धान की कटाई में जिलाधिकारी की भागीदारी: ग्रामीण विकास के लिए उठाया कदम
जयप्रकाश नौगाई: पौड़ी गढ़वाल (उत्तराखंड): जिलाधिकारी गढ़वाल डॉ. स्वाति एस. भदौरिया ने तहसील पौड़ी के अंतर्गत ग्राम पंचायत डुंगरी का दौरा कर किसानों के साथ धान की कटाई और मंडाई में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने क्रॉप कटिंग प्रयोग (Crop Cutting Experiment – CCE) का निरीक्षण किया और किसानों को फसल बीमा व क्षतिपूर्ति से […] The post बड़ी खबर: ग्रामीणों के संग खेतों में पहुंची डीएम। धान की कटाई और मंडाई में हुई शामिल appeared first on पर्वतजन.

धान की कटाई में जिलाधिकारी की भागीदारी: ग्रामीण विकास के लिए उठाया कदम
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कम शब्दों में कहें तो, पौड़ी गढ़वाल के जिलाधिकारी डॉ. स्वाति एस. भदौरिया ने ग्राम पंचायत डुंगरी में धान की कटाई और मंडाई के काम में हिस्सा लिया। इस दौरे के दौरान उन्होंने किसानों से सीधा संवाद किया और कृषक समुदाय को फसल बीमा और अन्य सरकारी योजनाओं के लाभ के बारे में बताया।
ग्रामीणों के बीच प्रशासन का सक्रियता
हाल ही में जिलाधिकारी डॉ. स्वाति भदौरिया ने तहसील पौड़ी के अंतर्गत ग्राम पंचायत डुंगरी का दौरा किया। इस मौके पर, उन्होंने कृषि कार्यों में भाग लेकर स्थानीय किसानों के साथ धान की कटाई और मंडाई में सहयोग किया। यह कदम न केवल प्रशासन और ग्रामीणों के बीच संबंधों को मजबूत करता है, बल्कि किसानों के आत्मनिर्भरता की ओर भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित होता है।
धान की कटाई और मंडाई: कृषि का मुख्य आधार
धान की कटाई और मंडाई कृषि के दो महत्वपूर्ण चरण हैं। कटाई में फसल की गुणवत्ता और मात्रा का आंकलन किया जाता है, जबकि मंडाई में धान को सुखाने और पैक करने का काम होता है। डॉ. भदौरिया ने कहा कि यह प्रक्रिया न केवल किसानों की आजीविका का मुख्य स्रोत है, बल्कि यह खाद्य सुरक्षा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
क्रॉप कटिंग प्रयोग (CCE) की अनिवार्यता
दौरे के दौरान, जिलाधिकारी ने क्रॉप कटिंग प्रयोग (Crop Cutting Experiment – CCE) का निरीक्षण किया। यह प्रयोग किसानों को विभिन्न सरकारी योजनाओं का सही विवरण देने में मदद करता है, जिससे उपयुक्त मुआवजा मिल सके। यह योजना विशेष रूप से फसल बीमा के लाभ उठाने में सहायक है।
किसानों के साथ संवाद और सुझाव
डॉ. भदौरिया ने किसानों से बातचीत करते हुए उनके सुझाव और चुनौतियों पर चर्चा की। उन्होंने किसानों को फसल बीमा के महत्व के बारे में भी बताया और उन्हें यह सलाह दी कि किसी भी प्राकृतिक आपदा का सामना करने के लिए उन्हें अपने बीमा को सुनिश्चित करना चाहिए। इस संवाद ने प्रशासन और किसानों के बीच भरोसे की एक नई डोर बांधी।
उपसंहार
जिलाधिकारी का यह दौरा किसानों के लिए एक सकारात्मक अनुभव रहा। डॉ. भदौरिया ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम ग्रामीण विकास को प्रोत्साहित करते हैं और किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाते हैं। इसी तरह के प्रयासों से उत्तराखंड को कृषि के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है।
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