सेना को अपनी संवैधानिक सीमाओं में लौटना चाहिए : इमरान खान
जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने रविवार को सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर को एक खुला पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने सेना की गैरकानूनी कार्रवाइयों और राजनीति में इसकी भागीदारी की आलोचना की। इमरान खान ने सेना से ‘‘अपनी संवैधानिक सीमाओं में लौटने’’ का आग्रह किया। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक खान ने ‘एक्स’ पर साझा किए गए पत्र में जेल में दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है, जिसमें उन्हें 20 दिन तक मौत की सजा वाली कोठरी में एकांत कारावास में रखा गया, जहां सूर्य की रोशनी या बिजली की सुविधा भी नहीं थी। खान एक वर्ष से अधिक समय से रावलपिंडी की अदियाला जेल में बंद हैं। यह पत्र उनके तीन फरवरी के पहले पत्र के बाद आया है, जिसमें उन्होंने सेना से राष्ट्रीय सुरक्षा और शासन के प्रति अपने दृष्टिकोण की समीक्षा करने का आग्रह किया था। पहले पत्र के बाद सुरक्षा सूत्रों ने कहा कि यह पत्र सेना को प्राप्त नहीं हुआ है तथा उन्होंने इस बारे में मीडिया में आई खबरों को खारिज किया था।

सेना को अपनी संवैधानिक सीमाओं में लौटना चाहिए : इमरान खान
The Odd Naari
लेखक: स्नेहा वर्मा, टीम नेटानगरी
परिचय
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने हाल ही में सेना के नेताओं से अपील की है कि उन्हें अपनी संवैधानिक सीमाओं में लौटना चाहिए। यह टिप्पणी उस समय आई है जब पाकिस्तान की राजनीतिक स्थिति में तनाव बढ़ रहा है और नागरिक-सैन्य संबंधों में गंभीर सवाल उठ रहे हैं। इमरान खान की इस टिप्पणी ने राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बना दिया है।
सैन्य का राजनीतिक जीवन में दखल
पाकिस्तान में सैन्य बलों की राजनीतिक जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इतिहास में कई बार सैन्य बलों ने सत्ता का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया है। इमरान खान ने यह बात भी स्पष्ट की है कि एक मजबूत लोकतंत्र के लिए आवश्यक है कि सेना अपनी भूमिका को समझे और संविधान के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को पहचाने।
इमरान खान का दृष्टिकोण
इमरान खान ने अपने बयान में यह भी कहा कि जिस प्रकार से वर्तमान स्थिति में राजनीतिक घटनाक्रम हो रहे हैं, वह खतरनाक है। उनका मानना है कि सेना को राजनीति में दखल देने से बचना चाहिए, ताकि लोकतंत्र को मजबूती मिले। उनके अनुसार, अगर सेना संवैधानिक सीमाओं में नहीं रहती, तो यह पाकिस्तान की स्थिरता के लिए खतरा उत्पन्न कर सकता है।
राजनीतिक स्थिति की समीक्षा
पाकिस्तान की मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर चर्चा करते हुए इमरान खान ने कहा कि वर्तमान सरकार को सही दिशा में काम करने की आवश्यकता है। उन्होंने उल्लेख किया कि केवल सेना नहीं, बल्कि सभी राजनीतिक दलों को देश के विकास के लिए एक साथ आना चाहिए। उनका यह भी मानना है कि सत्ता में रहकर राजनीति करने की बजाय, नेताओं को जनता के हित में काम करना चाहिए।
निष्कर्ष
इमरान खान के ये बयान इस बात का संकेत हैं कि पाकिस्तान के नागरिक सैन्य संबंधों को लेकर अवश्य चर्चा करने की आवश्यकता महसूस कर रहे हैं। उनकी अपील से एक नए विचार का जन्म होता है, जो लोकतंत्र की मजबूती के लिए आवश्यक है। अगर सेना अपनी संवैधानिक सीमाओं में लौटती है, तो यह न केवल पाकिस्तान के लिए, बल्कि पूरे दक्षिण एशिया के लिए एक सकारात्मक कदम होगा।