 21 अप्रैल को पोप के निधन के बाद से ही दुनिया भर से लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे है। पोप फ्रांसिस का अंतिम संस्कार भारतीय समय के अनुसार दोपहर 1.30 बजे किया जाएगा। उनका अंतिम संस्कार वेटिकन के सेंट पीटर्स बेसिलिका के सामने भव्य बारोक प्लाजा में होना है। पोप के अंतिम संस्कार में उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए कई विश्व नेता उपस्थित होंगे। बता दें कि पोप फ्रांसिस का जन्म अर्जेंटीना में हुआ था। उनका निधन 88 वर्ष की आयु में स्ट्रोक के कारण हो गया है। वो बीते कुछ समय से डबल निमोनिया से जूझ रहे थे। इस बीमारी के कारण उन्हें पांच सप्ताह तक अस्पताल में भी रहना पड़ा था। अस्पताल से लौटने के बाद उन्हें एक महीना भी नहीं हुआ था कि उनका निधन हो गया। बता दें कि भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए शुक्रवार 25 अप्रैल को रोम पहुंचीं है। पोप की अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए उनके साथ केंद्रीय संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू, अल्पसंख्यक मामलों और मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन और गोवा विधानसभा के उपाध्यक्ष जोशुआ डीसूजा भी मौजूद है। अंतिम संस्कार की तिथि कार्डिनलों द्वारा तथाकथित "सामान्य सभा" में तय की गई, जो बैठकों की श्रृंखला की पहली बैठक है। इसका समापन तीन सप्ताह के भीतर एक सम्मेलन में होगा, जहां एक नए पोप का चुनाव भी किया जाएगा। पोप के अंतिम संस्कार के लिए बैठने की योजनापोप के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए जो गणमान्य आ रहे हैं वो दुनिया के सबसे शक्तिशाली लोगों में शुमार है। 26 अप्रैल को पोप के अंतिम संस्कार के लिए बैठने की व्यवस्था भी अलग की गई है। इसमें सभी विदेशी नेता अर्जेंटीना और इटालियंस के सामने गौण भूमिका निभाएंगे और फ्रांसीसी वर्णमाला के मुताबिक बैठेंगे। वेटिकन की मानें तो अब तक लगभग 130 विदेशी प्रतिनिधिमंडलों ने अंतिम संस्कार में शामिल होने की इच्छा व्यक्त की है। इनमें लगभग 50 राष्ट्राध्यक्ष शामिल हैं, जिनके इसमें भाग लेने की पुष्टि हो चुकी है, जिनमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और 10 सम्राट भी शामिल हैं। पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार में बैठने की व्यवस्था फ्रेंच वर्णमाला के आधार पर की गई है, जिसमें संभवतः ट्रम्प आगे की पंक्तियों में बैठेंगे। ऐसे निकाली जाएगी अंतिम यात्रा- पोर्टा डेल पेरुगिनो (वेटिकन सिटी से बाहर निकलने का एक पश्चिमी द्वार)तिबर नदी को पार करनाकोर्सो विटोरियो इमानुएलपियाज़ा वेनेज़ियावाया देई फ़ोरी इम्पीरियलीकोलोसियमवाया लैबिकानावाया मेरुलानालगभग 13:00 बजे ताबूत सांता मारिया मैगीगोर पहुँचेगा, जहां इसका स्वागत "गरीबों और ज़रूरतमंदों" के एक समूह द्वारा किया जाएगा।

Pope Francis का अंतिम संस्कार: राष्ट्रपति मुर्मू और गणमान्य व्यक्तियों का श्रद्धांजलि अर्पित करना
The Odd Naari
लेखिका: सुमन शर्मा, टीम नेटानागरी
परिचय
पूरे विश्व में श्रद्धा का पात्र, पोप फ्रांसिस का अंतिम संस्कार आज रोम में आयोजित किया जा रहा है। भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू समेत कई गणमान्य व्यक्ति आज पोप को अंतिम विदाई देंगे। इस अवसर पर विश्वभर से लोग श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए जुट रहे हैं। संबंधित आंकड़ों के अनुसार, अब तक लगभग 2.5 लाख लोगों ने पोप फ्रांसिस को श्रद्धांजलि दी है।
पोप फ्रांसिस का जीवन और योगदान
पोप फ्रांसिस, जिनका असली नाम जॉर्जियो मैरियो बर्गोलियो है, का जन्म अर्जेंटीना में हुआ था। उन्होंने कैथोलिक चर्च के 266वें पोप के रूप में 2013 में अपना कार्यभार संभाला। वे अपनी उदारवादी नीतियों और समावेशी दृष्टिकोण के लिए जाने जाते थे। उन्होंने धार्मिक संबंधों को सुधारने, पर्यावरण संरक्षण, और सामाजिक न्याय के मुद्दों पर अपनी आवाज उठाई।
रोम में श्रद्धांजलियों का स्थल
रोम के सेंट पीटर्स बेसिलिका में आज पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार का कार्यक्रम आयोजित किया गया है। श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए विभिन्न देशों के लोग शामिल हो रहे हैं। राष्ट्रपति मुर्मू के अलावा, प्रमुख विश्व नेताओं जैसे कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, और इटली के प्रधानमंत्री की उपस्थिति इस अवसर को और भी महत्वपूर्ण बनाती है।
कार्यक्रम का विवरण
आज होने वाले अंतिम संस्कार कार्यक्रम में विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान होंगे। पोप के फादर को श्रद्धांजलि देने के लिए पूजा के बाद, उन्हें अंतिम विदाई दी जाएगी। इस अवसर पर विभिन्न धार्मिक समुदायों के नेता भी मौजूद रहेंगे, जो उनके प्रभाव और कार्यों की सराहना करेंगे।
अंत में
पोप फ्रांसिस का निधन एक युग का अंत है। उनके द्वारा स्थापित विचार और दिशा-निर्देश हमें हमेशा प्रेरित करते रहेंगे। आज का यह कार्यक्रम न केवल उन्हें याद करने का अवसर है, बल्कि उनके योगदान को सम्मानित करने का भी है। हमें उम्मीद है कि उनके विचार आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचते रहेंगे। अधिक जानकारी के लिए आएं: theoddnaari.com.