Pakistan ने भारत पर झेलम का पानी छोड़ने का आरोप लगाया, POK में बाढ़ की चेतावनी के बाद दहशत
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव है। इस बीच पाकिस्तान ने भारत पर उसे बिना बताए झेलम नदी में अचानक पानी छोड़ने का आरोप लगाया है। पाकिस्तान ने आरोप लगाया है कि भारत ने पाकिस्तानी अधिकारियों को बिना बताए झेलम नदी में पानी छोड़ दिया, जिससे नदी के किनारे रहने वाले निवासियों में दहशत फैल गई है।दुनिया न्यूज़ की रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में मुजफ्फराबाद के पास नदी के जलस्तर में अचानक वृद्धि देखी गई। पाकिस्तानी मीडिया और स्थानीय प्रशासन ने इसके लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने झेलम नदी के तट पर मुजफ्फराबाद से लगभग 40 किलोमीटर दूर हटियन बाला में जल आपातकाल लगा दिया। स्थानीय लोगों को मस्जिदों में घोषणाओं के माध्यम से भी चेतावनी दी गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस घोषणा से नदी के किनारे रहने वाले निवासियों में दहशत फैल गई है। इसे भी पढ़ें: Vancouver में लापु लापु फेस्टिवल में कार ने भीड़ को टक्कर मारी, कई लोगों की मौत, कई घायलपाकिस्तानी अधिकारियों ने इसकी निंदा की और इसे अंतर्राष्ट्रीय नियमों और जल समझौतों का पूर्ण उल्लंघन कहा। ये आरोप भारत द्वारा पहलगाम में पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों द्वारा किए गए घातक आतंकी हमले के जवाब में 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित करने के फैसले के बाद आए हैं। भारत सरकार ने घोषणा की कि संधि तब तक निलंबित रहेगी जब तक कि पाकिस्तान "विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से" सीमा पार आतंकवाद के लिए अपने समर्थन को त्याग नहीं देता। इसे भी पढ़ें: पाकिस्तान के मंत्री Hanif Abbasi ने खुलेआम भारत को परमाणु हमले की धमकी दीसिंधु जल संधि क्या है?सिंधु जल संधि भारत और पाकिस्तान के बीच 1960 में हस्ताक्षरित एक जल संसाधन समझौता है। इस संधि के तहत, दोनों देशों ने सिंधु नदी प्रणाली के जल संसाधनों के उपयोग और प्रबंधन के लिए नियम और शर्तें तय की हैं।संधि के मुख्य बिंदु:1. जल बंटवारा: संधि के अनुसार, पूर्वी नदियों (रावी, ब्यास और सतलुज) का जल भारत को आवंटित किया गया है, जबकि पश्चिमी नदियों (सिंधु, चिनाब और जेहलम) का जल पाकिस्तान को आवंटित किया गया है।2. जल उपयोग: दोनों देशों ने एक दूसरे के जल संसाधनों के उपयोग के लिए कुछ सीमाएं और शर्तें तय की हैं।3. निगरानी और विवाद समाधान: संधि में दोनों देशों के बीच जल संबंधी विवादों के समाधान के लिए एक तंत्र स्थापित किया गया है।सिंधु जल संधि का उद्देश्य दोनों देशों के बीच जल संसाधनों के उपयोग और प्रबंधन में सहयोग और समझ को बढ़ावा देना है। हालांकि, समय-समय पर दोनों देशों के बीच इस संधि को लेकर विवाद और तनाव उत्पन्न होते रहे हैं।

Pakistan ने भारत पर झेलम का पानी छोड़ने का आरोप लगाया, POK में बाढ़ की चेतावनी के बाद दहशत
The Odd Naari
लेखिका: राधिका, टीम नीतानगरी
परिचय
पाकिस्तान ने भारत पर झेलम नदी का पानी छोड़ने का गंभीर आरोप लगाया है, जिससे पाकिस्तान के गुलाम कश्मीर (POK) में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। यह मामला न केवल दो देशों के बीच तनाव को बढ़ा रहा है, बल्कि स्थानीय जन जीवन को भी प्रभावित कर रहा है। इस लेख में हम इस मामले का विस्तृत विश्लेषण करेंगे, जो भारत-पाकिस्तान संबंधों में एक नई दिक्कत का कारण बन सकता है।
झेलम नदी की महत्वपूर्ण भूमिका
झेलम नदी, जो कि कश्मीर क्षेत्र में एक प्रमुख जल स्रोत है, का उपयोग दोनों देशों द्वारा होते आया है। लेकिन, वर्तमान में पाकिस्तान द्वारा जिस प्रकार से भारत पर आरोप लगाया जा रहा है, उसने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। भारतीय अधिकारियों का कहना है कि पाकिस्तान को अपनी सामर्थ्य और जल संकट प्रबंधन में सुधार लाना चाहिए।
पाकिस्तान का आरोप
पाकिस्तान के जल संसाधन मंत्री आरा बशीर ने हाल ही में बयान दिया कि भारत जानबूझकर झेलम का पानी छोड़ रहा है, जिससे POK में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। यह आरोप न केवल राजनीतिक बल्कि मानवीय दृष्टिकोण से भी गंभीर हैं। स्थानीय निवासियों ने भी स्वयं को असुरक्षित महसूस किया है और राहत उपायों की आवश्यकता महसूस कर रहे हैं।
बाढ़ की चेतावनी के प्रभाव
गुलाम कश्मीर में बाढ़ की चेतावनी के बाद, स्थानीय प्रशासन ने तेजी से राहत कार्यों की शुरुआत की है। लेकिन, यह संकट कैसे बढ़ा, इसे समझना बेहद जरूरी है। स्थानीय मौसम विज्ञान विभाग ने चेतावनी दी है कि झेलम का जल स्तर बढ़ने से बड़े पैमाने पर बाढ़ कृत्रिम आपदा का कारण बन सकती है।
भारत का स्पष्टकरन
इस मुद्दें पर भारत ने स्पष्ट किया है कि पानी का कोई जानबूझकर छोड़ने का कार्य नहीं किया गया है। भारत सरकार का कहना है कि इन आरोपों का कोई आधार नहीं है और जल के प्रवाह का प्रबंधन पूरी तरह से वैज्ञानिक एवं प्राकृतिक कारणों पर निर्भर है।
सहमति या विरोध?
भारत-पाकिस्तान संबंधों में यह नया मोड़ साफ दर्शाता है कि जल मुद्दा कितना संवेदनशील और महत्वपूर्ण है। दोनों देशों के बीच dialogue की आवश्यकता महसूस हो रही है, जिससे ऐसी परिस्थितियों को निपट सके।
निष्कर्ष
भारत और पाकिस्तान के बीच यह जल विवाद एक बार फिर क्षेत्रीय स्थिरता को सवालों के दायरे में ले आया है। झेलम नदी का पानी और उसके प्रबंधन पर विवाद के लिए आगे का रास्ता एकजुटता और सहमति की आवश्यकता करता है। अगर दोनों देश आपस में बातचीत करने में असफल होते हैं, तो यह स्थिति और भी बिगड़ सकती है।
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