ट्रंप ने पाँव खींचे, पर क्यों?
प्रमोद जोशी। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप अब दो सप्ताह के भीतर फैसला करेंगे कि इसराइल और ईरान के बीच चल रहे संघर्ष में वे शामिल होंगे या नहीं। ट्रंप का यह संदेश उनकी प्रेस सचिव कैरलिन लेविट ने ह्वाइट हाउस प्रेस ब्रीफिंग में सुनाया। लेविट के अनुसार ट्रंप का कहना है कि निकट भविष्य में […] The post ट्रंप ने पाँव खींचे, पर क्यों? first appeared on Apka Akhbar.

ट्रंप ने पाँव खींचे, पर क्यों?
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लेखिका: सायण मास्करेनास, सुमित्रा उपाध्याय, टीम theoddnaari
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने हाल ही में इसराइल और ईरान के बीच चल रहे संघर्ष में सम्मिलित होने को लेकर पाँव खींचने का संकेत दिया है। ट्रंप की प्रेस सचिव कैरलिन लेविट ने यह संदेश ह्वाइट हाउस के पत्रकारों को दिया, जिससे दुनियाभर में चर्चा बुखार पर है। क्या वे इस मुश्किल घड़ी में अमेरिका का रुख स्पष्ट करेंगे या फिर एक बार फिर से अपने निर्णय को टाल देंगे?
ट्रंप का निर्णय: महत्वपूर्ण समय
इसराइल और ईरान के बीच चल रहे संघर्ष को कई वैश्विक नेताओं ने चिंता से देखा है। ट्रंप का संदेश यह संकेत देता है कि वे जल्द ही इस मुद्दे पर कोई ठोस निर्णय लेने की सोच रहे हैं। लेविट ने कहा है कि ट्रंप अगले दो सप्ताह में इस संबंध में अपने निर्णय की घोषणा करेंगे। यह समय इसराइल-ईरान संघर्ष की गंभीरता को देखते हुए निर्णायक हो सकता है। इस स्थिति पर नजर रखी जा रही है क्योंकि इससे न केवल मध्य पूर्व की राजनीति में, बल्कि वैश्विक राजनीति में भी प्रभाव पड़ सकता है।
ट्रंप का दुविधा भरा रुख
ट्रंप प्रशासन ने इस विषय पर पहले भी अस्पष्टता दिखाई है। एक ओर, अमेरिका इसराइल का समर्थन करता है, वहीं दूसरी ओर ईरान के साथ उसके संबंध भी जटिल बने हुए हैं। इन दोनों देशों के बीच चल रहा संघर्ष केवल क्षेत्रीय नहीं है, बल्कि ये वैश्विक शक्तियों के बीच शक्ति संतुलन को प्रभावित करेगा। ट्रंप के इस निर्णय का प्रभाव न सिर्फ अमेरिका की विदेश नीति पर पड़ेगा, बल्कि रूस और चीन जैसे अन्य देशों की प्रतिक्रियाओं पर भी नज़र रखी जाएगी।
भविष्य की दिशा
ट्रंप द्वारा लिए जाने वाले इस महत्वपूर्ण निर्णय का सिर्फ राजनीतिक पक्ष ही नहीं, बल्कि आर्थिक परिणाम भी रहेंगे। अमेरिका की कंपनियों पर ईरान से जुड़े व्यापार पर अंकुश लग सकता है, जिनका दुष्प्रभाव अमेरिकी बाजार में भी देखने को मिल सकता है। ऐसे में, ट्रंप का यह समय निवेशकों की नजरों में भी आ सकता है, जो अमेरिकी स्टॉक मार्केट की दिशा को प्रभावित कर सकता है।
इसराइल और ईरान के बीच चल रही इस जटिल स्थिति में ट्रंप का निर्णय एक बड़ी टर्निंग पॉइंट साबित हो सकता है। यह जानना महत्वपूर्ण होगा कि वह अपने निर्णय में किस प्रकार के गठबंधन बनाने की सोचना है और किस तरह से अमेरिका का हित सुरक्षित कर पाएंगे।
निष्कर्ष
इसराइल और ईरान के बीच बढ़ते खींचतान पर ट्रंप का यह निर्णय लंबे समय तक चर्चा का विषय रहेगा। इससे आने वाले समय में भू-राजनीतिक परिदृश्य कैसे बदलेंगे, यह देखना रहेगा। ट्रंप का यह दुविधा भरा रुख न केवल राजनीतिक दृष्टि से, बल्कि आर्थिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण साबित होगा।