उत्तराखंड में बिना पंजीकरण प्रैक्टिस कर रहे डॉक्टरों पर लगेगी लगाम

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उत्तराखंड में बिना पंजीकरण प्रैक्टिस कर रहे डॉक्टरों पर लगेगी लगाम
उत्तराखंड में बिना पंजीकरण प्रैक्टिस कर रहे डॉक्टरों पर लगेगी लगाम

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Authored by Neha Sharma, Riya Patel, Team theoddnaari

उत्तराखंड सरकार का ऐतिहासिक कदम

उत्तराखंड में चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता को बेहतर बनाने और आम जनता के स्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक निर्णय लिया है। अब कोई भी चिकित्सक, चाहे वह सार्वजनिक या निजी क्षेत्र में कार्यरत हो, बिना पंजीकरण या नवीनीकरण के चिकित्सकीय प्रैक्टिस नहीं कर सकेगा। यह आदेश स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा जारी किया गया है, और इसका पालन सुनिश्चित करने के लिए सभी जनपदों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (CMO) को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।

बिना पंजीकरण प्रैक्टिस पर रोक

स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि यह कदम नेशनल मेडिकल कमीशन एक्ट 2019 के तहत उठाया गया है, जिसके अंतर्गत केवल वैध रूप से पंजीकृत चिकित्सक ही चिकित्सा सेवा प्रदान कर सकते हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बिना वैध पंजीकरण के किसी भी चिकित्सक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके फलस्वरूप, स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी।

समस्याओं का सामना

स्वास्थ्य सचिव के अनुसार, राज्य में कई चिकित्सकों ने वर्षों से बिना पंजीकरण प्रैक्टिस की है, जिससे सेवा की गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे थे। इसके तहत, सभी CMOs को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने जिलों में सभी डॉक्टरों की सूची तैयार करें और सुनिश्चित करें कि कोई भी बिना पंजीकरण कार्यरत न हो। इस प्रक्रिया से ना केवल सेवा की मानक में वृद्धि होगी, बल्कि लोगों का स्वास्थ्य भी सुरक्षित रहेगा।

जनता का विश्वास बढ़ाने वाला कदम

राज्य में स्वास्थ्य क्षेत्र में वृद्धि के लिए यह कदम अत्यधिक महत्वपूर्ण है। बिना प्रमाणपत्र वाले चिकित्सकों की पहचान कर उन्हें रोकने से जनता के बीच विश्वास बनाए रखने में मदद मिलेगी। डॉ. राजेश कुमार का कहना है कि यह निर्णय न केवल स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार लाएगा, बल्कि जनता के विश्वास को भी मजबूत करेगा।

सरल और तेज़ पंजीकरण प्रक्रिया

राज्य सरकार ने चिकित्सकों के पंजीकरण की प्रक्रिया को सरल और ऑनलाइन बनाने का भी निर्णय लिया है। इससे चिकित्सक अपनी पंजीकरण प्रक्रिया को आसानी से पूरा कर सकेंगे और कोई भी चिकित्सक अब बिना पंजीकरण प्रैक्टिस नहीं कर सकेगा। यह कदम न केवल प्रबंधन को बेहतर बनाएगा बल्कि चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता पर भी सकारात्मक प्रभाव डालेगा।

निष्कर्ष

यह निर्णय उत्तराखंड में चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता को सुनिश्चत करेगा और यह एक ऐतिहासिक कदम है जो भविष्य में चिकित्सा क्षेत्र में सुधार लाने के लिए सहायक होगा। स्वास्थ्य सचिव ने सभी चिकित्सकों से आग्रह किया है कि वे पंजीकरण सुनिश्चित करें ताकि वे रोगियों की सेवा कर सकें। इस दिशा में उठाए गए कदमों से जनता को केवल पंजीकृत और प्रमाणित चिकित्सकों से इलाज मिल सकेगा।

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