‘मोदी-धामी के नेतृत्व में उत्तराखण्ड का भविष्य उज्ज्वल’

The post ‘मोदी-धामी की मजबूती से ही अगला दशक उत्तराखण्ड का होगा’ appeared first on Avikal Uttarakhand. राजनीति के क्लाउड बर्स्ट में भगत दा ने फैलाये डैने सीएम धामी के राजनीतिक, प्रशासनिक व निजी गुणों की खोली कुंडली अविकल थपलियाल/समाचार विश्लेषण देहरादून। भाजपा में जारी राजनीतिक आपदा के… The post ‘मोदी-धामी की मजबूती से ही अगला दशक उत्तराखण्ड का होगा’ appeared first on Avikal Uttarakhand.

‘मोदी-धामी के नेतृत्व में उत्तराखण्ड का भविष्य उज्ज्वल’
‘मोदी-धामी के नेतृत्व में उत्तराखण्ड का भविष्य उज्ज्वल’

‘मोदी-धामी के नेतृत्व में उत्तराखण्ड का भविष्य उज्ज्वल’

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कम शब्दों में कहें तो, मोदी और धामी के मजबूत नेतृत्व के साथ ही उत्तराखंड का अगला दशक तय होगा।

देहरादून: भाजपा में राजनीति के जटिल हालात के बीच, पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की प्रशंसा में कसीदें पढ़े। उन्होंने सीएम धामी की प्रशासनिक और राजनीतिक कौशल की खुलकर तारीफ की। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम के अवसर पर उन्होंने कहा कि अगला दशक केवल तब ही उत्तराखंड का होगा, जब मोदी-धामी की जोड़ी को मजबूती मिलेगी।

राजनीति में नयी करवट

गुरुवार को आयोजित एक विचार गोष्ठी में, कोश्यारी ने सीएम धामी के सकारात्मक गुणों का गहन विश्लेषण किया। उनका मानना है कि धामी ने पिछले चार वर्षों में काफी सफलताएं हासिल की हैं। उन्होंने यह भी कहा कि धामी के नेतृत्व में न केवल राज्य की राजनीति बल्कि सामान्य जनता की सोच में भी सकारात्मक बदलाव आया है।

कोश्यारी का यह बयान ऐसे समय में आया है जब भाजपा में कुछ नेता अपनी ही सरकार पर आलोचनाओं के तीर चला रहे हैं। इस स्थिति को काबू करने के लिए कोश्यारी का समर्थन बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, “अगर हम चाहते हैं कि उत्तराखंड का अगला दशक सुनहरा हो, तो हमें धामी के नेतृत्व को मजबूती प्रदान करनी होगी।”

धामी की लोकप्रियता और उपलब्धियाँ

कोश्यारी ने उल्लेख किया कि धामी एक बहुत ही सफल और लोकप्रिय मुख्यमंत्री साबित हुए हैं। उनके कार्यकाल में, विपक्षी नेता और कार्यकर्ता तक उनकी आलोचना करने की बजाय उनकी तारीफ कर रहे हैं। यही सबसे बड़ी उपलब्धि है। धामी के कामकाज में सरलता, विनम्रता और दृढ़ता है, जो उन्हें एक उत्कृष्ट नेता बनाती है।

मुख्यमंत्री का दृष्टिकोण

सीएम धामी जनता के साथ संवाद स्थापित करने में विश्वास रखते हैं और उनका मानना है कि यदि निर्णय लेने में सख्ती की आवश्यकता हो, तो उन्हें उसी तरीके से कार्य करना चाहिए। उनके इस दृष्टिकोण ने उन्हें एक समर्पित नेता के रूप में स्थापित किया है।

कोश्यारी ने कहा, “राजनीति में मीठा होना बहुत कठिन होता है, लेकिन धामी ने दिखाया है कि वे किस प्रकार से परिश्रम और सच्चाई के साथ कार्य करते हैं।”

गोष्ठी में अन्य वक्ताओं की राय

गोष्ठी में दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल और उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नवीन चंद्र लोहनी ने भी धामी की योजनाओं की सराहना की। उन्होंने कहा कि धामी सरकार ने शिक्षा नीति को बेहतरीन तरीके से लागू किया है और राज्य की उच्च शिक्षा का स्तर बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं।

प्रो. दुर्गेश पंत ने कहा कि धामी सरकार विज्ञान और प्रौद्योगिकी में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए कार्य कर रही है। उनके कार्यों की प्रशंसा करते हुए प्रो. गोविंद सिंह ने कहा कि धामी सरकार ने नियुक्तियों में पारदर्शिता लाने के लिए ठोस कदम उठाए हैं।

पारिवारिक माहौल की जरूरत

कार्यक्रम में भाग लेते हुए वरिष्ठ पत्रकार विजेंद्र रावत ने भी धामी की नीतियों की प्रशंसा की और कहा कि उत्तराखंड में कई बड़े आयोजन उनके नेतृत्व में सफलतापूर्वक संपन्न हुए हैं। प्रवासी परिषद के उपाध्यक्ष पूरण चंद्र नैलवाल ने धामी के कार्यों को लेकर जनता के बीच में जाकर वास्तविक कार्य करने की आवश्यकता बताई।

इस प्रकार, सीएम धामी ने पिछले चार वर्षों में अनेक क्षेत्रों में सफलता हासिल की है। अगर भाजपा और उसके नेता धामी का समर्थन जारी रखते हैं, तो निश्चित रूप से उत्तराखंड का अगला दशक उज्ज्वल होगा।

अंत में, यह कहना बिल्कुल उचित होगा कि यदि राज्य की राजनीति को सकारात्मक दिशा में ले जाना है तो मोदी-धामी की जोड़ी पर भरोसा और विश्वास आवश्यक है।

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— टीम द ओड नारी