Hamas Entry in Waqf Protest: वक्फ कानून के खिलाफ जंग में कूदा हमास, मुस्लिम ब्रदरहुड की भी हुई एंट्री, अब होगा इजरायली इलाज?
वक्फ कानून का विरोध करते करते केरल के कट्टरपंथी गाजा के आंतकी संगठन हमास की शरण में चले गए हैं। उन्हें मुस्लिम ब्रदरहुड के आतंकी भी मददगार नजर आ रहे हैं। वक्फ कानून पर प्रदर्शन की कुछ हैरान करने वाली तस्वीरें केरल के कालीकट से आई। प्रदर्शनकारियों के हाथों में याहा सिनवार और हसन अल-बन्ना नजर आ रहे हैं। याहा सिनवार हमास का चीफ था। इसका इजरायली डिफेंस फोर्स ने काम तमाम कर दिया है। जबकी दूसरी तस्वीर हसन अल बन्ना की नजर आई जिसने मुस्लिम ब्रदरहुड की स्थापना की थी। वक्फ का विरोध कर रहे केरल के कट्टरपंथियों को लगता है कि हमास आकर उन्हें वक्फ के खिलाफ जंग में साथ देगा। इसे भी पढ़ें: Trump का एक और बड़ा धमाका, हिले दुनियाभर के करोड़ों मुसलमान, भारत के कई सेलिब्रेटीज के भी उड़ जाएंगे होशइन कट्टरपंथियों को शायद ये पता नहीं है कि जिस हमास के याहा सिनवार के पोस्टर वे लहरा रहे हैं वो मारा जा चुका है। 1987 में हमास का गठन मुस्लिम ब्रदरहुड के शाखा के तौर पर हुआ था। ये संगठन खूंखार था व इजरायल का अस्तित्व मिटाना चाहता था। 2023 में हमास ने इजरायल पर हमला करके 1223 लोगों की जान ले ली थी। लेकिन इसके बाद इजरायल ने इसका वजूद ही मिटा दिया। गाजा को तहस नहस कर दिया। 17000 से ज्यादा हमास आतंकियों का मार गिराया। अब आप जरा मुस्लिम ब्रदरहुड की करतूतें भी जान लीजिए। 1928 में मिस्र में मुस्लिम ब्रदरहुड की स्थापना की। इस संगठन का सबसे चर्चित नारा इस्लाम की समाधान है। वैसे तो इसे इस्लाम के नैतिक मूल्यों के लिए बनाया गया था लेकिन जल्द ही ये सियासत में शामिल हो गया। इसे भी पढ़ें: Trump हो या इजरायल हमला करके तो दिखाए, बमबारी की धमकी के बीच रूस-चीन और ईरान की बड़ी बैठक2011 में मिस्र में जिस आंदोलन की वजह से होस्नी मुबारक का तख्तापलट हो गया था और उन्हें सत्ता गंवानी पड़ी थी उसके पीछे यही इस्लामिक ब्रदरहुड था। ये संगठन खुद ही मिस्र में प्रतिबंधित है। आतंकी संगठन हिजबुल्लाह और हमास से भी इसके गहरे लिंक हैं। लेकिन केरल के कुछ मुसलमानों को मुस्लिम ब्रदरहुड में क्या नजर आया कि वक्फ की लड़ाई में पोस्टर लेकर निकल पड़े। वक्फ का कानून भारत की संसद ने बनाया है। लेकिन केरल के कुछ कट्टरपंथियों को लगता है कि हमास, मुस्लिम ब्रदरहुड जैसे विदेशी आंतकी संगठन वक्फ प्रॉपर्टी की लूट में उनकी मदद करेंगे। केरल में इसी मकसद से वक्फ के खिलाफ रैली में हमास आतंकी के पोस्टर लहराए गए। कट्टरपंथियों को नहीं पता कि कानून तो मानना ही पड़ेगा और ये हमास उनकी कोई मदद नहीं कर पाएगा। इसे भी पढ़ें: नेतन्याहू ट्रंप की हो रही थी मुलाकात, इधर गाजा पर बरस रहे थे बम, 32 लोगों की मौतभाजपा नेता और केरल इकाई के पूर्व अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने भारतीय धरती पर आयोजित विरोध प्रदर्शन में ऐसी शख्सियतों की मौजूदगी पर सवाल उठाया। उन्होंने पूछा कि प्रदर्शनकारी हमास आतंकवादियों और वैश्विक जिहाद के वैचारिक जनक सैय्यद कुतुब की तस्वीरें क्यों दिखा रहे थे? मुख्यमंत्री इसकी अनुमति क्यों दे रहे हैं? उन्होंने राज्य सरकार पर आंखें मूंद लेने का आरोप लगाया। केरल पुलिस ने छह लोगों और लगभग 3,000 अन्य अज्ञात प्रदर्शनकारियों के खिलाफ गैरकानूनी तरीके से एकत्र होने और ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों के काम में बाधा डालने का मामला दर्ज किया है। प्रदर्शन के सिलसिले में छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि प्रदर्शन के दौरान दिखाई गई तस्वीरों के बारे में अभी तक कोई शिकायत नहीं मिली है।

Hamas Entry in Waqf Protest: वक्फ कानून के खिलाफ जंग में कूदा हमास, मुस्लिम ब्रदरहुड की भी हुई एंट्री, अब होगा इजरायली इलाज?
