बरेली: प्राइमरी स्कूल की प्रधान अध्यापिका 50 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार

बरेली जिले में भ्रष्टाचार निवारण संगठन की टीम ने एक स्कूल की प्रधानाध्यापिका को 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। पुलिस सूत्रों ने बृहस्पतिवार के बताया कि बिथरी चैनपुर क्षेत्र के म्यूडी खुर्द स्थित प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापिका सरिता वर्मा को भ्रष्टाचार निवारण संगठन की टीम ने बुधवार को 50 हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ लिया। प्रभारी निरीक्षक प्रवीण सान्याल ने बताया कि सरिता वर्मा ने स्कूल में हुए निर्माण कार्य का भुगतान जारी करने के लिए ठेकेदार से नाजायज कमीशन मांगा था। पीड़ित ठेकेदार राजकुमार ने भ्रष्टाचार निवारण संगठन से इसकी शिकायत की। शिकायत की पुष्टि होने पर वर्मा को रंगे हाथ पकड़ने की योजना बनायी गयी। उन्होंने कहा, योजना के मुताबिक राजकुमार रिश्वत की रकम लेकर पहुंचा। प्रधानाध्यापिका ने जैसे ही ठेकेदार से वह धनराशि ली, टीम ने मौके पर ही उसे पकड़ लिया।’’ उन्होंने बताया कि गिरफ्तारी के बाद प्रधानाध्यापिका के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे अदालत में पेश किया गया। वहां से उसे जेल भेज दिया गया।

बरेली: प्राइमरी स्कूल की प्रधान अध्यापिका 50 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार
बरेली: प्राइमरी स्कूल की प्रधान अध्यापिका 50 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार

बरेली: प्राइमरी स्कूल की प्रधान अध्यापिका 50 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार

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कम शब्दों में कहें तो, बरेली जिले के म्यूडी खुर्द स्थित प्राथमिक विद्यालय की प्रधान अध्यापिका सरिता वर्मा को भ्रष्टाचार निवारण संगठन (एसीबी) ने 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा है। यह मामला शिक्षा क्षेत्र में भ्रष्टाचार का एक और उदाहरण है जो समाज के लिए चिंता का विषय है।

प्रमुख घटनाक्रम

बृहस्पतिवार को मिली जानकारी के अनुसार, बिथरी चैनपुर क्षेत्र की प्रधान अध्यापिका सरिता वर्मा ने ठेकेदार से स्कूल में हुए निर्माण कार्य का भुगतान जारी करने के लिए नाजायज कमीशन मांगा था। पीड़ित ठेकेदार राजकुमार ने इस मामले की शिकायत एसीबी से की। शिकायत की पुष्टि होने के बाद, एसीबी ने प्रधान अध्यापिका को रंगे हाथ पकड़ने की योजना बनाई।

एसीबी की कार्रवाई

प्रभारी निरीक्षक प्रवीण सान्याल ने बताया कि योजना के अनुसार राजकुमार रिश्वत की राशि लेकर स्कूल पहुँचा। जैसे ही सरिता वर्मा ने धनराशि स्वीकार की, एसीबी की टीम ने मौके पर ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया। यह कार्रवाई एसीबी की समर्पण और भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाने की रणनीति का एक हिस्सा है।

अर्थव्यवस्था और शिक्षा प्रणाली पर असर

यह घटना केवल एक व्यक्ति की गलती नहीं है, बल्कि यह शिक्षा प्रणाली में व्यापक भ्रष्टाचार की ओर इशारा करती है। स्कूलों में रिश्वतखोरी के मामले अक्सर सुनने में आते हैं, और यह बच्चों की शिक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं। ऐसे मामले यह दर्शाते हैं कि अगर हमें सुधार चाहिए, तो हमें सख्त कदम उठाने होंगे।

भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम

भ्रष्टाचार निवारण संगठन ने इस गिरफ्तारी के जरिए एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है कि वे बिना किसी भेदभाव के सबके खिलाफ कार्रवाई करने को तैयार हैं। ऐसे मामलों में सजगता और सक्रियता जरूरी है ताकि शिक्षा के क्षेत्र में नैतिकता और ईमानदारी की रक्षा की जा सके। इसके अलावा, भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए समाज के सभी वर्गों को अपनी भूमिका निभानी होगी।

निष्कर्ष

रीश्वतखोरी की इस घटना ने एक बार फिर से इस बात की पुष्टि कर दी है कि शिक्षा के क्षेत्र में सुधार की आवश्यकता है। यह हम सभी का कर्तव्य है कि हम भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाएं और एक ऐसा समाज बनाएं जहां परिश्रम और ईमानदारी का सम्मान किया जाए।

अधिक जानकारी के लिए, हमारे वेबसाइट पर जाएं।

टीम द ऑड नारी, नेहा शुक्ला