Guillain Barre Syndrome: महाराष्ट्र में गुलियन बेरे सिंड्रोम ने मचाई तबाही, जानिए इसके लक्षण और इलाज

वर्तमान समय में देश कई प्रकार की गंभीर बीमारियों और संक्रामक बीमारियों की चपेट में है। पहले एचएमपीवी और फिर एच5एन1 के संक्रमण ने हेल्थ एक्सपर्ट्स की चिंता को बढ़ाया है। वहीं अब महाराष्ट्र के कई शहरों में गिलियन बैरे सिंड्रोम के मामले में बढ़ोत्तरी देखने को मिली है। जिससे लोगों के मन में इस बीमारी का डर बैठ गया है। राज्य में लोग पहले से ही बर्ड फ्लू के संक्रमण से परेशान थे। लेकिन इसी बीच जीबीएस की एंट्री ने हेल्थ क्षेत्र में एक्स्ट्रा दबाव बढ़ा दिया है।प्राप्त जानकारी के अनुसार, गुलियन बेरे सिंड्रोम की वजह से पुणे में एक मरीज की मौत हो गई है। राज्य में इस बीमारी से होने वाले पहली संदिग्ध मौत है। बता दें कि पुणे में करीब 100 से ज्यादा लोगों में इस बीमारी के मामले दर्ज किए गए हैं। अलग-अलग अस्पतालों में इलाज करा रहे इन मरीजों में करीब 16 मरीज वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं। महाराष्ट्र हेल्थ विभाग द्वारा किए गए विश्लेषण से पता चलता है कि 9 साल से कम उम्र के 19 मरीज और 65-80 साल वाले करीब 10 मरीज हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी को इस बीमारी ने प्रभावित किया है।इसे भी पढ़ें: Health Tips: महिलाओं को डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए ये 3 बीज, हार्मोंस संतुलन से लेकर हड्डियों तक में भर जाएगी जानमहाराष्ट्र के कई हिस्सों में बढ़ती गुलियन बेरे सिंड्रोम बीमारी को देखते हुए हेल्थ एक्सपर्ट ने लोगों को अलर्ट किया है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि क्या यह कोई नई बीमारी है, यह बीमारी कैसे बढ़ रही है और इस बीमारी से बचाव के लिए क्या किया जा सकता है।गुलियन बेरे सिंड्रोमबता दें कि जब जून 2021 में कोविड की दूसरी लहर चल रही थी। तब कुछ देशों में इस बीमारी के मामलों को लेकर चर्चा तेज हो गई थी। वैज्ञानिकों ने अध्ययन में बताया कि ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स के तौर पर कुछ लोगों में इस संक्रमण की समस्या देखी जा रही है। लेकिन बाद में कुछ वैक्सीनेशन के इस दुष्प्रभाव को नकार दिया गया था।गुलियन बेरे सिंड्रोम एक ऐसी स्थिति है, जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली तंत्रिकाओं पर अटैक करती है। जिसकी वजह से मरीजों को कमजोरी, लकवा मारने या फिर सुन्न होने जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। हेल्थ एक्सपर्ट इस समस्या को मेडिकल इमरजेंसी के तौर पर देखते हैं। जिसके मरीज को फौरन इलाज की जरूरत होती है। वहीं समय पर इलाज न मिलने पर जान जाने का भी खतरा हो सकता है।एक रिपोर्ट की मानें, तो दुनिया भर में हर साल करीब 1 लाख लोगों को यह समस्या होता है। लेकिन यह दिक्कत क्यों होती है, इसका अभी तक सटीक कारण नहीं मालूम चला है। लेकिन अगर समय पर इसका इलाज मिल जाए, तो इस संक्रमण आसानी से ठीक हो सकता है। कोविड-19 महामारी के समय भी गिलियन बैरे सिंड्रोम के मामले देखे गए थे।इस बीमारी के लक्षणमेडिकल रिपोर्ट्स के मुताबिक यह बीमारी पेरीफेरल नर्वस को अटैक करती है। यह बीमारी तंत्रिकाएं मांसपेशियों की गति, तापमान, शरीर में दर्द के संकेत और शरीर को छूने पर होने वाली संवेदनाओं का एहसास कराती है। इन तंत्रिकाओं को होने वाली क्षति के कारण कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं।पैरों में कमजोरी जो शरीर के ऊपरी हिस्से तक फैल सकती है।हाथ-पैरों के टखने, उंगलियों या कलाई में सुई चुभने का एहसास होता है।सीढ़ियां चढ़ने या फिर चलने में असमर्थ होना।बोलने, निगलने या फिर चबाने में समस्या होना।हृदय गति का बढ़ जाना और पेशाब पर कंट्रोल न रह जाना।

