पीएम मोदी का संयुक्त कमांडर सम्मेलन उद्घाटन, भारतीय सैन्य तैयारियों में होगा सुधार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सशस्त्र बलों के संयुक्त कमांडरों के सम्मेलन में भाग लेने के लिए रविवार शाम अलग-अलग विमानों से कोलकाता पहुंचे। यह सम्मेलन सोमवार से शुरू हो रहा है। सेना के अधिकारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी विजय दुर्ग स्थित पूर्वी कमान मुख्यालय में तीन दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे, जिसे पहले फोर्ट विलियम कहा जाता था। वह सोमवार सुबह लगभग चार घंटे तक सम्मेलन में भाग लेंगे और बिहार के पूर्णिया के लिए रवाना होंगे।कोलकाता में PM मोदी ने किया संयुक्त कमांडर सम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सोमवार को यहां पूर्वी कमान मुख्यालय में सशस्त्र बलों के तीन दिवसीय संयुक्त कमांडर सम्मेलन (सीसीसी) का उद्घाटन करेंगे। एक रक्षा अधिकारी ने बताया कि यह सम्मेलन सशस्त्र बलों का शीर्ष विचार-मंथन मंच है, जो देश के शीर्ष नागरिक और सैन्य नेतृत्व को वैचारिक और रणनीतिक स्तर पर विचारों का आदान-प्रदान करने के लिए एक साथ लाता है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की पृष्ठभूमि में आयोजित इस वर्ष के सम्मेलन में सुधारों, परिवर्तन, बदलाव और अभियानगत तैयारियों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इसका विषय है ‘सुधारों का वर्ष - भविष्य के लिए परिवर्तन’।इसे भी पढ़ें: देश के विकास में तेजी लाने के लिए एक राष्ट्र, एक चुनाव आवश्यक: सुनील बंसल सेना में बड़े बदलावों का रोडमैप तैयार अधिकारी ने कहा, ‘‘सम्मेलन का ध्यान संस्थागत सुधारों, गहन एकीकरण और तकनीकी आधुनिकीकरण के प्रति सशस्त्र बलों की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। साथ ही बहु-क्षेत्रीय अभियानगत तैयारियों के उच्च स्तर को बनाए रखना है।’’ प्रधानमंत्री असम से रविवार शाम यहां पहुंचे और दोपहर बाद बिहार के पूर्णिया के लिए रवाना होंगे। अधिकारी ने बताया कि नियंत्रण रेखा के पार और पाकिस्तान के भीतर आतंकी ढांचे को ध्वस्त करने के लिए चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने सटीकता, व्यावसायिकता और उद्देश्य को मूर्त रूप देते हुए तीनों सेनाओं की संतुलित प्रतिक्रिया प्रदर्शित की।इसे भी पढ़ें: इंजीनियर विकसित भारत के निर्माण में अहम भूमिका निभाते रहेंगे : प्रधानमंत्री मोदी राजनाथ सिंह व डोभाल संग शीर्ष कमांडरों का सुरक्षा महामंथन शुरू रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, ‘‘तीन दिवसीय सम्मेलन का उद्देश्य सशस्त्र बलों को और अधिक मजबूत बनाना है, जिनकी तेजी से जटिल होते भू-रणनीतिक परिदृश्य में चुस्त और निर्णायक भूमिका है।’’ इस सम्मेलन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान, रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह और सेना, वायु सेना तथा नौसेना के शीर्ष कमांडर भाग ले रहे हैं। आखिरी संयुक्त कमांडर सम्मेलन 2023 में भोपाल में हुआ था।

ऑपरेशन सिंदूर के बाद PM मोदी का संयुक्त कमांडर सम्मेलन का उद्घाटन
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कम शब्दों में कहें तो, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार शाम कोलकाता में सशस्त्र बलों के संयुक्त कमांडरों के सम्मेलन में भाग लेने के लिए पहुंचकर इस महत्वपूर्ण सम्मेलन का उद्घाटन किया। यह सम्मेलन सैनिक सामर्थ्य को और अधिक दृढ़ बनाने के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है।
