रूस को रोकने के लिए अमेरिका-यूक्रेन के बीच खनिज समझौता ज्यादा कारगर उपाय होगा : उपराष्ट्रपति Vance

वाशिंगटन । अमेरिका के उपराष्ट्रपति जे डी वेंस ने कहा है कि अमेरिका-यूक्रेन के बीच महत्वपूर्ण खनिजों का समझौता, अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा बल स्थापित करने के प्रस्ताव की तुलना में रूस को रोकने के लिए अधिक कारगर उपाय हो सकता है। अमेरिका के प्रमुख सहयोगी देशों ब्रिटेन और फ्रांस ने युद्ध के बाद यूक्रेन के लिए अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा बल बनाने का प्रस्ताव रखा है। वेंस ने सोमवार को ‘फॉक्स न्यूज चैनल’ के सीन हैनिटी के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि यह समझौता अमेरिका को यूक्रेन के महत्वपूर्ण खनिजों तक पहुंच प्रदान करेगा।उन्होंने कहा कि ‘‘यह किसी ऐसे देश से 20,000 सैनिकों को भेजने की तुलना में बेहतर सुरक्षा गारंटी है, जिसने 30 या 40 वर्षों से कोई युद्ध नहीं लड़ा है।’’ इन टिप्पणियों से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री केअर स्टॉर्मर तथा फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बीच यूक्रेन के मुद्दे पर मतभेदों का पता चलता है। यूरोपीय नेताओं ने यूक्रेन में संघर्ष-पश्चात शांति सेना की स्थापना का आह्वान किया है, ताकि यदि रूस और यूक्रेन युद्ध विराम पर पहुंच जाते हैं, तो रूस को फिर से हमले करने से रोका जा सके।वेंस ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति ट्रंप जानते हैं कि, यदि आप वास्तविक सुरक्षा गारंटी चाहते हैं, यदि आप वास्तव में यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन पर दोबारा आक्रमण न करें, तो सबसे अच्छी सुरक्षा गारंटी यूक्रेन के भविष्य के लिये अमेरिकियों को आर्थिक लाभ देने में है।’’ राष्ट्रपति कार्यालय ‘व्हाइट हाउस’ के एक अधिकारी ने सोमवार को पुष्टि की थी कि ट्रंप ने यूक्रेन को दी जाने वाली अमेरिकी सहायता रोकने का निर्देश दिया है, क्योंकि वह यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की पर रूस के साथ युद्ध समाप्त करने के लिए वार्ता में शामिल होने का दबाव बनाना चाहते हैं। पिछले सप्ताह जेलेंस्की की ट्रंप और वेंस के साथ बातचीत के दौरान तनावपूर्ण स्थिति पैदा हो गई थी।

रूस को रोकने के लिए अमेरिका-यूक्रेन के बीच खनिज समझौता ज्यादा कारगर उपाय होगा : उपराष्ट्रपति Vance
रूस को रोकने के लिए अमेरिका-यूक्रेन के बीच खनिज समझौता ज्यादा कारगर उपाय होगा : उपराष्ट्रपति Vance

रूस को रोकने के लिए अमेरिका-यूक्रेन के बीच खनिज समझौता ज्यादा कारगर उपाय होगा: उपराष्ट्रपति Vance

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लेखक: स्नेहा शर्मा, टीम नेतनागरी

परिचय

हाल ही में, अमेरिका के उपराष्ट्रपति Vance ने एक महत्वपूर्ण बयान दिया जिसमें उन्होंने रूस को रोकने के लिए अमेरिका और यूक्रेन के बीच खनिज समझौते की आवश्यकता को उजागर किया। उन्होंने कहा कि यह समझौता न केवल आर्थिक बल्कि सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह रिपोर्ट अमेरिका-यूक्रेन रिश्तों और विश्व राजनीति में एक नए मोड़ को दर्शाती है।

खनिज समझौता: एक नई दिशा

अमेरिका और यूक्रेन के बीच हो रहे खनिज समझौते के पीछे का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि रूस की आर्थिक स्थिति कमजोर हो। उपराष्ट्रपति Vance ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में रूस ने अपनी शक्ति को मजबूत करने के लिए खनिज संसाधनों का उपयोग किया है। ऐसे में, अमेरिका-यूक्रेन का यह सहयोग रूस की सैन्य गतिविधियों को नियंत्रित करने का एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।

अर्थव्यवस्था और सुरक्षा का सम्मिलन

इस समझौते का एक और पहलू यह है कि यह दोनों देशों की अर्थव्यवस्था को मजबूती देगा। Vance ने कहा कि अगर अमेरिका और यूक्रेन मिलकर खनिज संसाधनों का परिवहन और निष्कर्षण करेंगे, तो इससे न केवल उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, बल्कि यह रूस को भी आर्थिक रूप से कमजोर करेगा।

रूस की प्रतिक्रिया

रूस ने इस समझौते की तीखी निंदा की है और इसे एक नई साजिश के रूप में प्रस्तुत किया है। रूस का मानना है कि अमेरिका और यूक्रेन का यह प्रयास उनके खिलाफ है और इससे वैश्विक राजनीति में तनाव बढ़ेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि रूस के इस प्रकार के बयान का मुख्य उद्देश्य अपने लोगों में एकजुटता बनाए रखना है।

निष्कर्ष

अमेरिका और यूक्रेन के बीच खनिज समझौता रूस को रोकने का एक प्रभावी उपाय हो सकता है। उपराष्ट्रपति Vance के बयान ने इस बात को स्पष्ट किया है कि वैश्विक राजनीति में खनिज संसाधनों का क्या महत्व है। यह समझौता न केवल आर्थिक सहयोग का एक उदाहरण है, बल्कि यह सुरक्षा से जुड़ी चुनौतियों का सामना करने का एक प्रेरणादायक कदम भी है।

इस प्रकार, अमेरिका और यूक्रेन का यह नए खनिज समझौते का प्रयास विश्व राजनीति में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है और इसके परिणाम वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी प्रभाव डाल सकते हैं।

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