प्रधानमंत्री मोदी की जापान-चीन यात्रा के बाद भारत वापसी, नई दिल्ली में किया इंडिया1 विमान का आगमन

चीन-जापान यात्रा समाप्त कर प्रधानमंत्री मोदी दिल्ली पहुंचे। उनका इंडिया1 विमान नई दिल्ली एयरपोर्ट पर लैंड किया। शी जिनपिंग ने तियानजिन शिखर सम्मेलन में शंघाई सहयोग संगठन की भूमिका का विस्तार करने का प्रयास किया। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने तियानजिन शिखर सम्मेलन में शंघाई सहयोग संगठन की भूमिका का विस्तार करने का प्रयास किया। जिनपिंग ने शिखर सम्मेलन में एससीओ द्वारा संचालित एक विकास बैंक के साथ-साथ हरित और ऊर्जा उद्योगों के लिए एक सहयोग मंच की प्रारंभिक योजनाएँ प्रस्तुत कीं। जिनपिंग ने संगठन के सदस्यों को अगले तीन वर्षों में 1.4 बिलियन डॉलर के ऋण देने का भी वादा किया। इसे भी पढ़ें: रूसी तेल से ब्राह्मण कमा रहे मुनाफा, ट्रंप के करीबी अब भारत पर हमले के निचले स्तर पर पहुंचेमोदी-पुतिन ने 50 मिनट तक बातचीत कीप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सोमवार को अपनी द्विपक्षीय वार्ता स्थल पर पुतिन की ऑरस लिमोज़ीन में एक साथ पहुँचे। रॉयटर्स ने रूसी राष्ट्रीय रेडियो स्टेशन वेस्टीएफएम के हवाले से बताया, "दोनों नेताओं ने होटल जाते समय आमने-सामने बातचीत जारी रखी, जहाँ उनकी टीमों के सदस्य उनसे मिलने वाले थे। हालाँकि, होटल पहुँचने पर वे रूसी राष्ट्रपति की लिमोज़ीन से नहीं उतरे और 50 मिनट तक बातचीत जारी रखी। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने भी बाद में पुष्टि की कि दोनों नेताओं ने वाहन में लगभग एक घंटे तक बातचीत की। प्रधानमंत्री मोदी ने वाहन के अंदर रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ अपनी एक तस्वीर साझा की। प्रधानमंत्री ने कहा कि एससीओ शिखर सम्मेलन स्थल पर कार्यवाही के बाद, राष्ट्रपति पुतिन और मैं अपनी द्विपक्षीय बैठक स्थल पर एक साथ गए। उनके साथ बातचीत हमेशा ज्ञानवर्धक होती है।इसे भी पढ़ें: ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन ने पाकिस्तान का साथ दिया, किस बात का शुक्रिया? AAP ने पीएम के SCO वाले बयान पर साधा निशानामोदी और पुतिन ने यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान पर चर्चा कीसोमवार को अपनी बैठक के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन में संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान पर भी चर्चा की। पुतिन के साथ अपनी बैठक के बाद, प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "हमने यूक्रेन में संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान सहित क्षेत्रीय और वैश्विक घटनाक्रमों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।

प्रधानमंत्री मोदी की जापान-चीन यात्रा के बाद भारत वापसी, नई दिल्ली में किया इंडिया1 विमान का आगमन
प्रधानमंत्री मोदी की जापान-चीन यात्रा के बाद भारत वापसी, नई दिल्ली में किया इंडिया1 विमान का आगमन

प्रधानमंत्री मोदी की जापान-चीन यात्रा के बाद भारत वापसी, नई दिल्ली में किया इंडिया1 विमान का आगमन

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कम शब्दों में कहें तो, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन-जापान यात्रा समाप्त कर नई दिल्ली लौट आए हैं। उनके इंडिया1 विमान ने नई दिल्ली एयरपोर्ट पर सफलतापूर्वक लैंड किया। यह यात्रा महत्वपूर्ण सामरिक और वैश्विक वार्ताओं के लिए जानी जाएगी जिसमें चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की भूमिका को विस्तार देने की कोशिश की।

चीन-जापान यात्रा का संक्षिप्त परिचय

प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में चीन और जापान की यात्रा की थी, जहां उन्होंने विभिन्न विषयों पर कई महत्वपूर्ण वार्ताएं कीं। इस यात्रा के दौरान, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने तियानजिन शिखर सम्मेलन में एससीओ की भूमिका को बढ़ाने के उद्देश्य से कई प्रमुख घोषणाएं की। जिनपिंग ने शिखर सम्मेलन में एससीओ द्वारा संचालित एक विकास बैंक की स्थापना पर बातचीत की और हरित तथा ऊर्जा उद्योगों के लिए एक सहयोग मंच प्रारंभ करने की योजनाएँ पेश कीं।

जिनपिंग का विकास बैंक का प्रस्ताव

इस सम्मेलन में, राष्ट्रपति जिनपिंग ने वर्तमान में एससीओ के सदस्यों के लिए अगले तीन वर्षों में 1.4 बिलियन डॉलर के ऋण उपलब्ध कराने का वादा किया। यह प्रस्ताव चीन के लिए अपनी वैश्विक स्थिति को मजबूत करने का एक प्रयास प्रतीत होता है, खासकर तब जब विश्व आर्थिक कोलाहल चल रहा है।

मोदी-पुतिन की द्विपक्षीय वार्ता

प्रधानमंत्री मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ भी एक महत्वपूर्ण बैठक की। दोनों नेताओं के बीच 50 मिनट तक चर्चा हुई। उनकी बातचीत का केंद्र बिंदु क्षेत्रीय मामले विशेषकर यूक्रेन संकट पर शांतिपूर्ण समाधान था। इस स्थिति को लेकर मोदी ने कहा, "हमने क्षेत्रीय और वैश्विक घटनाक्रमों पर विचारों का आदान-प्रदान किया," जो इस समय की आवश्यकता है।

भविष्य की योजनाएँ

यूक्रेन संघर्ष पर चर्चा के अलावा, मोदी और पुतिन ने अन्य वैश्विक मुद्दों पर भी अपने दृष्टिकोण साझा किए। इस वार्ता का महत्व न केवल भारत और रूस के संबंधों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह वैश्विक सुरक्षा के संदर्भ में भी नई दिशा प्रदान कर सकता है।

अगले कदम

चीन-जापान यात्रा से लौटने के बाद, मोदी निस्संदेह अपने राष्ट्र के लिए नई रणनीतियों का पालन करेंगे और वैश्विक सामरिक समीकरणों में भारत की भूमिका को मजबूत करने की अपनी योजनाओं पर कार्य करेंगे।

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हमेशा की तरह, ये वार्ताएं दिखाती हैं कि किस प्रकार वैश्विक राजनीति में नए समीकरण बन रहे हैं और भारत अपनी भूमिका को कैसे आकार दे सकता है।

टीम द ओड नारी, साक्षी