पोप पर उपचार का सकारात्मक प्रभाव दिख रहा
पोप फ्रांसिस रविवार को दोहरे निमोनिया के प्रकोप से उबरते हुए दिखे और उनके चिकित्सकों ने कुछ सकारात्मक खबरें दी हैं। पोप के चिकित्सकों ने कहा कि अस्पताल में तीन सप्ताह से अधिक समय बिताने के बाद उन पर उपचार का सकारात्मक असर दिखाई दे रहा है और हाल के दिनों में उनकी हालत में ‘धीरे-धीरे, थोड़ा सुधार’ हुआ है। रविवार की सुबह ताजा सूचना में, वेटिकन ने कहा कि फ्रांसिस एक राहत भरी रात के बाद आराम कर रहे हैं। 88 वर्षीय पोप लगातार चौथे रविवार को अपने साप्ताहिक आशीर्वाद समारोह के लिए उपस्थित नहीं होंगे, हालांकि वेटिकन ने उस संदेश को प्रसारित करने की योजना बनाई है जो पोप स्वस्थ होने पर लोगों को देते। वेटिकन के एक बयान में शनिवार को चिकित्सकों के हवाले से कहा गया था कि पोप को फेफड़ों की पुरानी बीमारी है और युवावस्था में उनके एक फेफड़े का हिस्सा निकाल दिया गया था। उनकी हालत स्थिर बनी हुई है, उन्हें कई दिन से बुखार नहीं है और उनके रक्त में ऑक्सीजन का स्तर अच्छा है। डॉक्टरों ने कहा कि ऐसी स्थिरता “उपचार के प्रति अच्छी प्रतिक्रिया को बयां करती है’’। यह पहली बार है जब चिकित्सकों ने बताया कि फेफड़ों के जटिल संक्रमण के उपचार के बाद फ्रांसिस की सेहत में सुधार दिखाई दे रहा है। गत 14 फरवरी को उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने के बाद फेफड़ों संबंधी समस्या का पता चला था। पहले इस बारे में जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई जिसका अर्थ यह निकाला जा रहा है कि वह खतरे से बाहर नहीं हैं। पोप की अनुपस्थिति में, वेटिकन के दिन-प्रतिदिन के कार्य उसके ‘पवित्र वर्ष’ की तैयारियों के साथ जारी हैं जिसमें प्रत्येक 25 वर्ष में लाखों तीर्थयात्री रोम आते हैं। पोप फ्रांसिस के करीबी कनाडाई कार्डिनल माइकल चेर्नी रविवार को स्वयंसेवकों के लिए पवित्र वर्ष का जश्न मना रहे हैं, जिसे पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार फ्रांसिस को मनाना था। फ्रांसिस दिन में सांस लेने में मदद के लिए पूरक ऑक्सीजन के उच्च प्रवाह और रात में एक गैर-इन्वेसिव ‘मैकेनिकल वेंटिलेशन मास्क’ का उपयोग कर रहे हैं।

पोप पर उपचार का सकारात्मक प्रभाव दिख रहा
टैगलाइन: The Odd Naari
लेखिका: नीतू शर्मा, टीम नीतानागरी
परिचय
हाल ही में, भक्तों और चिकित्सा विशेषज्ञों ने महसूस किया है कि पोप (पोप) पर धार्मिक उपचारों का सकारात्मक प्रभाव दिखने लगा है। विश्वभर में बढ़ती कोरोना महामारी के चलते, लोग वापस अपनी धार्मिक स्थलों पर लौटने लगे हैं और यहां उपचार का एक नया रूप भी देखने को मिल रहा है। क्या है इस परिवर्तन का राज? चलिए जानते हैं।
पोप द्वारा धार्मिक उपचार की परंपरा
पोप, जिसे आमतौर पर यीशु मसीह का प्रतिनिधि माना जाता है, ने हमेशा अपने अनुयायियों के लिए धार्मिक मार्गदर्शन प्रदान किया है। पोप के प्रवचनों के साथ-साथ, चिकित्सा उपचार की परंपराएं भी विकसित हुई हैं। हालाँकि, पिछले कुछ समय में, भक्तों ने देखा है कि कई व्यक्तिगत और सामूहिक प्रार्थनाओं के बाद, उनकी स्वास्थ्य समस्याओं में सुधार हो रहा है।
नवीनतम शोध और इसके परिणाम
चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा किए गए नवीनतम शोध में, पाया गया है कि धार्मिक प्रथाओं से मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। जो लोग नियमित रूप से प्रार्थना करते हैं, उन्हें तनाव और चिंता में कमी देखने को मिली है। इस बिंदु पर, कुछ चिकित्सक इसे धार्मिक रुख का परिणाम मान रहे हैं।
भक्तों का अनुभव
भक्तों की बात करें तो, एक सर्वेक्षण के दौरान, कई भक्तों ने यह बताया कि उन्होंने पोप के सामने प्रार्थना करने के बाद अपनी स्वास्थ्य समस्याओं में सुधार देखा है। आज के युग में जब लोग मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य की जटिलताओं से जूझ रहे हैं, ऐसी जानकारी उन्हें फिर से उम्मीद देती है।
उपचार प्रक्रिया का महत्व
यह अद्भुत है कि कैसे धार्मिक उपचार प्रक्रिया, जो आस्था और विश्वास पर आधारित होती है, शारीरिक उपचार के साथ-साथ मानसिक उपचार में भी मदद करती है। विशेषज्ञों का मानना है कि सकारात्मक सोच और विश्वास, स्वास्थ्य लाभ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
निष्कर्ष
संक्षेप में, पोप पर उपचार का सकारात्मक प्रभाव दिखने के कई कारण हैं। धार्मिक प्रथाओं के जरिए आत्मा को सुकून मिलता है, जो कि स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। यह एक अनकही सच्चाई है कि आस्था और स्वास्थ्य एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। ऐसे में, लोगों को अपने धार्मिक विश्वास को बनाए रखते हुए अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देना चाहिए।
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