शांभवी चौधरी ने प्रशांत किशोर के आरोपों को किया खारिज, कहा- यह सामंती मानसिकता की निशानी है
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की सांसद शांभवी चौधरी ने जन सुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर पर निशाना साधते हुए कहा कि एक दलित महिला जो आगे बढ़ रही है, उसे निशाना बनाना सामंती मानसिकता को दर्शाता है। किशोर ने आरोप लगाया है कि उनके पिता, बिहार के मंत्री अशोक चौधरी ने उनके लोकसभा टिकट के लिए 'पैसे' दिए हैं। पिछले महीने, बिहार के जमुई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, किशोर ने आरोप लगाया था कि जेडी(यू) नेता अशोक चौधरी ने अपनी बेटी शांभवी के लिए समस्तीपुर लोकसभा टिकट हासिल करने के लिए एलजेपी (रामविलास) को पैसे दिए थे, जिन्होंने 25 साल की उम्र में 2024 के आम चुनावों में सीट जीती और सबसे कम उम्र की सांसदों में से एक बन गईं। इसे भी पढ़ें: बिहार के ज्ञानेंद्र को आयुष्मान भारत से मिला नया जीवन, PM मोदी ने लिखा पत्र, बोले- आपका स्वास्थ्य, हमारा संकल्पबाद में, बिहार के मंत्री और जेडी(यू) के वरिष्ठ नेता अशोक चौधरी ने किशोर के खिलाफ उनके आरोप को लेकर मानहानि का मुकदमा दायर किया। एएनआई के साथ एक साक्षात्कार में, शांभवी ने किशोर पर उनकी सामंती मानसिकता के लिए हमला किया। उन्होंने किशोर की टिप्पणियों को एक व्यक्तिगत हमला बताया, और सवाल किया कि जब उनकी पार्टी में कई अन्य सांसद हैं, तो उन्हें क्यों निशाना बनाया गया। लोकसभा सांसद ने कहा कि जन सुराज पार्टी के प्रमुख के आरोप उनके अहंकार को दर्शाते हैं। तीसरी पीढ़ी की राजनीतिज्ञ के रूप में, शांभवी ने जोर देकर कहा कि राजनीति विचारधाराओं के बारे में होनी चाहिए, न कि व्यक्तिगत हमलों के बारे में। उन्होंने कहा कि सबसे पहले, मुझे नहीं लगता कि प्रशांत किशोर उस समय के लायक हैं ... जिन पर खर्च किया जाना चाहिए। हां, मुझे लगता है कि यह एक व्यक्तिगत हमला था। मैं एक राजनीतिक परिवार से आती हूं, और मैं तीसरी पीढ़ी की राजनीतिज्ञ हूं। एक बात जो मैंने वर्षों में सीखी है, वह यह है कि राजनीति विचारधाराओं के बीच की लड़ाई है, न कि व्यक्तियों के बीच। व्यक्तिगत हमलों से हमेशा बचना चाहिए। इसे भी पढ़ें: उनके पास बिहार की प्रगति के लिए कोई मॉडल नहीं, लालू यादव पर सम्राट चौधरी का तंजउन्होंने कहा कि राजनीति व्यक्तियों के बीच की लड़ाई नहीं है; हम लोगों और अपनी विचारधारा के लिए लड़ते हैं। प्रशांत किशोर ने जानबूझकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस मुद्दे को उठाया; यह ऐसा कुछ नहीं था जिसका उन्होंने निजी तौर पर उल्लेख किया हो। उन्होंने मेरी राजनीतिक पृष्ठभूमि को लेकर मुझे निशाना बनाया, और मुझे समझ नहीं आता कि ऐसा क्यों हुआ। शंभवी ने इस बात पर जोर दिया कि किशोर की टिप्पणी उनकी "सामंती मानसिकता" को दर्शाती है।

शांभवी चौधरी ने प्रशांत किशोर के आरोपों को किया खारिज, कहा- यह सामंती मानसिकता की निशानी है
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कम शब्दों में कहें तो, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की सांसद शांभवी चौधरी ने जन सुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि दलित महिलाओं को निशाना बनाना सामंती मानसिकता का परिचायक है। किशोर ने आरोप लगाया था कि शांभवी के पिता, बिहार के मंत्री अशोक चौधरी ने उनके लोकसभा टिकट के लिए पैसे दिए थे।
प्रशांत किशोर के आरोप
मार्च 2024 में बिहार के जमुई में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रशांत किशोर ने आरोप लगाया कि अशोक चौधरी ने अपनी बेटी, शांभवी, के लिए समस्तीपुर लोकसभा टिकट पाने के लिए लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को पैसे दिए। यह विवाद तब खड़ा हुआ जब शांभवी ने केवल 25 साल की उम्र में चुनाव जीतकर सबसे कम उम्र की सांसदों में अपना नाम दर्ज कराया। यह आरोप इस बात पर आधारित है कि किशोर ने उनकी राजनीति को संदिग्ध करार दिया है।
शांभवी चौधरी का तीखा पलटवार
शांभवी चौधरी ने एएनआई को दिए एक साक्षात्कार में बताया कि प्रशांत किशोर का यह आरोप व्यक्तिगत हमले के समान है। उन्होंने कहा, "जब उनकी पार्टी में कई अन्य सांसद हैं, तो मुझे ही निशाना क्यों बनाया गया?" उनके अनुसार, किशोर के ये आरोप उनके खुद के अहंकार का प्रतीक हैं। प्रसार के दौरान, उन्होंने इस बात का भी उल्लेख किया कि राजनीति विचारधारों की बात है, न कि व्यक्तियों का)
शांभवी ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि प्रशांत किशोर इस बातचीत का हिस्सा हैं; व्यक्तिगत हमलों से बचना ही बेहतर है।" उनके अनुसार, राजनीति को व्यक्तिगत स्पर्धा के बजाय विचारधारों पर केंद्रित होना चाहिए।
मानहानि का मुकदमा
इसके अलावा, अशोक चौधरी ने किशोर के खिलाफ मानहानि का मुकदमा भी दायर किया है। यह स्पष्ट करता है कि इस विवाद में केवल चुनावी बयान नहीं, बल्कि कानूनी कार्रवाई भी शामिल है। शांभवी ने आरोप लगाया कि किशोर ने जानबूझकर इस मुद्दे को सार्वजनिक बनाया, ताकि वह अपनी पार्टी को लाभ पहुंचा सकें।
राजनीतिक दृष्टिकोण
शांभवी ने कहा, "राजनीति किसी एक व्यक्ति के खिलाफ नहीं, बल्कि समाज के लिए होती है। हम विचारों की लड़ाई लड़ते हैं।" उनका मानना है कि इस तरह के व्यक्तिगत हमले राजनीति में विभाजन का कारण बनते हैं। साथ ही, उन्होंने किशोर की "सामंती मानसिकता" पर भी टिप्पणी की।
अब यह देखना होगा कि यह विवाद बिहार की राजनीति पर किस प्रकार के प्रभाव डालता है और क्या यह शांभवी चौधरी के राजनीतिक करियर को और सशक्त करता है।
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