Kolkata Rape Case: बंगाल में BJP की जाँच टीम, ममता सरकार पर गंभीर आरोप

कोलकाता के लॉ कॉलेज के बाहर भाजपा और वामपंथी समर्थकों के बीच जबरदस्त झड़प हुई, जहां 25 जून को एक छात्रा के साथ कॉलेज परिसर में बलात्कार किया गया था। भाजपा द्वारा गठित चार सदस्यीय तथ्यान्वेषी दल आज सुबह शहर पहुंचा और कॉलेज का दौरा करने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें परिसर के बाहर ही रोक दिया। टीम के सदस्यों में पूर्व केंद्रीय मंत्री सतपाल सिंह, मीनाक्षी लेखी और सांसद विप्लव कुमार देब और मनन कुमार मिश्रा शामिल हैं।  इसे भी पढ़ें: महिला CM होने के बावजूद.., Kolkata Rape Case को लेकर भाजपा ने मांगा ममता बनर्जी से इस्तीफा पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री डॉ. सुकांत मजूमदार ने कहा कि यहां पूरी तरह अराजकता है। भाजपा नेता डॉ. सतपाल सिंह ने कहा कि हम यहां सिर्फ साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज में हुए गैंगरेप मामले की जांच को गति देने नहीं आए हैं, बल्कि हम यहां यह संदेश देने आए हैं कि भाजपा का हर सदस्य, इस देश का हर नागरिक पश्चिम बंगाल की महिलाओं के साथ खड़ा है... पश्चिम बंगाल में जिस तरह की घटनाएं हो रही हैं, वे सिर्फ घटनाएं नहीं हैं, यह अब एक पैटर्न बन गया है। उन्होंने कहा कि एक महिला के मुख्यमंत्री होने के बाद भी राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हैं। महिलाओं के खिलाफ अपराध के इतने मामले हैं जहां एफआईआर भी दर्ज नहीं की जा रही है... हमने पुलिस कमिश्नर से मुलाकात की। उन्होंने हमें अब तक की जांच और गिरफ्तारियों के बारे में बताया। उन्होंने हमें आश्वासन दिया कि आरोपियों को जल्द ही सजा दी जाएगी। जिस व्यक्ति पर 2013 से चार मामले दर्ज हैं, उसे चार बार गिरफ्तार किया गया है और वह टीएमसी छात्र विंग का सदस्य रहा है, ऐसे व्यक्ति को लॉ कॉलेज में कैसे प्रवेश दिया गया? उन्होंने कहा कि मैं पिछले कई सालों से पश्चिम बंगाल आ रहा हूँ। महिलाएँ असुरक्षित हैं, आम आदमी असुरक्षित है, गुंडों को संरक्षण दिया जा रहा है, और शासन व्यवस्था विफल है। हमने पुलिस कमिश्नर से भी कहा है कि कम से कम महिलाओं की शिकायत दर्ज की जाए और जांच की जाए।राज्यसभा सांसद मनन कुमार मिश्रा ने कहा कि भाजपा की इस तथ्यान्वेषी समिति के गठन के पीछे एक निश्चित कारण था। सरकार, पुलिस और जांच एजेंसियों की विफलताएं और कमियां स्पष्ट रूप से सभी अपराधों में सत्तारूढ़ पार्टी की संलिप्तता की ओर इशारा करती हैं। मुख्य आरोपी का टीएमसी से संबंध है, वह हिस्ट्रीशीटर है और उसे पहले भी चार बार गिरफ्तार किया जा चुका है। हमने पुलिस कमिश्नर से बात की... हम पीड़िता और उसके परिजनों से मिलने की कोशिश करेंगे। हमारे पास जो जानकारी है उसके अनुसार उन्हें किसी से मिलने नहीं दिया जा रहा है और पुलिस ने उन्हें कहीं छिपा दिया है।  इसे भी पढ़ें: Kolkata Law College Case: बंगाल में लॉ एंड ऑर्डर पूरी तरह से ध्वस्त, कानून मंत्री ने ममता सरकार पर साधा निशानाभाजपा सांसद बिप्लब कुमार देब ने कहा कि ममता बनर्जी को एक महिला और एक मुख्यमंत्री के तौर पर शर्म आनी चाहिए कि दूसरी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल मामले की जांच करने आया था। वह खुद भी यह काम कर सकती थीं, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया... क्या वह इस तथ्य का सामना कर सकती हैं कि वह महिलाओं को सुरक्षा देने में सक्षम नहीं हैं? एक अपराधी को लॉ कॉलेज में नियुक्त किया गया। किसी को भी नौकरी पर रखने से पहले उसका आपराधिक सत्यापन किया जाता है। उसकी पृष्ठभूमि के बावजूद उसे यह नौकरी क्यों दी गई?

