देहरादून में बच्चों की सुरक्षा के लिए सात मेडिकल स्टोरों के लाइसेंस निलंबित
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देहरादून में बच्चों की सुरक्षा के लिए सात मेडिकल स्टोरों के लाइसेंस निलंबित
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कम शब्दों में कहें तो: उत्तराखंड सरकार ने बच्चों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए देहरादून में सात मेडिकल स्टोरों के लाइसेंस निलंबित कर दिए हैं और संदिग्ध कफ सिरप के प्रयोग के खिलाफ कड़े कदम उठाए।
देहरादून। हाल ही में उत्तराखंड सरकार ने बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अवैध और असुरक्षित कफ सिरप के खिलाफ विस्तृत कार्रवाई शुरू की है। खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FDA) की टीमें पूरे राज्य में औचक निरीक्षण कर रही हैं।
मुख्य कार्रवाई
देहरादून में चकराता रोड, किशननगर, बल्लूपुर, कांवली रोड, बल्लीपुर और प्रेमनगर के छह मेडिकल स्टोरों के लाइसेंस को निलंबित किया गया है। इसके अलावा, संदिग्ध सिरप को जब्त कर लिया गया है और 11 नमूने प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजे गए हैं।
समीक्षा और नमूने
इसके अतिरिक्त, उधम सिंह नगर में 40 कफ सिरप के नमूने प्रयोगशाला भेजे गए हैं। हरिद्वार और रुड़की से 15 नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं। हल्द्वानी से तीन नमूने सरकारी अस्पताल से लिए गए हैं। कोटद्वार में ‘Respifresh TR’ सिरप का स्टॉक सीज किया गया और वहां से तीन नए नमूने लिए गए हैं। अल्मोड़ा, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी से कुल 12 नमूने जांच हेतु संकलित किए गए हैं। अब तक 170 नमूने जांच के लिए भेजे जा चुके हैं।
सरकारी प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस कार्रवाई के संदर्भ में स्पष्ट रूप से कहा,
“बच्चों के स्वास्थ्य से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। दवाओं की गुणवत्ता और सुरक्षा पर किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। हमारी सरकार बच्चों की जान से खिलवाड़ करने वाले किसी भी तत्व के खिलाफ सख्त है।”
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने भी इस मौ Anlass पर कहा,
“एफडीए की कार्रवाई यह संदेश देती है कि बच्चों की सेहत हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। बिना डॉक्टर की सलाह कोई भी सिरप बच्चों को न दें।”
सरकार की इस कार्रवाई से यह स्पष्ट हो गया है कि बच्चों की सुरक्षा के प्रति उत्तराखंड सरकार की प्रतिबद्धता अडिग है। हाल ही में अवैध दवाओं के उपयोग के मामलों में वृद्धि के कारण ऐसे कदम उठाए जा रहे हैं।
बच्चों की सेहत और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, आगामी समय में और सख्त कदम उठाए जा सकते हैं। यदि आप इस विषय पर अधिक जानकारी चाहते हैं या अन्य स्वास्थ्य संबंधी समाचारों के लिए, तो यहां क्लिक करें.
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