मातृशक्ति ने लिलियम की खुशबू से एक नई पहचान बनाई

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मातृशक्ति ने लिलियम की खुशबू से एक नई पहचान बनाई
मातृशक्ति ने लिलियम की खुशबू से गढ़ी नई पहचान

मातृशक्ति ने लिलियम की खुशबू से एक नई पहचान बनाई

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लेखक: सृष्टि शर्मा, निधि मेहता, टीम The Odd Naari।

लिलियम फूलों से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ता उत्तराखंड

कम शब्दों में कहें तो, उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में मातृशक्ति ने लिलियम फूलों की खेती के माध्यम से आत्मनिर्भरता की एक नई परिकल्पना बनाई है। कोट ब्लॉक की महिलाएं अब न केवल आर्थिक रूप से स्वतंत्र हो रही हैं, बल्कि अपने कौशल के माध्यम से अपनी पहचान भी बना रही हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का नेतृत्व इस अनोखी पहल को सफल बना रहा है, जिसके चलते महिलाएं अपनी मेहनत से नए कीर्तिमान स्थापित कर रही हैं।

महिलाओं का सशक्तिकरण: एक नया युग

उत्तराखंड के इस प्रोजेक्ट से यह स्पष्ट होता है कि "आत्मनिर्भर उत्तराखंड" का सपना अब हकीकत के रूप में आकार ले रहा है। कोट ब्लॉक में लिलियम फूलों की खेती के लिए विभिन्न पॉली हाउस बनाए गए हैं। यहां की महिलाओं ने एक साथ मिलकर इस प्रयास में हिस्सा लिया है, जो यह दर्शाता है कि अगर मन में लगन और मेहनत हो, तो सफलता दूर नहीं है।

सरकारी मदद से बढ़ती लिलियम खेती

उद्यान विभाग और ग्रामोत्थान परियोजना की ओर से 22 पॉली हाउस स्थापित किए गए हैं, जहां महिलाएं ओरिएंटल और डासिंग स्टार वैरायटी के बल्ब लगा रही हैं। प्रत्येक महिला समूह को इस उद्यम में मदद देने के लिए जिला योजना के अनुसार 50 प्रतिशत अनुदान भी प्रदान किया गया है, जिससे उनकी व्यवसायिक क्षमता में वृद्धि हो रही है।

आर्थिक लाभ और बाजार की संभावनाएं

लिलियम फूलों की खेती से महिलाओं को उत्पादन से विपणन तक हर स्तर पर सहायता प्रदान की जा रही है। ए-ग्रेड लिलियम फूलों की कीमत 80 रुपये, बी-ग्रेड 70 रुपये और सी-ग्रेड 60 रुपये तक निर्धारित की गई है। इस तरह, महिलाएं प्रति वर्ष 10 लाख रुपये आय का लक्ष्य रख रही हैं।

सीएम धामी का समर्थन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, "उत्तराखंड की मातृशक्ति हमारे राज्य का असली बल है।" उन्होंने इस पहल को सिर्फ एक कृषि परियोजना नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता, नवाचार और महिला सशक्तिकरण की दिशा में उठाया गया कदम बताया।

सकारात्मक परिवर्तन का जयकारा

यह पहल न केवल महिलाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार ला रही है, बल्कि यह राज्य के विकास में भी योगदान दे रही है। उत्तराखंड में यह एक सकारात्मक बदलाव की शुरुआत है, जो सामाजिक सशक्तिकरण का प्रतीक बन रहा है।

भविष्य की दिशा

कोट ब्लॉक की यह अनूठी पहल महिलाओं के लिए एक प्रेरणा स्रोत बन गई है और उत्तराखंड की पहचान को एक नई दिशा प्रदान कर रही है। मुख्यमंत्री का विज़न यह स्पष्ट करता है कि उत्तराखंड की हर बेटी और हर महिला को सपनों के पंख देने का प्रयास किया जा रहा है।

अंत में, मातृशक्ति द्वारा लिलियम की खुशबू से जो नई पहचान बनाई जा रही है, वह सकारात्मक परिवर्तन का एक स्पष्ट संकेत है, जो आगे चलकर सभी के लिए एक मिसाल बनेगी।

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