कोलकाता में PM मोदी का आना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अलग-अलग विमानों से कोलकाता पहुँचे हैं। यह सम्मेलन, जो विजय दुर्ग स्थित पूर्वी कमान मुख्यालय में आयोजित किया जा रहा है, तीन दिनों तक चलेगा। यहाँ प्रधानमंत्री मोदी सोमवार सुबह लगभग चार घंटे तक सम्मेलन में भाग लेंगे और फिर बिहार के पूर्णिया के लिए रवाना होंगे। यह सम्मेलन सशस्त्र बलों का शीर्ष विचार-मंथन मंच है, जहाँ देश के प्रमुख नागरिक और सैन्य नेतृत्व विचारों का आदान-प्रदान कर सकेंगे।
सम्मेलन का विषय: "सुधारों का वर्ष - भविष्य के लिए परिवर्तन"
इस वर्ष का सम्मेलन 'ऑपरेशन सिंदूर' की पृष्ठभूमि में आयोजित किया जा रहा है, जिसका मुख्य ध्यान सुधारों, परिवर्तन और अभियानगत तैयारियों पर है। रक्षा अधिकारियों के अनुसार, इसका विषय 'सुधारों का वर्ष - भविष्य के लिए परिवर्तन' निर्धारित किया गया है। इस सम्मेलन में संस्थागत सुधारों, गहन एकीकरण और तकनीकी आधुनिकीकरण के प्रति सशस्त्र बलों की प्रतिबद्धता का प्रमुखता से उल्लेख होगा।
सेना में बदलावों का रोडमैप
एक अधिकारी ने पुष्टि की है कि सम्मेलन का मुख्य ध्यान बहु-क्षेत्रीय अभियानगत तैयारियों के उच्च स्तर को बनाए रखना होगा। यह सशस्त्र बलों के लिए एक महत्वपूर्ण समय है, क्योंकि उन्हें जटिल भू-रणनीतिक परिदृश्यों में चुस्त और निर्णायक स्थिति लेने की आवश्यकता है।
ऑपरेशन सिंदूर: सामरिक सफलताएँ
रक्षा मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, 'ऑपरेशन सिंदूर' ने नियंत्रण रेखा के पार और पाकिस्तान के भीतर आतंकी ढांचे को ध्वस्त करने में सटीकता, व्यावसायिकता और उद्देश्य को स्पष्ट रूप से दर्शाया है। इस अभियान ने तीनों सेनाओं की संतुलित प्रतिक्रिया का प्रदर्शन किया है।
सुरक्षा महामंथन के प्रमुख प्रतिभागी
इस सम्मेलन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान, रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह एवं सेना, वायु सेना एवं नौसेना के शीर्ष कमांडर भाग ले रहे हैं। सम्मेलन का समापन होने के बाद सभी संबंधित अधिकारियों को अगले कदम निर्धारित करने की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
भविष्य के लिए दृष्टि
पिछला संयुक्त कमांडर सम्मेलन 2023 में भोपाल में आयोजित किया गया था, और इस नए सम्मेलन के माध्यम से सशस्त्र बलों को और मजबूत बनाने का प्रयास किया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 'राष्ट्रीय सुरक्षा' हमें एक ताकतवर और अत्याधुनिक सेना की दिशा में आगे बढ़ने हेतु प्रेरित करती है।
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साक्षात्कार की ओर से PM मोदी ने एक राष्ट्र, एक चुनाव पर भी अपने विचार साझा किए, जो सुझाव दिया कि इस तरह के परिवर्तनों से देश के विकास की गति तेज होगी।
यह सम्मेलन भारतीय सैन्य ताकत को और अधिक मजबूत बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण पहलकदमी है और आगामी दिनों में इसमें शामिल सभी प्रमुख अधिकारी मिलकर सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेंगे। भविष्य में तेजी लाने के लिए सक्रिय और योजनाबद्ध दृष्टिकोण आवश्यक है।
टीम द ओड नारी: शिल्पा शर्मा