ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रयासों से 275 बीघा वन भूमि अतिक्रमण से मुक्त, शिवपुरी में वन विभाग की बड़ी कार्रवाई
केंद्रीय सूचना एवं उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री एवं स्थानीय सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के निरंतर प्रयासों और सक्रिय मार्गदर्शन से शिवपुरी जिले के सतनवाड़ा वन परिक्षेत्र में वन विभाग ने शनिवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए 275 बीघा वन भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया। उल्लेखनीय है कि इस वन भूमि पर लंबे समय से जारी अवैध कब्जों को हटाने के लिए केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने कई बार संबंधित अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठकों में इस मुद्दे को प्राथमिकता से उठाया था, जिसके परिणामस्वरूप यह निर्णायक कार्रवाई संभव हो सकी। बीटोनी गांव के बीट ठाठी (आरएफ 481, 482 और पीएफ 913) में बल्लू सिकरवार, पंजाब सिंह गुर्जर, प्राण सिंह गुर्जर और शिशुपाल सिंह चौहान द्वारा की गई अवैध घेराबंदी को 9 जेसीबी मशीनों की मदद से ध्वस्त करते हुए क्रमशः 140, 80 और 55 बीघा भूमि पुनः वन विभाग के स्वामित्व में लाई गई।उक्त कार्रवाई केंद्रीय मंत्री और गुना सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के संज्ञान में आने के बाद वनमंडलाधिकारी सुधांशु यादव एवं उपवनमंडलाधिकारी ए. प्रभंजन रेड्डी के निर्देशन में, रेंजर माधव सिंह सिकरवार के नेतृत्व में, राजस्व विभाग, पुलिस एवं ग्राम वन समिति के संयुक्त सहयोग से सम्पन्न हुई।खाली कराई गई भूमि पर होगा पौधारोपणवन विभाग द्वारा तुरंत प्रभाव से खाली कराई गई भूमि पर खैर, बबूल और प्रोसोपिस जैसी प्रजातियों के बीज बोकर हरियाली बहाल करने का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। आगामी दिनों में वृहद पौधारोपण अभियान चलाया जाएगा।केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने की सराहनासिंधिया ने इस सफल अभियान पर प्रतिक्रिया देते हुए वन विभाग की सशक्त कार्रवाई की सराहना की और कहा कि यह पहल प्रदेश की जैव विविधता के संरक्षण और पर्यावरण संतुलन की दिशा में एक महत्वपूर्ण और प्रशंसनीय कदम है।

ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रयासों से 275 बीघा वन भूमि अतिक्रमण से मुक्त, शिवपुरी में वन विभाग की बड़ी कार्रवाई
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कम शब्दों में कहें तो केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के लगातार प्रयासों की वजह से शिवपुरी में 275 बीघा वन भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया है। यह सफलता वन विभाग और स्थानीय प्रशासन की संयुक्त कार्रवाई का परिणाम है।
वन भूमि के अतिक्रमण का मामला
शिवपुरी जिले के सतनवाड़ा वन क्षेत्र में यह बड़ी कार्रवाई शनिवार को की गई। लंबे समय से अवैध कब्जों से परेशान स्थानीय निवासियों और विभिन्न गैर सरकारी संगठनों ने इस समस्या की ओर ध्यान आकर्षित किया, जिसके परिणामस्वरूप केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने इस मामले को प्राथमिकता दी। उन्होंने संबंधित अधिकारियों के साथ कई बार समीक्षा बैठकें आयोजित कीं, जिससे समस्या के समाधान के लिए ठोस कदम उठाए गए।
अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया
इस कार्रवाई में बीटोनी गांव के बीट ठाठी (आरएफ 481, 482 और पीएफ 913) की उन जमीनों को शामिल किया गया, जिनपर बल्लू सिकरवार, पंजाब सिंह गुर्जर, प्राण सिंह गुर्जर और शिशुपाल सिंह चौहान द्वारा अवैध घेराबंदी की गई थी। 9 जेसीबी मशीनों के जरिए इस घेराबंदी को हटाया गया, जिसमें क्रमशः 140, 80 और 55 बीघा भूमि को पुनः वन विभाग के स्वामित्व में लाया गया। यह कार्रवाई वनमंडलाधिकारी सुधांशु यादव और उपवनमंडलाधिकारी ए. प्रभंजन रेड्डी के नेतृत्व में संपन्न हुई।
भूमि पर पौधारोपण की योजना
अतिक्रमण से मुक्त कराई गई भूमि पर वन विभाग ने तुरंत प्रभाव से खैर, बबूल और प्रोसोपिस जैसी प्रजातियों के बीज बोकर हरियाली बहाल करने का कार्य प्रारंभ कर दिया है। इसके अलाव, आने वाले दिनों में वृहद पौधारोपण अभियान चलाए जाने वाले हैं, जिससे पर्यावरण संरक्षण और जैव विविधता को बढ़ावा मिले।
सिंधिया ने की एतिहासिक कदम की सराहना
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस सफल अभियान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "यह पहल प्रदेश की जैव विविधता के सरंक्षण और पर्यावरण संतुलन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।" उन्होंने वन विभाग की सशक्त कार्रवाई को सराहा और कहा कि इस प्रयास से न केवल वन भूमि पर कब्जा खत्म हुआ है, बल्कि स्थानीय पारिस्थितिकी को भी मजबूती मिली है।
भविष्य की संभावनाएँ
यह कार्रवाई न केवल प्रशासनिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह स्थानीय समुदायों की स्थिरता और पर्यावरण के संरक्षण के लिए भी आवश्यक है। केंद्रीय मंत्री सिंधिया के सक्रिय प्रयासों के बाद अब नागरिकों को सुरक्षित वन भूमि का उपयोग करने का अवसर मिलेगा, जो क्षेत्र की जैव विविधता को समृद्ध करेगा।
आने वाले समय में, इस दिशा में और अधिक पहलों और कार्यों की आशा है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हमारे वन संसाधनों की सुरक्षा बनी रहे।
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टीम द ओड नारी