पहलगाम हमला: सीएम उमर अब्दुल्ला ने स्थानीय निवासियों का किया बचाव, एनआईए की कार्रवाई पर उठाए सवाल
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को स्थानीय निवासियों का बचाव किया, जब राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने “पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए घातक हमले के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों को शरण देने के आरोप में दो कश्मीरी लोगों को गिरफ्तार किया। पत्रकारों से बात करते हुए, सीएम अब्दुल्ला ने कहा, “पहलगाम हमले में कोई स्थानीय संलिप्तता नहीं है, एनआईए द्वारा गिरफ्तार किए गए स्थानीय निवासियों को आतंकवादियों की मदद करने के लिए मजबूर किया गया था”। इसे भी पढ़ें: Prabhasakshi NewsRoom: Tamil Nadu Elections में Hindu दिखाएंगे अपने वोट की ताकत, Pawan Kalyan और Annamalai के भाषण से राज्य में जबरदस्त ध्रुवीकरणजम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए घातक हमले के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों को शरण देने के आरोप में भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने दो कश्मीरी लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई, जिनमें से ज्यादातर पर्यटक थे। पहलगाम के रहने वाले आरोपी परवेज अहमद जोथर और बशीर अहमद जोथर को जम्मू की एक स्थानीय अदालत में पेश किया गया और आगे की पूछताछ के लिए पांच दिनों के लिए एनआईए की हिरासत में भेज दिया गया। इसे भी पढ़ें: शशि थरूर ने कर दिया साफ, बीजेपी में नहीं हो रहा शामिल, पीएम मोदी की तारीफ की बताई वजहएनआईए के अनुसार, दोनों व्यक्तियों ने हमले से पहले जानबूझकर तीन हथियारबंद आतंकवादियों को हिल पार्क में एक मौसमी झोपड़ी में पनाह दी, उन्हें भोजन, आश्रय और रसद सहायता प्रदान की। आतंकवादियों की पहचान प्रतिबंधित आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) से जुड़े पाकिस्तानी नागरिकों के रूप में की गई। एनआईए ने कहा कि आरोपियों ने पूछताछ के दौरान तीनों हमलावरों की पहचान बताई।

पहलगाम हमला: सीएम उमर अब्दुल्ला ने स्थानीय निवासियों का किया बचाव, एनआईए की कार्रवाई पर उठाए सवाल
कम शब्दों में कहें तो, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हाल ही में पहलगाम में हुए हमले के संदर्भ में स्थानीय निवासियों का समर्थन किया है। जब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने दो कश्मीरी व्यक्तियों को आतंकवादियों को पनाह देने के आरोप में गिरफ्तार किया, तब सीएम ने कहा कि इन लोगों को आतंकवादियों की मदद करने के लिए मजबूर किया गया था।
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घटना का संक्षिप्त परिचय
22 अप्रैल को, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक आतंकवादी हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिसमें अधिकतर पर्यटक शामिल थे। इस भीषण घटना के बाद, एनआईए ने आरोप लगाया कि परवेज अहमद जोथर और बशीर अहमद जोथर नामक दो कश्मीरी लोगों ने आतंकवादियों को शरण दी थी। इन्हें जम्मू की एक स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जहां से इन्हें एनआईए की हिरासत में भेज दिया गया।
सीएम उमर अब्दुल्ला का बयान
सीएम उमर अब्दुल्ला ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए साफ कहा, “पहलगाम हमले में कोई स्थानीय संलिप्तता नहीं है। गिरफ्तार किए गए स्थानीय निवासियों को मदद करने के लिए मजबूर होना पड़ा था।” उनके इस बयान ने स्थानीय समुदाय में एनआईए की कार्रवाई को लेकर चिंता जताई है। स्थानीय निवासियों को लगता है कि एनआईए के आरोप उनकी छवि को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद और स्थानीय समुदाय
एनआईए के प्रवक्ता ने बताया कि आरोपियों ने जानबूझकर तीन हथियारबंद आतंकवादियों को हिल पार्क में स्थित एक मौसमी झोपड़ी में पनाह दी और उन्हें खाद्य, आश्रय और रसद सहायता प्रदान की। इस प्रकार के मामलों में स्थानीय समुदाय का सहयोग अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि उनकी सहायता के बगैर सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखना कठिन है।
स्थानीय निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना
उमर अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि सुरक्षा बलों को स्थानीय लोगों के साथ सहयोग बढ़ाने की जरूरत है ताकि आतंकवाद के खिलाफ एक बेहतरीन रणनीति बनाई जा सके। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि स्थानीय निवासियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए, जिससे आतंकवाद के समर्थन करने वालों की पहचान में मदद मिलेगी।
निष्कर्ष
उमर अब्दुल्ला के इस बयान ने एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है जो यह दर्शाता है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में स्थानीय सहयोग की आवश्यकता है। यह संदेश ना केवल स्थानीय निवासियों के लिए बल्कि सुरक्षा बलों और राष्ट्रीय जांच एजेंसी के लिए भी महत्वपूर्ण है। यदि एनआईए की कार्रवाई को सही दृष्टिकोण से नहीं देखा गया, तो स्थानीय समुदाय और सुरक्षा बलों के बीच विश्वास की कमी हो सकती है।
यह सच है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई केवल सुरक्षा बलों की नहीं है, बल्कि यह पूरे समाज का दायित्व है। हमें मिलकर इस संघर्ष को लड़ना होगा।
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स्रोत: टीम The Odd Naari (सुषमा शर्मा)