प्रेम कथा ‘वो साल चौरासी’ पुस्तक का लोकार्पण

The post प्रेम कथा ‘वो साल चौरासी’ पुस्तक का लोकार्पण appeared first on Avikal Uttarakhand. पुस्तक में पहाड़ के लोक समाज की वह जिजीविषा शामिल अविकल उत्तराखण्ड देहरादून। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री अजय टम्टा ने वरिष्ठ पत्रकार मनोज इष्टवाल की “वो साल चौरासी” किताब… The post प्रेम कथा ‘वो साल चौरासी’ पुस्तक का लोकार्पण appeared first on Avikal Uttarakhand.

प्रेम कथा ‘वो साल चौरासी’ पुस्तक का लोकार्पण
प्रेम कथा ‘वो साल चौरासी’ पुस्तक का लोकार्पण

प्रेम कथा ‘वो साल चौरासी’ पुस्तक का लोकार्पण

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देहरादून। आज एक विशेष अवसर पर, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री अजय टम्टा ने वरिष्ठ पत्रकार मनोज इष्टवाल की नई पुस्तक “वो साल चौरासी” का लोकार्पण किया। यह पुस्तक पहाड़ के लोक समाज में प्रेम, संघर्ष तथा जिजीविषा का अद्भुत चित्रण करती है।

पुस्तक की विशेषताएँ

“वो साल चौरासी” एक आत्मकथात्मक प्रेम गाथा है, जिसमें लेखक ने अपने अनुभवों के माध्यम से उस समय के युवा वर्ग की भावनाओं को सजीव रूप दिया है। इस पुस्तक में 1980 के दशक की गढ़वाल की सामाजिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि को बड़ी ही खूबसूरती से उकेरा गया है। मुख्यमंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में यह पुस्तक विमोचित हुई।

आत्म स्मरण और समाज की जीवंतता

किताब की समीक्षा करते हुए वन एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि ऐसी ऑटो बायोग्राफी लिखना साहस की बात है। मनोज इष्टवाल की पुस्तक उस दौर की प्रेम गाथा को पूरी संवेदनशीलता से प्रस्तुत करती है, जिससे वह लगभग 40 साल पहले के लोक समाज की वास्तविकताओं को समझने में मदद करती है।

आलोचना और समीक्षा

इस पुस्तक की समीक्षा की वरिष्ठ पत्रकार गणेश खुगशाल ‘गणी’ व प्रेम पंचोली ने। गणेश खुगशाल ने बताया कि यह पुस्तक उम्र के पहले पड़ाव की अनुराग की अनुभूति को पुनर्जीवित करती है। इस प्रेम कथा में प्रेमी की वेदना और संघर्ष को एक नया रूप मिलता है। वहीं प्रेम पंचोली के अनुसार, पुस्तक सिर्फ प्रेम की कहानी नहीं है, बल्कि इसमें पहाड़ के लोक समाज की जीवंतता को भी दर्शाया गया है।

पुस्तक का संदेश

“वो साल चौरासी” में प्रेम के सभी आयाम समाहित हैं। इसमें प्रेमी-प्रेमिका के रिश्ते के अलावा घर-परिवार, समाज और सामुदायिक निम्ति का भी सुंदर चित्रण किया गया है। लेखक ने पहाड़ की संसकृति, प्राकृतिक सौंदर्य एवं पारिवारिक रिश्तों की गहराई को सरल और सहज तरीके से दर्शाया है।

इस अवसर पर उत्तराखंड सरकार के कई उच्च अधिकारी जैसे कि सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने भी भाग लिया एवं पुस्तक की सराहना की।

निष्कर्ष

कुल मिलाकर, “वो साल चौरासी” एक संपूर्ण प्रेम कथा है, जिसमें पहाड़ की कहानियों, जिजीविषा, और प्रेम के विभिन्न पहलुओं को बड़ी कुशलता से प्रस्तुत किया गया है। यह किताब न केवल प्रेमियों के लिए, बल्कि समाज में प्रेम के सच्चे मायने समझने वालों के लिए भी एक अनमोल धरोहर है।

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