देहरादून: खनन निदेशक राजपाल लेघा के नेतृत्व में उत्तराखंड को मिला राष्ट्रीय पुरस्कार, खनन प्रभावित क्षेत्रों में विकास की नई दिशा
नई दिल्ली/देहरादून: खनन प्रभावित क्षेत्रों के सतत विकास और जनकल्याण के उद्देश्य से भारत सरकार के खान मंत्रालय द्वारा 09 जुलाई को नई दिल्ली में राष्ट्रीय जिला खनिज फाउन्डेशन कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला के दौरान उत्तराखंड राज्य को राष्ट्रीय स्तर पर जिला खनिज फाउन्डेशन न्यास (DMF Trust) की गतिविधियों के लिए राष्ट्रीय […] Source

देहरादून: खनन निदेशक राजपाल लेघा के नेतृत्व में उत्तराखंड को मिला राष्ट्रीय पुरस्कार, खनन प्रभावित क्षेत्रों में विकास की नई दिशा
नई दिल्ली/देहरादून: 09 जुलाई को भारत सरकार के खान मंत्रालय द्वारा नई दिल्ली में आयोजित की गई राष्ट्रीय जिला खनिज फाउंडेशन कार्यशाला में उत्तराखंड को जिला खनिज फाउंडेशन न्यास (DMF Trust) की गतिविधियों के लिए एक प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया। इस उत्कृष्टता का श्रेय खनन निदेशक राजपाल लेघा के कुशल नेतृत्व को जाता है, जिन्होंने खनन प्रभावित क्षेत्रों के सतत विकास और जनकल्याण के लिए कई प्रभावशाली कार्यक्रम लागू किए हैं।
उत्तराखंड की सफलता की कहानी
उत्तराखंड ने पिछले कुछ वर्षों में विभिन्न कार्य योजनाओं को लागू करने में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। खनन प्रबंधन के क्षेत्र में उठाए गए कदमों ने न केवल प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन को सुदृढ़ किया है, बल्कि स्थानीय समुदायों के समग्र विकास के लिए भी आधारशिला रखी है। DMF Trust के अंतर्गत किए गए विकास कार्यों ने ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर उत्पन्न किए हैं, जिससे स्थानीय निवासियों के जीवन स्तर में भी सुधार आया है।
खनन मंत्रालय की कार्यशाला का महत्व
इस कार्यशाला का मुख्य लक्ष्य खनन प्रभावित क्षेत्रों के विकास में पारदर्शिता,जागरूकता और नवाचार को बढ़ावा देना था। इस आयोजन में विभिन्न राज्यों के अधिकारी और विशेषज्ञों ने भाग लिया और अपने अनुभव साझा किए। यह एक महत्वपूर्ण मंच था, जिसने देश में खनन क्षेत्र में नई दिशा और मार्गदर्शन प्रस्तुत किया। उत्तराखंड के लिए प्राप्त यह राष्ट्रीय पुरस्कार यह दर्शाता है कि राज्य ने विकास की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं।
राजपाल लेघा का दृष्टिकोण
खनन निदेशक राजपाल लेघा ने यह सफलता सामूहिक प्रयासों का परिणाम बताया है। उनका कहना है कि “हमारे लिए लोक कल्याण हमेशा प्राथमिकता रहेगा। हम खनन से होने वाले लाभ का उपयोग स्थानीय समुदायों की भलाई के लिए सुनिश्चित करते हैं।” उन्होंने स्थानीय महिलाओं और युवाओं के लिए विशेष योजनाएं लागू करने की पूर्ण प्रतिबद्धता व्यक्त की है, ताकि वृहद समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाया जा सके।
भविष्य की योजनाएँ
उत्तराखंड सरकार की भविष्य की योजनाओं में टिकाऊ खनन प्रथाओं को अपनाना, पर्यावरण संरक्षण के लिए नई नीतियाँ लागू करना, और स्थानीय समुदायों को अधिकतम रूप से शामिल करना शामिल है। सरकार का स्पष्ट उद्देश्य जनकल्याण के माध्यम से विकास को बढ़ावा देते रहना है और ऐसी परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित करना है जो स्थानीय निवासियों की आवश्यकताओं को पूरा करती हैं।
निष्कर्ष
राज्य को प्राप्त यह राष्ट्रीय पुरस्कार वास्तव में उत्तराखंड की खनन नीति और उसकी विकासात्मक योजनाओं की सफलता का प्रतीक है। खनन निदेशक राजपाल लेघा के नेतृत्व में विभाग ने जो कार्य किया है, वह न केवल उत्तराखंड बल्कि समग्र देश की खनन नीति पर सकारात्मक प्रभाव डालेगा। इस प्रेरणा के साथ, अन्य राज्य भी उत्तराखंड की इस सफलता से सीख सकते हैं और खनन कार्यों को जनकल्याण की दिशा में और आगे बढ़ा सकते हैं।
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Written by: Neha Sharma, signed off as Team The Odd Naari