गांव में भालू के आतंक से मवेशियों की सुरक्षा पर खतरा - ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन
The post भालू के आतंक से सहमे ग्रामीण मवेशियों पर हो रहे लगातार हमले appeared first on Avikal Uttarakhand. डीएम-वन विभाग को सौंपा ज्ञापन, धरना-भूख हड़ताल की चेतावनी अविकल उत्तराखण्ड पौड़ी। विकासखंड कल्जीखाल के मनियारस्यूं क्षेत्र में भालू का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। बीते दिनों बडकोट गांव… The post भालू के आतंक से सहमे ग्रामीण मवेशियों पर हो रहे लगातार हमले appeared first on Avikal Uttarakhand.

गांव में भालू के आतंक से मवेशियों की सुरक्षा पर खतरा - ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन
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कम शब्दों में कहें तो, उत्तराखंड के पौड़ी जिले के कल्जीखाल विकासखंड में भालू के बढ़ते आतंक के कारण ग्रामीणों में भय का माहौल है। मवेशियों पर लगातार हमले हो रहे हैं, जिससे villagers ने खुफिया जानकारी के बाद प्रशासन को ज्ञापन सौंपा और धरना देने की चेतावनी दी है।
भालू का आतंक बढ़ता जा रहा है
पौड़ी के मनियारस्यूं क्षेत्र में भालू की गतिविधियाँ लगातार बढ़ती जा रही हैं। हाल ही में बडकोट गांव में एक गर्भवती गाय की मौत के बाद ग्रामीणों में चिंता बढ़ गई है। इससे पहले भी, भालू ने कई बार मवेशियों को निशाना बनाया है, जिससे गांवों में दहशत का माहौल पैदा हो गया है।
ग्रामीणों का कहना है कि भालू गौशालाओं को तोड़कर मवेशियों पर हमला कर रहा है, जिससे स्थिति और भी गंभीर होती जा रही है। स्थानीय बच्चों में इतना डर है कि वे स्कूल जाने से कतराने लगे हैं। इस स्थिति ने न केवल मवेशियों की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है, बल्कि गांव के सामाजिक जीवन को भी प्रभावित किया है।
प्रशासन की कार्रवाई की मांग
ग्राम दिऊसा, बडकोट, भटकोटी, कठूड़ और असगढ़ के ग्रामीणों का एक शिष्टमंडल कल गढ़वाल के प्रभागीय वनाधिकारी को ज्ञापन सौंपने पहुंचा। उन्होंने वन विभाग से मांग की कि भालू के आतंक को नियंत्रित करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। एसडीओ वन विभाग, आईशा बिष्ट ने बताया कि अद्वानी रेंज से प्रतिदिन रिपोर्ट ली जा रही है और उसे शासन को भेजा जा रहा है।
इसके बाद, शिष्टमंडल ने जिलाधिकारी से मुलाकात की और प्रार्थना की कि पैठाणी क्षेत्र में की गई कार्रवाई के अनुसार भालू को मारने के आदेश जारी किए जाएं। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द कोई समाधान नहीं निकाला गया, तो वे पौड़ी मुख्यालय में धरना देंगे और भूख हड़ताल करने पर भी मजबूर होंगे।
ज्ञापन देने वालों में नवीन कुमार, रमेशचंद्र शाह, लक्ष्मण सिंह, सुभाष कुकरेती, मनीष, गणेश, जसपाल, नरेश थपलियाल और अन्य ग्रामीण शामिल थे। गांव के लोग एकजुट होकर अपने मवेशियों की सुरक्षा की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन सरकारी अधिकारियों की अनदेखी उनकी समस्याओं को और भी बढ़ा रही है।
समाज के सभी वर्गों को इस संकट में एकजुट होना आवश्यक है। अगर यह समस्या इसी तरह बढ़ती रही, तो स्थिति और भी खराब हो जाएगी। मवेशियों के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन को उचित कदम उठाने की आवश्यकता है।
इसके साथ ही, स्थानीय सरकारी संस्थाएं और वन विभाग भी अपनी जिम्मेदारियों को समझें और ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान करें। बिना उचित सुरक्षा के, ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति भी प्रभावित होगी।
इस गंभीर मुद्दे पर ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि स्थानीय निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। दरवाजे पर खड़े इस खतरे का समय रहते समाधान निकाला जाए।
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Team The Odd Naari
सरिता शर्मा