अवैध खनन विवाद: विधायक पांडे के आरोपों की जांच, साबित हुई शून्य गड़बड़ी
The post अवैध खनन पर विधायक पांडे के आरोपों की जांच, शून्य गड़बड़ी appeared first on Avikal Uttarakhand. यूएसनगर की जांच टीम को नहीं मिले 60 फीट गहरे गड्ढे अवैध खनन पर भाजपा की ‘जंग’ सत्ता संघर्ष में तब्दील अब तक 29 वाहन सीज, करोड़ों का जुर्माना, क्षेत्र… The post अवैध खनन पर विधायक पांडे के आरोपों की जांच, शून्य गड़बड़ी appeared first on Avikal Uttarakhand.

अवैध खनन विवाद: विधायक पांडे के आरोपों की जांच, साबित हुई शून्य गड़बड़ी
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Written by: Neeta Sharma, Anjali Verma, and Rani Singh, team The Odd Naari
भूमिका
उत्तरााखंड के गदरपुर विधायक अरविंद पांडे ने इस वर्ष के प्रारंभ में अवैध खनन पर गंभीर आरोप लगाते हुए पुलिस और खनन विभाग से इसकी निष्पक्ष जांच की मांग की थी। उनके द्वारा उठाए गए इन आरोपों के चलते एक जांच टीम क्षेत्र में जांच शुरू की, जिसके परिणामस्वरूप कोई भी गड़बड़ी ना पाए जाने की जानकारी सामने आई।
जांच का निष्कर्ष
जांच टीम ने बाजपुर क्षेत्र में बौर और गडरी नदियों के तल का गहन निरीक्षण किया। रिपोर्ट के मुताबिक, टीम को अवैध खनन से संबंधित 50 से 60 फीट गहरे गड्ढे या उसके किसी प्रकार की गतिविधि का कोई सबूत नहीं मिला। स्थानीय खनन अधिकारी मनीष कुमार ने बताया कि बौर नदी का जल प्रवाह केवल 30-40 मीटर चौड़ाई तक ही सीमित था, जो इस बात को दर्शाता है कि अवैध खनन की कोई वास्तविक गतिविधि नहीं हुई है।
विधायक पांडे का बयान
विधायक पांडे ने कहा था कि अवैध खनन के कारण नदी के तल में गहरे गड्ढे बनाए गए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि खनन माफिया लगातार गहरे खनन की गतिविधियों में लगे हुए हैं, जो कि अवैध हैं। पांडे ने बताया कि उनके द्वारा दिए गए प्रशासनिक चेतावनियों के बावजूद अवैध खनन रोकने में कोई सफल परिणाम नहीं मिले हैं।
संबंधित कार्यवाहियाँ
जांच के दौरान टास्क फोर्स ने 29 वाहनों को सीज कर दिया और करोड़ों रुपये का जुर्माना भी लगाया। विभाग ने उल्लेख किया कि अवैध खनन पर असर डालने के लिए समय-समय पर निरंतर निरीक्षण और छापेमारी की जाती है, ताकि इस समस्या का समाधान किया जा सके।
भाजपा के अंदरूनी विवाद
यह मामला भाजपा के अंदर सत्ता संघर्ष का चौड़ा मुद्दा बन गया है। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत और तीरथ सिंह रावत जैसे अन्य नेताओं ने भी अवैध खनन की समस्या पर अपनी आवाज उठाई, जिससे राजनीतिक उथल-पुथल उत्पन्न हुई है। इस संदर्भ में, भाजपा के नेता अपनी आगामी चुनावी रणनीतियों पर विचार कर रहे हैं।
निष्कर्ष
विधायक पांडे ने यह भी कहा है कि यदि उनके आरोपों को निराधार साबित किया जाता है, तो वह राजनीति छोड़ देंगे। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा में अंतर्विरोध इस तरह की समस्याओं के समाधान में बाधा उत्पन्न कर सकते हैं।
संक्षेप में, यह आवश्यक है कि अवैध खनन के मुद्दे को न केवल स्थानीय स्तर पर, बल्कि राज्य स्तर पर भी गहराई से और गंभीरता से लिया जाना चाहिए।
कम शब्दों में कहें तो, विधायक पांडे के आरोपों की जांच ने राजनीतिक दृष्टिकोन से एक नई बहस का आगाज़ किया है, जो अवैध खनन की समस्याओं को उजागर करता है।
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