भारत-चीन का नाम लेकर ट्रंप ने अब दे दी कौन सी नई धमकी! टैरिफ पर आर-पार की तैयारी में अमेरिका

एक टैरिफ का दरिया है और उसमें ट्रंप से पार पाना है। शायरी में कही गई बातों आपको जितनी गंभीर लगी उससे कहीं अधिक ये मामला गंभीर है। अमेरिकी राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद ट्रंप ने दुनिया के आगे चुनौतियों का पहाड़ खड़ा करने का फैसला कर लिया है। ट्रंप एक पल जिसे अपना दोस्त बताते हैं, दूसरे ही पल उसके खिलाफ फैसला भी ले ले रहे हैं। टैरिफ को परमाणु हमले की धमकी की तरफ इस्तेमाल करते अमेरिकी राष्ट्रपति ने टैरिफ को लेकर भारत चीन का सीधे सीधे नाम ले लिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फ्लोरिडा में एक कार्यक्रम में भारत चीन और ब्राजील जैसे देशों पर हाई टैरिफ यानी ज्यादा टैक्स लगाने की धमकी दी है। हाउस ऑफ रिपब्लिकन्स के कार्यक्रम में ट्रंप ने कहा कि अमेरिका उन देशों पर टैरिफ लगाएगा जो अमेरिका को नुकसान पहुंचाते हैं। अव वक्त आ गया है कि अमेरिका वापस उस सिस्टम को अपनाए, जिसने उसे धनी और ताकतवर वनाया है।इसे भी पढ़ें: क्यों दुनियाभर में हर कोई केवल Deepseek की ही बात कर रहा, China के इस AI से दुनिया पर क्या असर पड़ेगा? ट्रंप ने कहा कि चीन वहुत ज्यादा टैरिफ लगाता है। भारत, ब्राजील और वाकी देश भी ऐसा ही करते हैं। ये तीनों देश अपने हितों के लिए काम कर रहे हैं। लेकिन इससे अमेरिका को नुकसान पहुंच रहा है। हम ऐसा अब और नहीं होने देंगे, क्योंकि हम अमेरिका को सबसे पहले रखेंगे। अमेरिका एक ईमानदार सिस्टम तैयार करेगा, जिससे हमारे खजाने में पैसा आएगा और अमेरिका फिर से वहुत अमीर हो जाएगा। यह सब कुछ बहुत जल्द होगा। अमेरिका में ट्रंप 2.0 के आने के वाद से भारत में टैरिफ और इमिग्रेशन को लेकर पहले से आशंकाएं हैं। ट्रंप पहले भी कह चुके हैं कि वह BRICS समूह पर 100% टैरिफ लगाएंगे। भारत भी इस समूह का हिस्सा है। इसे भी पढ़ें: विवादों में आया DeepSeek, उइगर मुस्लिमों के सवाल पर हुई बोलती बंदफरवरी में अमेरिका आ सकते हैं मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने पत्रकारों से बातचीत में जानकारी दी कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी फरवरी में अमेरिका आ सकते हैं। ट्रंप ने कहा, 'मेरी उनसे लंबी बातचीत हुई है और अगले महीने शायद फरवरी में वह वाइट हाउस आने जा रहे है।... भारत के साथ हमारे बहुत अच्छे संबंध हैं।' ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में मोदी की अमेरिका की यह पहली यात्रा होगी। वाइट हाउस और अमेरिकी विदेश विभाग ने इस बातचीत अमेरिका से ज्यादा सैनिक साजोसामान खरीदने और संतुलित द्विपक्षीय व्यापार पर बात हुई।  

भारत-चीन का नाम लेकर ट्रंप ने अब दे दी कौन सी नई धमकी! टैरिफ पर आर-पार की तैयारी में अमेरिका
भारत-चीन का नाम लेकर ट्रंप ने अब दे दी कौन सी नई धमकी! टैरिफ पर आर-पार की तैयारी में अमेरिका

भारत-चीन का नाम लेकर ट्रंप ने अब दे दी कौन सी नई धमकी! टैरिफ पर आर-पार की तैयारी में अमेरिका

The Odd Naari, एक नई वैश्विक व्यापार स्थिति से पर्दा उठाते हुए, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और चीन का नाम लेते हुए एक बार फिर से व्यापारिक तनाव की धारा को तेज कर दिया है। टीम नेटानागरी द्वारा प्रस्तुत इस समाचार में हम जानेंगे कि ट्रंप की यह धमकी क्या नई चुनौतियाँ लेकर आ सकती है।

ट्रंप का नया वादा: व्यापार में कठोरता

डोनाल्ड ट्रंप, जो अमेरिका के व्यापारिक नीतियों में सख्ती के लिए जाने जाते हैं, ने हाल ही में अपने एक बयान में कहा कि वह भारत और चीन के प्रति अपने टैरिफ को और बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं। ट्रंप ने इस बात पर जोर दिया है कि अमेरिकी उत्पादकों को विदेशी प्रतिस्पर्धा से बचाने के लिए यह कदम अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि यह नीति उनकी "America First" प्रिंसिपल के तहत आती है, जो कि प्रत्येक अमेरिकन की कार्यस्थल की सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता को प्राथमिकता देती है।

भारत और चीन पर असर

ट्रंप की इस घोषणा का भारत और चीन पर व्यापक प्रभाव पड़ सकता है। व्यापारिक नीतियों में बदलाव से न केवल अमेरिकी कंपनियों को लाभ हो सकता है, बल्कि इसके नकारात्मक प्रभाव भी हो सकते हैं। विशेष रूप से भारत जिन क्षेत्रों में चीन के साथ व्यापार करता है, वे इस तरह की धमकियों से काफी प्रभावित होने की संभावना है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे उत्पादों की कीमतें बढ़ सकती हैं और ग्राहकों को महंगे विकल्पों का सामना करना पड़ सकता है।

रक्षा पर भी पड़ेगा प्रभाव

व्यापारिक तनाव के अलावा, ट्रंप की नीति सुरक्षा मामलों में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। अतीत में भारतीय सेना और अमेरिका के बीच सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया गया है। ऐसे में यदि टैरिफ का मुद्दा जलता रहा, तो इसका असर स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप पर साफ नज़र आएगा। इससे अमेरिकी रक्षा कंपनियों को नुकसान हो सकता है, जो भारत की सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने में मदद कर रही हैं।

निष्कर्ष: वैश्विक व्यापार में बदलाव का समय

अभी स्थिति यह है कि अमेरिका व्यापार में बेहतर परिणाम पाने के लिए कड़े कदम उठाने की तैयारी में है। इस प्रकार का कदम वैश्विक व्यापार संधियों में भी बदलाव ला सकता है। भारतीय औद्योगिक क्षेत्र को इन बदलावों के प्रति सतर्क रहना चाहिए। ट्रेड वार होने की स्थिति में, भारत को अपनी अपनी अर्थव्यवस्था की सुरक्षा के लिए खुद को तैयार रखना पड़ेगा। For more updates, visit theoddnaari.com.

कम शब्दों में कहें तो, ट्रंप का भारत और चीन के प्रति कड़ा रुख अमेरिका की व्यापार नीति में बदलाव का संकेत देता है, जिससे वैश्विक अर्थव्यवस्था में हलचल मच सकती है।

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