रूस ने पूरे यूक्रेन पर कब्जा नहीं कर ‘काफी बड़ी रियायत’ दी है : ट्रंप
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि रूस ने यूक्रेन में युद्ध को समाप्त करने से पहले ही पूरे देश पर कब्जा करने के इरादे को छोड़कर ‘‘काफी बड़ी रियायत’’ दे दी है। ट्रंप के इस विचार का हालांकि यूक्रेन और यूरोप के अधिकांश देशों ने कड़ा विरोध किया है और दलील दी है कि रूस द्वारा भूमि हड़पने की अपनी कार्रवाई को रोकना कोई रियायत नहीं है। इससे पहले बृहस्पतिवार को ट्रंप ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से यूक्रेन पर हमले रोकने को कहा था। यह अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा रूसी नेता को मामले में फटकार लगाने की दुर्लभ घटना थी। ट्रंप ने यूक्रेन की राजधानी कीव पर रूस द्वारा बड़े पैमाने पर किये गए हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘‘मुझे कल रात की घटना पसंद नहीं आई। मैं इससे खुश नहीं हूं।’’ उन्होंने इस घटना को ही लेकर पुतिन की आलोचना की है।

रूस ने पूरे यूक्रेन पर कब्जा नहीं कर ‘काफी बड़ी रियायत’ दी है : ट्रंप
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The Odd Naari द्वारा, नेहा शर्मा, टीम नेतानागरी
अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में एक बयान में कहा है कि रूस ने यूक्रेन के मामलों में "काफी बड़ी रियायत" दी है। उनके इस बयान ने वैश्विक राजनीतिक हलचलों को फिर से जागृत कर दिया है। आइए, इस मुद्दे की गहराई में जाने का प्रयास करते हैं।
रूस और यूक्रेन का संघर्ष
रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष का इतिहास बहुत पुराना है, जो पिछले कुछ वर्षों से और भी गहरा हो गया है। रूस ने 2014 में क्रीमिया पर कब्जा कर लिया था, जिसके बाद से ये संबंध लगातार तनाव में हैं। ट्रंप का कहना है कि रूस का विस्तार नीति में कमी आई है, जो एक महत्वपूर्ण संकेत है।
ट्रंप के बयान का महत्व
डोनाल्ड ट्रंप का यह बयान कई स्तरों पर महत्वपूर्ण है। पहली बात, यह यूक्रेन के प्रति अमेरिका की नीति पर सवाल उठाता है। ट्रंप का मानना है कि यदि उनका प्रशासन होता तो स्थिति बेहतर होती। उनका यह बयान कई अनुशासनों को प्रभावित कर सकता है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
इस बयान ने वैश्विक नेताओं के बीच चर्चा का विषय बन गया है। कई देशों ने ट्रंप के कथन पर अपनी चिंताएं व्यक्त की हैं। यूरोपियन यूनियन ने कहा है किUkrainian sovereignty को बनाए रखना बहुत जरूरी है। वहीं, कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि रूस की सीमाओं को लेकर बातचीत की आवश्यकता है।
सम्भावित परिणाम
यदि ट्रंप की बातें सही हैं, तो यह अमेरिकी विदेश नीति में एक बदलाव को दर्शाता है। क्या यह नए विवादों का कारण बनेगा? क्या रूस और यूक्रेन के बीच कोई ताजा बातचीत होगी? ये सवाल आज की स्थिति में अनुत्तरित हैं।
निष्कर्ष
ट्रंप का यह बयान निश्चित रूप से रूस-यूक्रेन संघर्ष के परिप्रेक्ष्य में एक नई दिशा का संकेत दे सकता है। यह समय है कि वैश्विक समुदाय एकजुट होकर इस समस्या का समाधान खोजे, ताकि क्षेत्र की स्थिरता और शांति बनी रहे।
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