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Kolkata Rape Case: बंगाल में BJP की फैक्ट फाइंडिंग टीम, ममता सरकार पर लगाया बड़ा आरोप

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कम शब्दों में कहें तो, कोलकाता के लॉ कॉलेज में एक छात्रा के साथ बलात्कार की घटना ने राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है। यहां 25 जून को हुई इस घटना के बाद, भाजपा ने एक चार सदस्यीय जाँच दल का गठन किया है, जिसका दौरा कॉलेज में आज सुबह निर्धारित था, लेकिन पुलिस ने उन्हें परिसर से बाहर रोक दिया। इस मामले ने भाजपा और तृणमूल कांग्रेस (TMC) के समर्थकों के बीच संघर्ष को जन्म दिया है।

जाँच दल का गठन

इस चार सदस्यीय जाँच दल में पूर्व केंद्रीय मंत्री सतपाल सिंह, मीनाक्षी लेखी, सांसद विप्लव कुमार देब और मनन कुमार मिश्रा शामिल हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि उनकी यह पहल सिर्फ मामले की जांच को गति देने के लिए नहीं है, बल्कि यह संदेश भी देना है कि भाजपा का हर सदस्य और देश का हर नागरिक पश्चिम बंगाल की महिलाओं के साथ खड़ा है।

महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध का मुद्दा

भाजपा नेता डॉ. सतपाल सिंह ने कहा कि बंगाल में महिलाओं के खिलाफ अपराध की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह केवल एक घटना नहीं, बल्कि एक पैटर्न बन चुका है। "राज्य में अराजकता का आलम यह है कि पुलिस कमिश्नर ने हमें आश्वासन दिया है कि आरोपियों को जल्द सजा दी जाएगी," उन्होंने कहा।

आपराधियों का संरक्षण और TMC का संबंध

सांसद मनन कुमार मिश्रा ने भी यह चेतावनी दी कि मुख्य आरोपी का TMC से रिश्ता है और वह एक हिस्ट्रीशीटर है। "पुलिस कमिश्नर से हुई हमारी बैठक में यह जानकारी सामने आई कि पीड़िता और उसके परिवारवालों से मिलने की कोशिश की जा रही है, लेकिन उन्हें रोका जा रहा है," उन्होंने कहा।

ममता बनर्जी पर सीधे आरोप

भाजपा सांसद बिप्लब कुमार देब ने ममता बनर्जी पर तंज कसते हुए कहा कि एक महिला और मुख्यमंत्री होने के नाते उन्हें इस स्थिति को खुद संभालना चाहिए था। "एक ऐसे अपराधी को कैसे लॉ कॉलेज में नियुक्त किया गया, जिसका आपराधिक रिकॉर्ड है?" यह एक गंभीर प्रश्न है, जिसे सरकार को गंभीरता से लेना चाहिए।

राज्य की कानून-व्यवस्था पर सवाल

पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष भी ममता सरकार की कड़ी आलोचना कर रहे हैं। डॉ. सुकांत मजूमदार ने कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गई है और यह स्थिति अन्य राजनीतिक दलों के बीच भयंकर आरोप-प्रत्यारोप की स्थिति पैदा कर रही है।

उपसंहार

यह मामला न केवल राजनीतिक विवाद को उजागर करता है बल्कि महिलाओं की सुरक्षा को लेकर समाज में व्याप्त चिंता को भी दर्शाता है। सत्यापन प्रक्रिया में लापरवाही और प्रशासन की विफलता ने यह साबित कर दिया है कि ममता बनर्जी की सरकार इस समस्या पर प्रभावी कार्यवाही करने में असमर्थ है। अब यह देखना होगा कि भाजपा की इस जाँच टीम की रिपोर्ट के बाद क्या ठोस कदम उठाए जाएंगे।

इस बढ़ती अराजकता में, यह आवश्यक है कि समाज और प्रशासन दोनों ही महिलाओं की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दें। अन्य अपडेट के लिए, विजिट करें: theoddnaari.

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