The Odd Naari द्वारा लिखित, टीम नेतानागरी
वर्तमान समय में, वक्फ कानून के खिलाफ चल रही जंग में हमास और मुस्लिम ब्रदरहुड की एंट्री ने राजनीतिक माहौल में हलचल पैदा कर दी है। इस लेख में हम इस महत्वपूर्ण मुद्दे का विश्लेषण करेंगे और जानेंगे कि इसके पीछे के कारण क्या हैं और इसका इजरायली इलाज पर क्या असर पड़ेगा।
वक्फ कानून क्या है?
वक्फ कानून एक धार्मिक और कानूनी ढांचा है जिसका उद्देश्य मुस्लिम समुदाय की सम्पत्तियों का संरक्षण और प्रबंधन करना है। यह कानून विभिन्न देशों में अलग-अलग रूपों में लागू होता है, लेकिन मूलतः इसका उद्देश्य धार्मिक और सामाजिक हितों की रक्षा करना है।
हमास की एंट्री और उसके पीछे के कारण
हमास ने हाल ही में वक्फ कानून के खिलाफ अपनी आवाज उठाई है, जिसमें उनका तर्क है कि यह कानून मुस्लिम समुदाय के अधिकारों का उल्लंघन कर रहा है। हमास की यह एंट्री न केवल एक राजनीतिक कदम है, बल्कि यह एक रणनीतिक स्थिति भी है जो उन्हें जन समर्थन प्राप्त करने में मदद कर रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम के पीछे इजरायल का इलाज भी सामिल है। इजराइल पर मुस्लिम समुदाय के खिलाफ भेदभाव का आरोप अक्सर लगाया जाता रहा है, और हमास की यह चाल उस पर नज़र रखने की एक कोशिश है।
मुस्लिम ब्रदरहुड की भूमिका
हमास के साथ मुस्लिम ब्रदरहुड का सामील होना इस जंग को और भी जटिल बना देता है। मुस्लिम ब्रदरहुड लंबे समय से इस क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी रहा है और उनका समर्थन हमास को और मजबूती देगा। हालांकि, इस गठबंधन से संभावित टकराव और संघर्ष भी बढ़ सकते हैं।
इसका इजरायली इलाज पर प्रभाव
प्रस्तावित विवादों के चलते, हमास और मुस्लिम ब्रदरहुड की एंट्री इजरायल के उपभोग को प्रभावित कर सकती है। कुछ रिपोर्टों के मुताबिक, इजरायल अब इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए नए उपायों की योजना बना सकता है। इसका सीधा असर क्षेत्रीय स्थिरता और शांति पर पड़ेगा।
निष्कर्ष
हमास और मुस्लिम ब्रदरहुड की एंट्री ने वक्फ कानून के खिलाफ चल रही जंग को एक नई दिशा दी है। यह मुद्दा न केवल राजनीतिक है, बल्कि धार्मिक और सामाजिक पहलुओं को भी छूता है। आने वाले दिनों में इस स्थिति का क्या असर होगा, यह देखना महत्वपूर्ण होगा। उम्मीद है कि इस विवाद का समाधान जल्द ही निकलेगा और क्षेत्र में शांति की बहाली होगी।
फिर भी, स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सभी पक्षों को विचार-विमर्श करने की ज़रूरत है। अपडेट्स के लिए theoddnaari.com पर जाएं।