कुमाऊँ आयुक्त द्वारा नैनीताल-बेतालघाट घटनाओं की होगी मजिस्ट्रेटी जांच
The post नैनीताल-बेतालघाट घटनाओं की मजिस्ट्रेटी जांच करेंगे कुमाऊँ आयुक्त appeared first on Avikal Uttarakhand. मुख्यमंत्री की कांग्रेस से विस मंडप का धरना समाप्त करने की अपील तबादले और सीबीसीआईडी जांच के आदेश,यूकेडी ने प्रदर्शन किया अविकल उत्तराखण्ड भराड़ीसैंण। नैनीताल और बेतालघाट में हाल ही… The post नैनीताल-बेतालघाट घटनाओं की मजिस्ट्रेटी जांच करेंगे कुमाऊँ आयुक्त appeared first on Avikal Uttarakhand.

कुमाऊँ आयुक्त द्वारा नैनीताल-बेतालघाट घटनाओं की होगी मजिस्ट्रेटी जांच
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भराड़ीसैंण, उत्तराखंड: हाल में नैनीताल और बेतालघाट में हुई अराजक घटनाओं के चलते कुमाऊँ मंडल के आयुक्त ने मजिस्ट्रेटी जांच का आदेश दिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में प्रेस वार्ता के दौरान पुष्टि की कि यह जांच रिपोर्ट 15 दिनों के अंदर शासन को सौंप दी जाएगी। इसका राजनीतिक असर इतना गहरा है कि विधानसभा में भी माहौल गरमाया हुआ है।
घटनाओं का संक्षिप्त विवरण
नैनीताल और बेतालघाट में हाल ही में कई विवादास्पद घटनाएँ घटी हैं, जिनमें बेतालघाट के जिला पंचायत सदस्य का अपहरण जैसे गंभीर मामले शामिल हैं। इससे यशपाल आर्य की अगुवाई में कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा में धरना प्रदर्शन प्रारंभ किया है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि प्रशासन मामले में उचित कार्रवाई करने में विफल रहा है।
मुख्यमंत्री की कार्रवाइयाँ
मुख्यमंत्री धामी ने हालात की गंभीरता को देखते हुए जरूरी दिशा-निर्देश दिए हैं। उन्होंने भवाली के पुलिस क्षेत्राधिकारी और तल्लीताल के थानाध्यक्ष का स्थानांतरण करने का भी निर्णय लिया है। साथ ही, इन घटनाओं की जांच सीबीसीआईडी को सौंपने का निर्देश दिया गया है।
राजनीतिक अनिश्चितता और धरना
धरने में शामिल विधायकों ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। वे रजाई, गद्दे, और कंबल लेकर विधानसभा के मंडप में बैठे हैं। यह धरना तब शुरू हुआ जब कांग्रेस विधायकों ने नियम 310 के अंतर्गत चर्चा की मांग की, जिसेIgnored किया गया। इस वजह से सदन में लगातार हंगामा हुआ, जिससे कार्यवाही को कुछ वक्त के लिए स्थगित करना पड़ा।
भविष्य की दिशा
सीएम धामी ने धरना समाप्त करने की अपील की है, लेकिन धरने में शामिल विधायक अपनी मांगों पर अडिग बने हुए हैं। उनका कहना है कि भाजपा और कांग्रेस दोनों ही कानून-व्यवस्था को सुधारने के लिए गंभीर नहीं हैं। इस उठापटक में यूकेडी भी अपनी राजनीतिक स्थिति को मजबूत करने की कोशिश कर रहा है।
निष्कर्ष
नैनीताल और बेतालघाट में हुई घटनाओं की मजिस्ट्रेटी जांच स्थानीय प्रशासन और राजनीतिक दलों पर अतिरिक्त दबाव डाल सकती है। कुमाऊँ आयुक्त की जांच रिपोर्ट के परिणाम पर सभी की नजरें होंगी, क्योंकि नागरिकों को न्याय दिलाना बहुत जरूरी है।
सभी ने अब ठोस कदम उठाने की आवश्यकता को महसूस किया है। क्या जांच के निष्कर्ष राजनीतिक स्थिरता को लाने में मदद करेंगे? यह भविष्य में देखने के लिए और महत्वपूर्ण होगा।
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