वडोदरा पुल हादसा: मृतकों की संख्या 16 थी, लापता की खोज अभी भी जारी है

वडोदरा में पादरा तालुका के मुजपुर और गंभीरा गांवों के बीच माही नदी पर बने गंभीरा पुल के बुधवार सुबह ढह जाने से कम से कम 16 लोगों की मौत हो गई। तीन- चार लापता लोगों की तलाश अब भी जारी है। इसके बाद यह बात सामने आई है कि 1986 में बने इस पुल की असुरक्षित स्थिति के बारे में स्थानीय नेताओं द्वारा की गई कई शिकायतों को अधिकारियों ने नजरअंदाज कर दिया।अधिकारियों ने यह जानकारी दी। बुधवार सुबह पादरा कस्बे के निकट गंभीरा गांव के पास चार दशक पुराने पुल का एक हिस्सा ढह जाने से कई वाहन महिसागर नदी में गिर गए। यह पुल आणंद और वडोदरा जिलों को जोड़ता है। वडोदरा जिले के पुलिस अधीक्षक रोहन आनंद ने बताया, ‘‘अब तक 16 शव बरामद किए जा चुके हैं जबकि तीन. चार लोग अब भी लापता हैं।’’ उन्होंने बताया, ‘‘तलाश एवं बचाव अभियान अब भी जारी है।’’ वडोदरा के जिलाधिकारी अनिल धमेलिया के अनुसार कम से कम तीन व्यक्ति अब भी लापता हैं। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की टीम नदी में जीवित बचे लोगों या शवों की तलाश कर रही हैं। धमेलिया ने घटनास्थल पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम नदी में चार किलोमीटर नीचे तक तलाश अभियान चला रही हैं। लोग अन्य लापता व्यक्तियों के बारे में जानकारी देने के लिए हमारे नियंत्रण कक्ष पर कॉल कर सकते हैं।’’ जिलाधिकारी ने कहा, ‘‘बारिश और नदी में गहरे दलदल के कारण बचाव अभियान चुनौतीपूर्ण हो गया है क्योंकि ऐसी स्थिति में कोई भी मशीन काम नहीं कर रही है। नदी के बीचोंबीच डूबे वाहनों के पास पहुंचने के लिए किनारे पर एक विशेष पुल का निर्माण किया जा रहा है।’’ अधिकारियों के अनुसार, मध्य गुजरात को राज्य के सौराष्ट्र से जोड़ने वाले गंभीरा-मुजपुर पुल का एक स्लैब बुधवार सुबह करीब सात बजे ढह गया जिससे पुल से गुजर रहे वाहन नदी में गिर गए। वडोदरा जिले के पुलिस अधीक्षक रोहन आनंद ने इससे पहले बताया था कि बचाए गए नौ लोगों में से पांच लोग घायल हैं और उनका वडोदरा के एसएसजी (सर सैयाजीराव जनरल) अस्पताल में इलाज किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि घायलों में से किसी की भी हालत गंभीर नहीं है।

वडोदरा पुल हादसा: मृतकों की संख्या 16 थी, लापता की खोज अभी भी जारी है
Vadodara Bridge Accident | वडोदरा पुल हादसे में मृतकों की संख्या बढ़कर 16 हुई, लापता लोगों की तलाश अब भी जारी

वडोदरा पुल हादसा: मृतकों की संख्या 16 हुई, लापता लोगों की तलाश अब भी जारी

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कम शब्दों में कहें तो वडोदरा के गंभीरा पुल के ढहने से 16 लोगों की जान चली गई है और तीन से चार लोग अब भी लापता हैं। ये घटना बुधवार सुबह माही नदी पर हुई थी, जिसकी स्थिति को लेकर कई बार स्थानीय नेताओं द्वारा शिकायत की गई थी, लेकिन अधिकारियों ने इसे नजरअंदाज कर दिया।

घटना का विवरण

गंभीरा पुल, जिसका निर्माण 1986 में हुआ था, बुधवार सुबह लगभग 7 बजे ढह गया। इस पुल के गिरने से कई वाहन माही नदी में गिर गए, जो आणंद और वडोदरा जिलों के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी है। वडोदरा के पुलिस अधीक्षक, रोहन आनंद ने कहा कि अब तक 16 शव बरामद हो चुके हैं और लापता लोगों की खोज जारी है।

अवसंरचना की लापरवाही

स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, इस पुल की असुरक्षित स्थिति के बारे में दर्जनों शिकायतें की गई थीं, लेकिन अधिकारियों ने इसे नजरअंदाज कर दिया। यह देखने में आ रहा है कि ब्रिज की सुरक्षा मानकों की अनदेखी ने इस दुखद घटना को जन्म दिया। इस पर सवाल उठने लगे हैं कि क्या इस प्रकार की लापरवाही के लिए कोई जिम्मेदार होगा और भविष्य में ऐसी घटनाओं से कैसे निपटा जाएगा।

वर्तमान बचाव कार्य

जिला कलेक्टर अनिल धमेलिया ने बताया कि अब तक कम से कम तीन व्यक्ति अब भी लापता हैं। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) और राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) की टीमें लगातार नदी के चार किलोमीटर नीचे तक खोज अभियान चला रही हैं। उन्होंने नागरिकों से अपील की है कि किसी भी लापता व्यक्ति की जानकारी के लिए हमारे नियंत्रण कक्ष पर कॉल करें।

हालांकि, भारी बारिश और नदी में दलदल के कारण बचाव कार्यों में कठिनाइयाँ आ रही हैं। डूबे हुए वाहनों तक पहुँचने के लिए विशेष पुल बनाया जा रहा है।

बचाव किए गए लोग और उनकी स्वास्थ्य स्थिति

प्रारंभिक रिपोर्ट में बताया गया है कि बचाए गए नौ व्यक्तियों में से पांच लोग घायल हैं और उनका वडोदरा के एसएसजी (सर सैयाजीराव जनरल) अस्पताल में इलाज चल रहा है। राहत की बात यह है कि घायलों में से किसी की भी हालत गंभीर नहीं है।

समुदाय पर प्रभाव और प्रतिक्रिया

इस हादसे ने समुदाय में एक गहरे सदमे की लहर को जन्म दिया है। स्थानीय नेता और नागरिक इस बात की मांग कर रहे हैं कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए तात्कालिक कार्रवाई की जाए। पुरानी अवसंरचनाओं की निगरानी और सुधार की आवश्यकता को भी जोर दिया जा रहा है। इस घटना के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए, स्थानीय निवासियों द्वारा एक प्रार्थना सभा का आयोजन किया जा रहा है।

इस प्रकार, गंभीरा पुल हादसा सार्वजनिक अवसंरचना के रखरखाव और निरीक्षण की आवश्यकता को उजागर करता है। भले ही खोज कार्य आगे बढ़ रहा है, यह घटना सुरक्षा नियमों, सामुदायिक जिम्मेदारी और सरकारी जवाबदेही के महत्व की बात करती है।

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सादर, टीम द ओड नारी

आर्या मेहता