Pakistan में घुसकर बांग्लादेश की धमकी, पैसे दो, हिसाब पूरा करो और माफी मांगों
15 साल के अंतराल के बाद पहली बार बांग्लादेश और पाकिस्तान के प्रतिनिधि आपस में मिले तो किस तरह बांग्लादेश ने पाकिस्तान को दो कूटनीतिक थप्पड़ जड़ दिए। इस मुलाकात में पाकिस्तानी विदेश सचिव आमना बलोच और बांग्लादेश के विदेश सचिव जशीम उद्दीन से मिली। फिर मोहम्मद यूनुस से भी उनकी मुलाकात हुई। पाकिस्तान ने सोचा था कि बांग्लादेश इस मुलाकात के बाद एंटी इंडिया गतिविधियां शुरू कर देगा। लेकिन जो हुआ वह इसके ठीक उलट है। मुलाकात के बाद बांग्लादेश ने बयान जारी कर कहा कि 1971 की जंग में पाकिस्तानी फौज ने ईस्ट बंगाल के नागरिकों पर कई जुल्म ढाए थे उसकी माफी मांगी जाए। इसके साथ-साथ बांग्लादेश ने पाकिस्तान से 38250 का मुआवजा भी मांग लिया। यह मुआवजा उन संपत्तियों की एवज में मांगा गया जो तत्कालीन पश्चिमी पाकिस्तान में थी और ढाका में सरेंडर के बाद पाकिस्तान सरकार ने जिन संपत्तियों को जब्त कर लिया था।इसे भी पढ़ें: 1 लाख 70 हजार लोग रवाना, क्यों अपना देश छोड़ रहे पाकिस्तानी? ये सरकारी आदेश बना मुसीबतबांग्लादेश के विदेश सचिव जशीम उद्दीन ने अपनी पाकिस्तानी समकक्ष आमना बलूच के साथ विदेश कार्यालय परामर्श (एफओसी) के बाद संवाददाताओं से कहा कि हमने पाकिस्तान के साथ ऐतिहासिक रूप से अनसुलझे मुद्दों को उठाया है। बांग्लादेश ने यह मुद्दा ऐसे समय उठाया है जब पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार 27 को दो दिवसीय दौरे पर ढाका आ रहे हैं। उद्दीन ने संवाददाताओं से कहा कि जिन मुद्दों को उठाया गया है, उनमें यहां फंसे हुए पाकिस्तानियों की वापसी, अविभाजित संपत्तियों का न्यायसंगत बंटवारा, 1970 के चक्रवात के पीड़ितों के लिए भेजी गई विदेशी सहायता राशि का हस्तांतरण और 1971 में तत्कालीन पाकिस्तानी सेना द्वारा किए गए नरसंहार के लिए औपचारिक रूप सेसार्वजनिक माफी शामिल है। इसे भी पढ़ें: खैबर पख्तूनख्वा पुलिस के पास संसाधनों की ऐसी कमी, हमलों से बचा सकने योग्य इमारत तक नहीं38250 करोड़ मैं कितने जीरो लगेंगे कंगाली से जूझते पाकिस्तानियों को यह गिनने में भी थोड़ा वक्त लग जाएगा। लेकिन पाकिस्तान पर मुआवजा की यह मांग काफी भारी पड़ सकती है। अपना वजूद बचाने के लिए पाकिस्तान ने आईएमएफ से कर्ज मांगा है। आईएमएफ के बेल आउट की हरी झंडी मिल गई है। आईएमएफ से पहली किश्त में पाकिस्तान को 1.1 बिलियन डॉलर मिलेंगे। दूसरी किश्त में पाकिस्तान को 2.4 बिलियन डॉलर मिलेंगे। दोनों राशियों को मिला भी दिया जाए तो ये बांग्लादेश के मुआवजे यानी साढ़े चार बिलियन डॉलर से कम पड़ेंगे। यानी पाकिस्तान कर्ज लेकर भी मुआवजा चुकाना चाहे तो चुका नहीं सकता।

Pakistan में घुसकर बांग्लादेश की धमकी, पैसे दो, हिसाब पूरा करो और माफी मांगों
The Odd Naari द्वारा, लेखिका: सुमिता त्रिवेदी, टीम नेटानागरी
हाल ही में बांग्लादेश ने पाकिस्तान को एक धमकी भरा संदेश दिया है, जिसमें उसने पाकिस्तान से पैसे मांगने के साथ-साथ माफी मांगने का भी अनुरोध किया है। यह घटना उस समय सामने आई है, जब बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिति बेहद संवेदनशील है।
बांग्लादेश की चेतावनी
b>Kता है कि बांग्लादेश के विदेश मंत्री, असदुल्ला कोटेरी ने पाकिस्तान को चेतावनी दी कि अगर वह अपने पिछले कृत्यों के लिए माफी नहीं मांगता और आर्थिक नुकसान की भरपाई नहीं करता, तो बांग्लादेश को इस मुद्दे पर कड़ी कार्रवाई करनी पड़ेगी।
उन्होंने यह भी बताया कि पाकिस्तान की तरफ से बांग्लादेश के खिलाफ कई बार नकारात्मक टिप्पणियाँ की गई हैं, जिससे दोनों देशों के बीच आपसी संबंध प्रभावित हुए हैं।
क्या हैं इतिहास के पीछे के कारण?
बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच तनाव के कई कारण हैं। 1971 में बांग्लादेश की स्वतंत्रता संग्राम के दौरान पाकिस्तान सरकार द्वारा किए गए अत्याचारों के कारण आज भी दोनों देशों में नफरत का माहौल बना हुआ है।
इस बिड़ से पहले भी बांग्लादेश ने पाकिस्तान से माफी की मांग की थी, लेकिन इस बार बांग्लादेश ने संकेत दिया है कि वह अब और चुप नहीं रहने वाला। बांग्लादेश के गृह मामलों के मंत्री ने साफ तौर पर कहा कि स्थिति को गंभीरता से लिया जाना चाहिए।
रविवार की वार्ता
रविवार को हुई एक बैठक में बांग्लादेश के मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान को अब अपने किए की भरपाई करनी होगी। बांग्लादेश ने यह भी कहा है कि अगर पाकिस्तान माफी नहीं मांगता और आर्थिक सहायता नहीं प्रदान करता, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
दुनिया की समीक्षाएँ
राजनैतिक विषमताओं के कारण अमेरिका समेत अन्य देशों ने भी इस स्थिति पर चिंता व्यक्त की है। विशेषज्ञों का कहना है कि दोनों देशों के बीच युद्ध न हो, इसके लिए तुरंत कदम उठाने की आवश्यकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि बांग्लादेश अपने मंतव्य पर अड़ा रहा तो यह प्रकरण दोनों देशों के लिए समस्याओं का कारण बन सकता है।
निष्कर्ष
यह स्थिति बांग्लादेश और पाकिस्तान के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। दोनों देशों को आपसी सामंजस्य के लिए बातचीत और समझौते की आवश्यकता है। ऐसा करने से न केवल दोनों देशों के रिश्ते में सुधार होगा, बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता भी सुनिश्चित होगी।
बांग्लादेश की इस धमकी को गंभीरता से लेते हुए पाकिस्तान को उचित कदम उठाने की आवश्यकता है। अगर पाकिस्तान माफी नहीं मांगता, तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।
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