रायसीना मीडिल ईस्ट सम्मेलन में जयशंकर ने लिया हिस्सा, कहा- खाड़ी में हमारी उपस्थिति व्यापक और महत्वपूर्ण

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मजबूत व्यापार, कनेक्टिविटी और पीपुल टू पीपुल कनेक्ट के संबंधों के कारण पिछले दशक में भारत-मध्य पूर्व संबंधों के महत्वपूर्ण विस्तार पर प्रकाश डाला और कहा कि भारत मध्य पूर्व को दुनिया के लिए एक महत्वपूर्ण मार्ग के रूप में देखता है। जयशंकर ने यहां रायसीना मध्य पूर्व के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि मध्य पूर्व क्षेत्र भारत के रणनीतिक हितों के लिए महत्वपूर्ण है। खाड़ी क्षेत्र में देश का व्यापार लगभग 160 से 180 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक होता है।इसे भी पढ़ें: इजरायल के पेजर अटैक जैसे उड़ा न दे भारत, Made in India मोबाइल फोन को लेकर पाकिस्तान ने क्या बड़ा ऐलान कर दिया?जयशंकर ने कहा कि खाड़ी में हमारी उपस्थिति व्यापक और महत्वपूर्ण दोनों है। 9 मिलियन से अधिक भारतीय यहां रहते हैं और काम करते हैं, लेकिन खाड़ी एमईएनए क्षेत्र और भूमध्य सागर के प्रवेश द्वार के रूप में भी कार्य करती है। संयोगवश, भूमध्य सागर के साथ हमारा वार्षिक व्यापार 80 अरब अमेरिकी डॉलर का है और वहां भारतीय प्रवासियों की संख्या करीब पांच लाख है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में भारत की परियोजनाओं में हवाई अड्डे, बंदरगाह, रेलवे, फॉस्फेट, हरित हाइड्रोजन शामिल हैं। जयशंकर ने कहा कि भारत और मध्य पूर्व के प्रयासों को अफ्रीका, यूरोप, काकेशस और मध्य एशिया में आगे बढ़ाया जा सकता है। इसे भी पढ़ें: भारत सब देख रहा है...Chicken Neck पर पाकिस्तान और बांग्लादेश रच रहे कौन सी साजिशशायद ऐसा कोई डोमेन नहीं है जिसमें कनेक्टिविटी की तुलना में इस तरह के बहुपक्षीय सहयोग के लिए मजबूत मामला हो। समुद्री सुरक्षा और संरक्षा एक और मुद्दा है जहां वैश्विक घाटे को भरने के लिए समझ और तंत्र को आगे आना होगा। जयशंकर ने कहा कि मध्य पूर्व एक विस्तारित पड़ोस है जिसके साथ भारत पूरी तरह से फिर से जुड़ गया है, और नई दिल्ली को इस क्षेत्र के साथ अपने जुड़ाव को गहरा करने की जरूरत है।

रायसीना मीडिल ईस्ट सम्मेलन में जयशंकर ने लिया हिस्सा, कहा- खाड़ी में हमारी उपस्थिति व्यापक और महत्वपूर्ण
रायसीना मीडिल ईस्ट सम्मेलन में जयशंकर ने लिया हिस्सा, कहा- खाड़ी में हमारी उपस्थिति व्यापक और महत्वपूर्ण

रायसीना मीडिल ईस्ट सम्मेलन में जयशंकर ने लिया हिस्सा, कहा- खाड़ी में हमारी उपस्थिति व्यापक और महत्वपूर्ण

The Odd Naari द्वारा, लेखिका: स्नेहा वर्मा, टीम नेटानगरी

परिचय

हाल ही में आयोजित रायसीना मीडिल ईस्ट सम्मेलन में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने हिस्सा लिया। इस सम्मेलन में उन्होंने खाड़ी क्षेत्र में भारत की बढ़ती भूमिका और रणनीतिक जरूरीताओं पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि भारतीय उपस्थिति इस क्षेत्र में व्यापक और महत्वपूर्ण है।

खाड़ी में भारत की भूमिका

जयशंकर ने सम्मेलन में भारत के आर्थिक और सामरिक संबंधों पर जोर देते हुए कहा कि खाड़ी क्षेत्र में भारत की उपस्थिति केवल व्यापार तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सांस्कृतिक और राजनीतिक संबंधों के विस्तार में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। उन्होंने बताया कि भारतीय प्रवासी खाड़ी क्षेत्र की आर्थिक वृद्धि में एक महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।

सम्मेलन के मुख्य बिंदु

रायसीना मीडिल ईस्ट सम्मेलन में जयशंकर ने निम्नलिखित बिंदुओं पर प्रकाश डाला:

  • भारत के खाड़ी देशों के साथ मजबूत आर्थिक सम्बन्ध।
  • सुरक्षा और आतंकवाद पर सहयोग की आवश्यकता।
  • सांस्कृतिक आदान-प्रदान और समृद्धि के लिए अवसर।

भारत-खाड़ी संबंधों की मजबूती

जयशंकर ने खाड़ी देशों के साथ अपने संबंधों को और मजबूत करने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि भारत और खाड़ी देशों के बीच सहयोग केवल पारंपरिक मामलों तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि इसे नए क्षेत्रों में भी विस्तारित किया जाना चाहिए, जैसे कि विज्ञान, प्रौद्योगिकी और जलवायु परिवर्तन।

निष्कर्ष

रायसीना मीडिल ईस्ट सम्मेलन ने निश्चित रूप से यह साबित कर दिया है कि भारत खाड़ी क्षेत्र में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। जयशंकर के बयान से यह स्पष्ट होता है कि भारत अपनी उपस्थिति को बढ़ाने के लिए मानवीय, आर्थिक और सामरिक दृष्टिकोण से कार्य करेगा। इस तरह के सम्मेलन से भारत और खाड़ी देशों के बीच की साझेदारी और भी गहरी होगी।

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Keywords

Raisina Middle East Conference, S. Jaishankar, Gulf Cooperation, India Gulf relations, Indian expatriates, Middle East geopolitics, India and Gulf countries.