America को यूक्रेन के दुर्लभ खनिजों तक पहुंच देने से Volodymyr Zelenskyy का इनकार

म्यूनिख। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि उन्होंने अपने मंत्रियों को निर्देश दिया है कि वे यूक्रेन के दुर्लभ खनिजों तक अमेरिका की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए प्रस्तावित समझौते पर हस्ताक्षर न करें, क्योंकि यह प्रस्ताव अमेरिकी हितों पर अत्यधिक केंद्रित है। वार्ता से परिचित एक वर्तमान और एक पूर्व वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, शुक्रवार को म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन के दौरान अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस के साथ जेलेंस्की की वार्ता के केंद्र में यही प्रस्ताव था।व्हाइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने समझौते को अस्वीकार करने के जेलेंस्की के निर्णय को फिलहाल के लिए ‘‘अदूरदर्शी’’ बताया। जेलेंस्की ने शनिवार को म्यूनिख में ‘एसोसिएटेड प्रेस’ से कहा, ‘‘मैंने मंत्रियों को संबंधित समझौते पर हस्ताक्षर नहीं करने का निर्देश दिया क्योंकि मेरे विचार में यह हमारी, हमारे हितों की रक्षा करने के लिए नहीं है।’’यूक्रेन के वर्तमान और पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों ने नाम सार्वजनिक नहीं करने की शर्त पर बताया कि प्रस्ताव में इस बात पर ध्यान केंद्रित किया गया है कि अमेरिका बाइडन प्रशासन द्वारा यूक्रेन को दी गई सहायता के बदले ‘‘मुआवजे के रूप में’’ और भविष्य की सहायता के भुगतान के रूप में कीव के दुर्लभ खनिजों का किस तरह उपयोग कर सकता है। यूक्रेन में महत्वपूर्ण खनिजों के विशाल भंडार हैं जिनका उपयोग एयरोस्पेस, रक्षा और परमाणु उद्योगों में किया जाता है।ट्रंप प्रशासन ने संकेत दिया है कि चीन पर निर्भरता कम करने के लिए यूक्रेन के खनिजों में उसकी रुचि है। व्हाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता ब्रायन ह्यूजेस ने स्पष्ट रूप से इस प्रस्ताव के बारे में कुछ नहीं बताया, लेकिन एक बयान में कहा कि ‘‘ट्रंप प्रशासन द्वारा यूक्रेन को दिए गए उत्कृष्ट अवसर के बारे में राष्ट्रपति जेलेंस्की का रुख अदूरदर्शी है।

America को यूक्रेन के दुर्लभ खनिजों तक पहुंच देने से Volodymyr Zelenskyy का इनकार
America को यूक्रेन के दुर्लभ खनिजों तक पहुंच देने से Volodymyr Zelenskyy का इनकार

America को यूक्रेन के दुर्लभ खनिजों तक पहुंच देने से Volodymyr Zelenskyy का इनकार

The Odd Naari द्वारा, लेखिका - प्रिया शर्मा, टीम नेटानागरी

परिचय

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की ने हाल ही में अमेरिका को देश के दुर्लभ खनिजों तक पहुंच देने से इनकार कर दिया है। इस निर्णय ने वैश्विक भू-राजनीति में हलचल मचा दी है। हालांकि, इससे अमेरिका और यूक्रेन के बीच संबंधों पर क्या प्रभाव पड़ेगा, यह देखने वाली बात होगी।

यूक्रेन के दुर्लभ खनिज

यूक्रेन, अपनी समृद्ध खनिज संपदा के लिए जाना जाता है, जिसमें दुर्लभ धातुएं शामिल हैं जो तकनीकी उत्पादों, बैटरी और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। दुनिया भर में इन खनिजों की बढ़ती मांग के बीच, अमेरिका नेयूक्रेन से इन खनिजों की मांग की थी।

जेलेंस्की का फैसला

जेलेंस्की का यह निर्णय कई दृष्टिकोणों से महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि उनके देश की सुरक्षा और संप्रभुता को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यूक्रेन अपनी खनिज संपदा का उपयोग केवल अपने विकास के लिए करेगा और विदेशी हस्तक्षेप के खिलाफ है।

अमेरिका का प्रतिक्रिया

अमेरिका के इस निर्णय पर मिश्रित प्रतिक्रिया रही है। एक ओर, कुछ विशेषज्ञ इसका स्वागत कर रहे हैं, तो दूसरी ओर, कुछ इसे यूक्रेन के लिए जोखिमपूर्ण मानते हैं। अमेरिका की नीति के तहत, वे यूक्रेन को आर्थिक सहायता देते रहे हैं, लेकिन अगर खनिजों की आपूर्ति बाधित होती है, तो यह उनके लिए नई चुनौतियां ला सकता है।

भविष्य की संभावनाएं

जेलेंस्की के निर्णय का भविष्य में क्या प्रभाव पड़ेगा यह फिलहाल संदेहास्पद है। यदि यूक्रेन अपनी खनिज संपदा का संरक्षण करने में सफल होता है, तो यह न केवल उनकी आर्थिक स्थिरता को बढ़ावा देगा, बल्कि वैश्विक बाजार में उनकी प्रतिष्ठा भी मजबूत करेगा।

निष्कर्ष

वास्तव में, जेलेंस्की का यह निर्णय यूक्रेन की संप्रभुता और सुरक्षा को जोड़ता है। जैसे-जैसे वैश्विक राजनीति बदल रही है, यूक्रेन अपने भविष्य के लिए नई रणनीतियों की खोज में है। हमें यूक्रेन के इस निर्णय के परिणामों पर ध्यान रखने की आवश्यकता है, क्योंकि यह वैश्विक स्तर पर शक्ति संतुलन को प्रभावित कर सकता है।

यह स्थिति इस बात का संकेत है कि यूक्रेन केवल खनिज संपदा का स्रोत नहीं है, बल्कि एक मजबूत और स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में अपना स्थान बनाने की कोशिश कर रहा है। इसके परिणाम सबसे महत्वपूर्ण होंगे।

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