सीएम धामी की बरसाती मस्ती: भूना भुट्टा खाकर लोगों को दिया प्यार
The post सीएम धामी ने बरसात में भूना भुट्टा …खाया भी और खिलाया भी appeared first on Avikal Uttarakhand. तसले में गर्म कोयले… हाथ में चिमटा और रिमझिम मौसम में भुट्टे का स्वाद अविकल थपलियाल खटीमा। रिमझिम बरसात और नींबू नमक से सने भुट्टे का स्वाद। फुहार भरे मौसम… The post सीएम धामी ने बरसात में भूना भुट्टा …खाया भी और खिलाया भी appeared first on Avikal Uttarakhand.

सीएम धामी की बरसाती मस्ती: भूना भुट्टा खाकर लोगों को दिया प्यार
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खटीमा: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रिमझिम बारिश के बीच सड़क के किनारे ठेली पर भुने हुए भुट्टे का आनंद लेकर सभी को चकित कर दिया। यह आयोजन उनके हालिया दौरे का हिस्सा था, जिसमें उन्होंने न सिर्फ भुट्टे का सेवन किया, बल्कि स्थानीय उद्योगों और उत्पादों के प्रति अपने समर्थन को भी दर्शाया।
बरसात में भुट्टा भूनने की कला
बात उस समय की है जब सीएम धामी का काफिला पीलीभीत रोड से गुजर रहा था। अचानक काफिला एक भुट्टे की ठेली के पास रुक गया। महातम नामक इस ठेली पर आयोजित इस अन्वेषण में, सीएम ने हाथ में चिमटा थाम कर तसले में गर्म कोयले पर भुट्टे को भूनने का आनंद लिया। उन्होंने कहा, "स्थानीय श्रमिक और छोटे व्यापारी हमारी असली ताकत हैं।" यह भाव उनकी दृष्टि को स्पष्ट करता है कि स्थानीय उत्पादों का महत्व कितना है।
अविस्मरणीय अनुभव
सीएम धामी ने उस ठेली की एक स्थानीय महिला को पहला भुट्टा देकर इस अनुभव को और भी खास बना दिया। नींबू और नमक के साथ भुट्टा खाने का यह सरल सा पल, वहां मौजूद लोगों के लिए बहुत मायने रखता था। जब उन्होंने भुट्टा चखा, तो उनकी आँखों में खुशी झलकती दिखी, जिसने उस पल को और भी अविस्मरणीय बना दिया।
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक कदम
इस घटना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'आत्मनिर्भर भारत' पहल पर भी प्रकाश डाला। सीएम धामी ने स्थानीय उत्पादों को अपनाने की जरुरत को रेखांकित करते हुए कहा, "स्थानीय उत्पादों का प्रचार करना हमारे देश की बेहतरी के लिए आवश्यक है।" यह बदलाव दर्शाता है कि कैसे एक बड़ा नेता भी आम जिंदगी के छोटे-से आनंद को समझता है और उसे महत्व देता है।
निष्कर्ष
सीएम धामी का यह पल साबित करता है कि राजनीतिक नेता सिर्फ कागज पर नहीं होते, बल्कि वे अपने नागरिकों की जड़ों से जुड़े रहते हैं। जब उन्होंने भुट्टे के ठेले के पास रुका, तो यह नजारा स्पष्ट करता है कि आम लोग और उनके अनुभव हमारे नेताओं के लिए कितने महत्वपूर्ण होते हैं। जैसे ही सीएम धामी का काफिला वहां से आगे बढ़ा, भुट्टे के ठेले के मालिक और उपस्थित लोग उन्हें विदाई देते रहे, यह पल सभी के दिलों में बसा रहा।
इस संयुक्त अनुभव ने यह संदेश दिया कि चाहे बारिश हो या धूप, सीएम धामी हमेशा अपने लोगों के साथ रहेंगे। यह एक सराहनीय तरीका था स्थानीय व्यापारियों और छोटे किसानों की इस मुसीबत के समय में सराहना करने का।
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सादर, टीम द ओड नारी