Guillain Barre Syndrome: महाराष्ट्र में गुलियन बेरे सिंड्रोम ने मचाई तबाही, जानिए इसके लक्षण और इलाज
Guillain Barre Syndrome: महाराष्ट्र में गुलियन बेरे सिंड्रोम ने मचाई तबाही, जानिए इसके लक्षण और इलाज

Guillain Barre Syndrome: महाराष्ट्र में गुलियन बेरे सिंड्रोम ने मचाई तबाही, जानिए इसके लक्षण और इलाज

The Odd Naari द्वारा, लेखिका: सुमिता अग्रवाल और टिम नेटानगरी

परिचय

गुलियन बेरे सिंड्रोम (Guillain Barre Syndrome) एक ऐसी विकार है, जो तंत्रिका तंत्र पर हमला करती है। हाल ही में, महाराष्ट्र में इस सिंड्रोम के मामलों में तेजी आई है, जिससे चिंताओं का माहौल बन गया है। यह लेख इस सिंड्रोम के लक्षणों, इलाज और रोकथाम के उपायों पर प्रकाश डालेगा।

गुलियन बेरे सिंड्रोम: क्या है?

गुलियन बेरे सिंड्रोम एक ऑटोइम्यून स्थिति है जहां शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली अपने तंत्रिका तंत्र पर हमला करती है। इस स्थिति से चलने, महसूस करने और यहाँ तक कि सांस लेने में भी समस्या हो सकती है। यह सिंड्रोम किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन यह आमतौर पर युवा वयस्कों और मध्यम आयु के लोगों में अधिक पाया जाता है।

महाराष्ट्र में स्थिति

महाराष्ट्र में हाल ही में गुलियन बेरे सिंड्रोम के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, पिछले कुछ हफ्तों में यह स्थिति अस्पतालों में बढ़ती जा रही है। चिकित्सक इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं और लगातार ग्रसित मरीजों की निगरानी कर रहे हैं।

लक्षण

गुलियन बेरे सिंड्रोम के प्रमुख लक्षणों में शामिल हैं:

  • कमजोरी और सुस्ती
  • पैरों और हाथों में झुनझुनी
  • सांस लेने में कठिनाई
  • तनाव और चिंता
  • संवेदनशीलता में परिवर्तन

यह लक्षण अचानक विकसित हो सकते हैं, इसलिए यदि कोई व्यक्ति इन लक्षणों का अनुभव कर रहा है, तो उसे तुरंत चिकित्सकीय सलाह लेनी चाहिए।

इलाज

गुलियन बेरे सिंड्रोम का इलाज आमतौर पर अस्पताल में किया जाता है। प्राथमिक उपचार में इम्युनोग्लोबुलिन थेरेपी और प्लाज्मा एक्सचेंज शामिल होते हैं। ये उपचार रोग की गंभीरता को कम करने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा, फिजियोथेरपी भी पेश की जाती है ताकि मांसपेशियों की ताकत वापस आ सके।

निष्कर्ष

गुलियन बेरे सिंड्रोम एक गंभीर स्थिति है, लेकिन उचित उपचार से रोगी को राहत मिल सकती है। महाराष्ट्र में हो रहे मामलों के मद्देनजर, जागरूकता बढ़ाना और समय पर चिकित्सा लेना अत्यन्त आवश्यक है। यदि आप या आपका कोई प्रिय व्यक्ति इन लक्षणों का सामना कर रहा हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

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